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RJD Adivasi Sammelan : राजद के आदिवासी सम्मेलन में नहीं पहुंचे लालू.. कुर्सी रह गई खाली

पटना में आरजेडी का आदिवासी सम्मेलन आयोजित हुआ. इस आदिवासी सम्मेलन में लालू परिवार से सिर्फ तेज प्रताप यादव मौजूद रहे. इस कार्यमक्रम में लालू यादव को भी शरीक होना था. लेकिन वह नहीं आ पाए. उनकी कुर्सी खाली रह गई. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jun 24, 2023, 9:09 PM IST

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पटना में आरजेडी का आदिवासी सम्मेलन

पटना: बिहार की राजधानी पटना में शनिवार को आरजेडी कार्यालय में आदिवासी सम्मेलन का आयोजन हुआ. इस मौके पर लालू परिवार से तेज प्रताप यादव सहित पार्टी के सभी दिग्गज पहुंचे हुए थे. वैसे तो इस कार्यक्रम में आरजेडी प्रमुख लालू यादव को भी आना था, लेकिन उनकी कुर्सी खाली ही रह गई. वह किसी कारणवश इस कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए. सभी नेता और कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि इसमें भाग लेने पहुंचेंगे, लेकिन लोगों को बस इंतजार ही रह गया.

ये भी पढ़ें : RJD Adivasi sammelan: तेज प्रताप का ये रंग भी देख लीजिए.. ढोलक बजाते हुए मिलाया कदम ताल

पहली बार हो रहा आदिवासी सम्मेलन: इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि "पहली बार अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ ने आदिवासी सम्मेलन कराकर लोगों के बीच बिहार में यह संदेश दिया है कि लालू प्रसाद और तेजस्वी प्रसाद यादव ने जो मान-सम्मान और अधिकार आदिवासी समुदाय को दिया है. उसे आदिवासी समाज कभी नहीं भूल सकता है". कार्यक्रम का आयोजन अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सत्येन्द्र शाह गोंड की अध्यक्षता में आयोजित की गई.

रानी दुर्गावती को दी श्रद्धांजलि: इस अवसर पर रानी दुर्गावती की शहादत दिवस पर उनको नमन करते हुए नेताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित की और उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण किया. वहीं पूर्व विधायक स्वीटी सीमा हेम्ब्रम ने आदिवासी समुदाय को मिले मान-सम्मान के प्रति राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव का आभार प्रकट किया और कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ने अनुसूचित जनजाति को अलग से संगठन में स्थान देकर पार्टी के अन्दर आदिवासी समुदाय की बातों को मजबूती प्रदान की. कार्यक्रम का संचालन आनंद लकड़ा ने किया.

अनुसूचित जाति-जनजाति को 5 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग: इस सम्मेलन में प्रस्ताव के माध्यम से कई मांगें भी रखी गई. इनमें बिहार राज्य में अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किये जाने, अनुसूचित जनजाति समुदाय का प्रतिनिधित्व विधान परिषद में हो, पटना में आदिवासी समुदायिक भवन का निर्माण किए जाने और विश्व आदिवासी दिवस 09 अगस्त को अन्य राज्यों की भांति बिहार में भी अवकाश घोषित किया जाना शामिल है.

'आरजेडी ने आदिवासियों को दिया मान-सम्मान': जगदानन्द सिंह ने कहा कि हर संघर्ष, आन्दोलन में आदिवासी समाज के मान-सम्मान के लिए राष्ट्रीय जनता दल सहभागी बनेगा. आदिवासी समाज ने अपनी संस्कृति और जंगल को बचाने में जो योगदान दिया है. उसे मजबूती देने के लिए हम सभी को इनके साथ मिलकर काम करना होगा. राष्ट्रीय जनता दल ने हमेशा गरीबों, शोषितों, पीड़ितों और आदिवासी समाज के मान-सम्मान को आगे बढ़ाने के लिए और मजबूती के साथ इनको हक और अधिकार देने का लालू प्रसाद और तेजस्वी प्रसाद यादव की जो सोच है. उसको सरजमीन पर महागठबंधन सरकार उतारेगी.

'पर्यावरण रक्षा के लिए सजग हैं आदिवासी समुदाय': इस अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा कि आदिवासी समुदाय अपनी मेहनत और बल पर समाज के बीच पहचान बनाते हैं और निःस्वार्थ भाव से पार्टी के साथ जुड़कर जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत कर रहे हैं. बिहार में महागठबंधन सरकार वन और पर्यावरण के प्रति पूरी तरह से सजग है और इसके लिए पेड़ों की रक्षा तथा पेड़ लगाने का निरंतर अभियान चल रहा है. पर्यावरण की रक्षा में आदिवासी समुदाय का बहुत बड़ा योगदान है.

