पटना: बिहार की राजधानी पटना स्थित सदाकत आश्रम में शनिवार को कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर कहा कि हम किसे बुलाएं और किसे नहीं बुलाएंगे, यह सुशील मोदी से पूछने की आवश्यकता नहीं. कांग्रेस के कार्यक्रम को लेकर सुशील मोदी की जो प्रतिक्रिया आई, वो निंदनीय है. कांग्रेस किसे बुलाये, ना बुलाये इसके लिए कांग्रेस स्वतंत्र है. उन्होंने कहा कि सुशील मोदी तो मूल रूप से बिहार के निवासी भी नहीं हैं और बेरोजगारी की हालत में जी रहे हैं. बीजेपी पूरी तरह से फ्रस्टेशन का शिकार हो चुकी है.
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'लालू यादव ने रांची से की थी सोनिया गांधी से बात' : प्रेमचंद मिश्रा ने इस मौके पर लालू यादव के मंच से दिए गए बयान पर पर्दा डालने की पूरी कोशिश की. उन्होंने कहा कि लोगों को सुनने में गलती हुई है. उन्होंने कभी नहीं बोला की जेल से उन्होंने सोनिया गांधी से बातें की है. उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि रांची से उन्होंने सोनिया गांधी से बात की और कहा कि अखिलेश सिंह को पूरा समर्थन है. लालू यादव के इस बयान पर सुशील मोदी जो सवाल खड़े कर रहे हैं, सब फिजूल सवाल है और ऐसे सवालों का जवाब देना हर समय संभव नहीं.
"देश में जो घट रहा है, या फिर बेरोजगारी या महंगाई, इन सब पर सुशील मोदी कुछ नहीं बोलते हैं. आज वह बेरोजगारी की स्थिति में खुद जी रहे हैं. इस वजह से ऐसी बयानबाजी कर अपनी राजनीतिक उपयोगिता साबित करने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी कभी समसामयिक मुद्दे पर नहीं बोलती है. कांग्रेस उन्हें को अपने मंच पर जगह देती है जो कांग्रेस के विचारों का सम्मान करते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी कार्यक्रम का निमंत्रण था." - प्रेमचंद मिश्रा, एमएलसी, कांग्रेस
डेट फिक्स नहीं होने के कारण नहीं आ पाए CM : प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि कार्यक्रम का डेट फिक्स नहीं हो रहा था. एक दिन आगे पीछे चल रहा था और 26 तारीख के दिन मुख्यमंत्री का कहीं और कार्यक्रम पहले से तय था. पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम के कारण इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार शरीक नहीं हो पाए. BJP और सुशील मोदी ने कभी अपने कार्यालय में श्री कृष्ण जी की जयंती को नहीं मनाया और आज सुशील मोदी को श्री कृष्णा सिंह की याद आ रही है. लालू प्रसाद बिहार के बड़े नेता है, समाजिक न्याय और धर्म निरपेक्षता के पुरोधा हैं. सुशील मोदी के बयानों का कोई मतलब नहीं है.