"आदिवासी समुदाय अपनी मेहनत और बल पर समाज के बीच पहचान बनाते हैं और निःस्वार्थ भाव से पार्टी के साथ जुड़कर जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत कर रहे हैं. बिहार में महागठबंधन सरकार वन और पर्यावरण के प्रति पूरी तरह से सजग है और इसके लिए पेड़ों की रक्षा तथा पेड़ लगाने का निरंतर अभियान चल रहा है "- तेज प्रताप, मंत्री, वन एवंं पर्यावरण

'केंद्र सरकार छीन रही आदिवासियों का हक' : तेज प्रताप ने कहा कि केन्द्र की सरकार आदिवासियों के हक और अधिकार को छिनने का प्रयास कर रही है. उनके साथ सौतेलेपन का व्यवहार कर रही है जो स्पष्ट रूप से दिख रहा है. लालू प्रसाद अब पूरी तरह से फिट हो गये हैं, इसलिए भाजपा खेमे में बौखलाहट और घबराहट है. क्योंकि लालू जी ने हमेशा गरीब और आदिवासी को मान-सम्मान दिया है. इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि "दिल्ली की हुकूमत हिन्दुत्व के नाम पर आदिवासियों का अधिकार छीनना चाहती है और आदिवासियों की पहचान मिटाने के लिए वनवासी नाम से लोगों के बीच कार्य कर रही है".

'लालू यादव ने अदिवासियों में जगाई शिक्षा की चेतना' : उदय नारायण ने कहा कि इसके लिए हमसभी को आदिवासियों के साथ मजबूती के साथ खड़ा होना होगा. जबकि राष्ट्रीय महासचिव जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि लालू प्रसाद , तेजस्वी यादव ने हमेशा आदिवासी समुदाय को आगे बढ़ाने के प्रति अपनी सोच को आगे रखा है. जब लालू प्रसाद सत्ता में थे तो तिलकामांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर और सिदो कान्हो विश्वविद्यालय दुमका की स्थापना की और आदिवासियों को शिक्षा और शिक्षित होने के प्रति चेतना विकसित की.

'आदिवासियों का अधिकार छीनने का हो रहा प्रयास' : पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव डाॅ कांति सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद ने आदिवासी समुदाय और उनके विरासत को सम्मान देने के लिए पटना में बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित की, जो हमेशा इस समाज की संस्कृति और विरासत की मजबूती के लिए बिहार वासियों को प्रेरणा देती है. वहीं राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने कहा कि मूल निवासी और आदिवासी का अधिकार छीनने का लगातार प्रयास चल रहा है. इसके लिए लालू प्रसाद के विचारों के साथ हमें आगे बढ़कर उनके हक और अधिकार की रक्षा के लिए कार्य करना होगा.

'लालू यादव ने दिया आदिवासियों को स्वर' : राष्ट्रीय महासिचव भोला यादव ने कहा कि लालू प्रसाद ने गरीबों और आदिवासी समुदाय को जो स्वर दिया उसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है. इसके लिए राष्ट्रीय जनता दल तेजस्वी प्रसाद यादव के आर्थिक न्याय की अवधारणा को सरजमीन पर पहुंचाने के लिए आदिवासी समुदाय के बीच संगठन के माध्यम से पहुंच रहा है. इस अवसर पर विधायक भूदेव चौधरी, राष्ट्रीय महासचिव बिनू यादव, राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध कुमार मेहता, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, बल्ली यादव, डाॅ उर्मिला ठाकुर, सारिका पासवान, अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार साधु सहित अन्य नेता उपस्थित थे.

पारंपरिक वेशभूषा में आदिवासी नृत्य की दी प्रस्तुति: इस अवसर पर आदिवासी समाज के लोगों ने अपनी परंपरागत वेशभूषा को अपनाकर परंपरागत गीत पर बखूबी नृत्य किया. इस नृत्य में उन्होंने लय और सुर को शानदार तरीके से प्रस्तुत किया. इस सम्मेलन के बारे में और जानकारी देते हुए बांका के कटोरिया की पूर्व विधायक स्वीटी हेंब्रम ने कहा कि पूरे देश में लालू प्रसाद का कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने हर कदम पर हमारा साथ दिया है. इस आयोजन के जरिए हम यह दिखाना चाहते हैं कि महागठबंधन और आदिवासी समाज पूरी तरीके से एक है और आने वाले चुनाव में हम सब अपने ताकत दिखाएंगे.

"पूरे देश में लालू प्रसाद का कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने हर कदम पर हमारा साथ दिया है. इस आयोजन के जरिए हम यह दिखाना चाहते हैं कि महागठबंधन और आदिवासी समाज पूरी तरीके से एक है और आने वाले चुनाव में हम सब अपने ताकत दिखाएंगे" - स्वीटी हेम्ब्रम, पूर्व विधायक

पटना में आरजेडी का आदिवासी सम्मेलन

पटना: बिहार की राजधानी पटना में शनिवार को आरजेडी कार्यालय में आदिवासी सम्मेलन का आयोजन हुआ. इस मौके पर लालू परिवार से तेज प्रताप यादव सहित पार्टी के सभी दिग्गज पहुंचे हुए थे. वैसे तो इस कार्यक्रम में आरजेडी प्रमुख लालू यादव को भी आना था, लेकिन उनकी कुर्सी खाली ही रह गई. वह किसी कारणवश इस कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए. सभी नेता और कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि इसमें भाग लेने पहुंचेंगे, लेकिन लोगों को बस इंतजार ही रह गया.

ये भी पढ़ें : RJD Adivasi sammelan: तेज प्रताप का ये रंग भी देख लीजिए.. ढोलक बजाते हुए मिलाया कदम ताल

पहली बार हो रहा आदिवासी सम्मेलन: इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि "पहली बार अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ ने आदिवासी सम्मेलन कराकर लोगों के बीच बिहार में यह संदेश दिया है कि लालू प्रसाद और तेजस्वी प्रसाद यादव ने जो मान-सम्मान और अधिकार आदिवासी समुदाय को दिया है. उसे आदिवासी समाज कभी नहीं भूल सकता है". कार्यक्रम का आयोजन अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सत्येन्द्र शाह गोंड की अध्यक्षता में आयोजित की गई.

रानी दुर्गावती को दी श्रद्धांजलि: इस अवसर पर रानी दुर्गावती की शहादत दिवस पर उनको नमन करते हुए नेताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित की और उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण किया. वहीं पूर्व विधायक स्वीटी सीमा हेम्ब्रम ने आदिवासी समुदाय को मिले मान-सम्मान के प्रति राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव का आभार प्रकट किया और कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ने अनुसूचित जनजाति को अलग से संगठन में स्थान देकर पार्टी के अन्दर आदिवासी समुदाय की बातों को मजबूती प्रदान की. कार्यक्रम का संचालन आनंद लकड़ा ने किया.

अनुसूचित जाति-जनजाति को 5 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग: इस सम्मेलन में प्रस्ताव के माध्यम से कई मांगें भी रखी गई. इनमें बिहार राज्य में अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किये जाने, अनुसूचित जनजाति समुदाय का प्रतिनिधित्व विधान परिषद में हो, पटना में आदिवासी समुदायिक भवन का निर्माण किए जाने और विश्व आदिवासी दिवस 09 अगस्त को अन्य राज्यों की भांति बिहार में भी अवकाश घोषित किया जाना शामिल है.

'आरजेडी ने आदिवासियों को दिया मान-सम्मान': जगदानन्द सिंह ने कहा कि हर संघर्ष, आन्दोलन में आदिवासी समाज के मान-सम्मान के लिए राष्ट्रीय जनता दल सहभागी बनेगा. आदिवासी समाज ने अपनी संस्कृति और जंगल को बचाने में जो योगदान दिया है. उसे मजबूती देने के लिए हम सभी को इनके साथ मिलकर काम करना होगा. राष्ट्रीय जनता दल ने हमेशा गरीबों, शोषितों, पीड़ितों और आदिवासी समाज के मान-सम्मान को आगे बढ़ाने के लिए और मजबूती के साथ इनको हक और अधिकार देने का लालू प्रसाद और तेजस्वी प्रसाद यादव की जो सोच है. उसको सरजमीन पर महागठबंधन सरकार उतारेगी.

'पर्यावरण रक्षा के लिए सजग हैं आदिवासी समुदाय': इस अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा कि आदिवासी समुदाय अपनी मेहनत और बल पर समाज के बीच पहचान बनाते हैं और निःस्वार्थ भाव से पार्टी के साथ जुड़कर जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत कर रहे हैं. बिहार में महागठबंधन सरकार वन और पर्यावरण के प्रति पूरी तरह से सजग है और इसके लिए पेड़ों की रक्षा तथा पेड़ लगाने का निरंतर अभियान चल रहा है. पर्यावरण की रक्षा में आदिवासी समुदाय का बहुत बड़ा योगदान है.

"आदिवासी समुदाय अपनी मेहनत और बल पर समाज के बीच पहचान बनाते हैं और निःस्वार्थ भाव से पार्टी के साथ जुड़कर जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत कर रहे हैं. बिहार में महागठबंधन सरकार वन और पर्यावरण के प्रति पूरी तरह से सजग है और इसके लिए पेड़ों की रक्षा तथा पेड़ लगाने का निरंतर अभियान चल रहा है "- तेज प्रताप, मंत्री, वन एवंं पर्यावरण

'केंद्र सरकार छीन रही आदिवासियों का हक' : तेज प्रताप ने कहा कि केन्द्र की सरकार आदिवासियों के हक और अधिकार को छिनने का प्रयास कर रही है. उनके साथ सौतेलेपन का व्यवहार कर रही है जो स्पष्ट रूप से दिख रहा है. लालू प्रसाद अब पूरी तरह से फिट हो गये हैं, इसलिए भाजपा खेमे में बौखलाहट और घबराहट है. क्योंकि लालू जी ने हमेशा गरीब और आदिवासी को मान-सम्मान दिया है. इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि "दिल्ली की हुकूमत हिन्दुत्व के नाम पर आदिवासियों का अधिकार छीनना चाहती है और आदिवासियों की पहचान मिटाने के लिए वनवासी नाम से लोगों के बीच कार्य कर रही है".

'लालू यादव ने अदिवासियों में जगाई शिक्षा की चेतना' : उदय नारायण ने कहा कि इसके लिए हमसभी को आदिवासियों के साथ मजबूती के साथ खड़ा होना होगा. जबकि राष्ट्रीय महासचिव जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि लालू प्रसाद , तेजस्वी यादव ने हमेशा आदिवासी समुदाय को आगे बढ़ाने के प्रति अपनी सोच को आगे रखा है. जब लालू प्रसाद सत्ता में थे तो तिलकामांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर और सिदो कान्हो विश्वविद्यालय दुमका की स्थापना की और आदिवासियों को शिक्षा और शिक्षित होने के प्रति चेतना विकसित की.

'आदिवासियों का अधिकार छीनने का हो रहा प्रयास' : पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव डाॅ कांति सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद ने आदिवासी समुदाय और उनके विरासत को सम्मान देने के लिए पटना में बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित की, जो हमेशा इस समाज की संस्कृति और विरासत की मजबूती के लिए बिहार वासियों को प्रेरणा देती है. वहीं राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने कहा कि मूल निवासी और आदिवासी का अधिकार छीनने का लगातार प्रयास चल रहा है. इसके लिए लालू प्रसाद के विचारों के साथ हमें आगे बढ़कर उनके हक और अधिकार की रक्षा के लिए कार्य करना होगा.

'लालू यादव ने दिया आदिवासियों को स्वर' : राष्ट्रीय महासिचव भोला यादव ने कहा कि लालू प्रसाद ने गरीबों और आदिवासी समुदाय को जो स्वर दिया उसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है. इसके लिए राष्ट्रीय जनता दल तेजस्वी प्रसाद यादव के आर्थिक न्याय की अवधारणा को सरजमीन पर पहुंचाने के लिए आदिवासी समुदाय के बीच संगठन के माध्यम से पहुंच रहा है. इस अवसर पर विधायक भूदेव चौधरी, राष्ट्रीय महासचिव बिनू यादव, राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध कुमार मेहता, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, बल्ली यादव, डाॅ उर्मिला ठाकुर, सारिका पासवान, अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार साधु सहित अन्य नेता उपस्थित थे.

पारंपरिक वेशभूषा में आदिवासी नृत्य की दी प्रस्तुति: इस अवसर पर आदिवासी समाज के लोगों ने अपनी परंपरागत वेशभूषा को अपनाकर परंपरागत गीत पर बखूबी नृत्य किया. इस नृत्य में उन्होंने लय और सुर को शानदार तरीके से प्रस्तुत किया. इस सम्मेलन के बारे में और जानकारी देते हुए बांका के कटोरिया की पूर्व विधायक स्वीटी हेंब्रम ने कहा कि पूरे देश में लालू प्रसाद का कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने हर कदम पर हमारा साथ दिया है. इस आयोजन के जरिए हम यह दिखाना चाहते हैं कि महागठबंधन और आदिवासी समाज पूरी तरीके से एक है और आने वाले चुनाव में हम सब अपने ताकत दिखाएंगे.

"पूरे देश में लालू प्रसाद का कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने हर कदम पर हमारा साथ दिया है. इस आयोजन के जरिए हम यह दिखाना चाहते हैं कि महागठबंधन और आदिवासी समाज पूरी तरीके से एक है और आने वाले चुनाव में हम सब अपने ताकत दिखाएंगे" - स्वीटी हेम्ब्रम, पूर्व विधायक

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