पटना: मंगलवार को बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हैदराबाद में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से मुलाकात की. तेजस्वी यादव की केसीआर से मुलाकात (Tejashwi Yadav Meeting With KCR) के दौरान उनके साथ रहे आरजेडी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि दो सियासी नेताओं की मुलाकात ऐसे ही नहीं होती, उसके कुछ न कुछ मायने जरूर होते हैं. उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर चर्चा हुई है.
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अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि देश में विकल्प का होना बेहद जरूरी है. जब कांग्रेस का विकल्प बीजेपी हो सकती है और बीजेपी भी कई राज्यों में सत्ता से बाहर हो सकती है तो भविष्य की राजनीति को देखते हुए एक मजबूत विकल्प तैयार करना जरूरी है. इसी दिशा में क्षेत्रीय दलों को एकजुट करने की कोशिश (Initiative to Unite Regional Parties) शुरू की जा रही है. इस बारे में आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि भविष्य की रणनीति पर काम शुरू हो चुका है. आगे-आगे देखिए होता है क्या.
"5 राज्यों के चुनाव हो रहे हैं और लोकसभा चुनाव की भी तैयारी शुरू हो चुकी है. तेजस्वी यादव भी राष्ट्रीय राजनीति के एक चेहरा हैं. भविष्य की रणनीति पर काम शुरू हो चुका है. आगे-आगे देखिए होता है क्या"- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी
हालांकि बीजेपी तेजस्वी और केसीआर की इस मुलाकात को सामान्य बताते हुए इसे ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही. प्रदेश प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि तेजस्वी को तो अभी बहुत लोग जानते भी नहीं हैं. इसलिए वे लोगों से मिल रहे हैं. इस मुलाकात के बहुत ज्यादा सियासी अर्थ निकालना कहीं से उचित नहीं है.
"तेजस्वी को तो अभी बहुत लोग जानते भी नहीं हैं. इसलिए वे लोगों से मिल रहे हैं. इस मुलाकात के बहुत ज्यादा सियासी अर्थ निकालना कहीं से उचित नहीं है"- विनोद शर्मा, प्रवक्ता, बिहार बीजेपी
बीजेपी भले ही तेजस्वी यादव की केसीआर से मुलाकात को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही है, लेकिन बिहार की सियासत को नजदीक से देखने और समझने वाले राजनीतिक विश्लेषक इसे बेहद खास मुलाकात बता रहे हैं. बिहार और देश की राजनीति पर करीबी निगाह रखने वाले डॉ. संजय कुमार ने कहा कि आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (RJD President Lalu Prasad Yadav) हिंदी पट्टी के सबसे मजबूत नेताओं में से एक हैं और दक्षिण में चंद्रशेखर राव क्षेत्रीय दलों में सबसे मजबूत नेताओं में से एक हैं. इसीलिए चंद्रशेखर राव ने 2024 में बीजेपी को पटखनी देने के लिए क्षेत्रीय दलों को जोड़ने की तैयारी शुरू की है. उनका कहना है कि एक कोशिश लालू यादव ने भी की थी, जो मकाम तक नहीं पहुंच पाई. लिहाजा एक बार फिर उन्होंने तेजस्वी के भरोसे 2024 के लिए सियासी जमीन तैयार करने की तैयारी शुरू कर दी है, ताकि तीसरे मोर्चा के जरिए बीजेपी से 2024 के लोकसभा चुनाव में मजबूती से लड़ा जा सके.
"लालू यादव हिंदी पट्टी के सबसे मजबूत नेताओं में से एक हैं और दक्षिण में चंद्रशेखर राव क्षेत्रीय दलों में सबसे मजबूत नेताओं में से एक हैं. इसीलिए उन्होंने 2024 के लिए सियासी जमीन तैयार करने की तैयारी शुरू कर दी है तेजस्वी यादव के भरोसे, ताकि तीसरा मोर्चा बीजेपी से 2024 के लोकसभा चुनाव में मजबूती से लड़ सके"- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
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करीब 6 साल पहले की बात है जब लालू यादव ने मुलायम सिंह, नीतीश कुमार, शरद यादव, शरद पवार और कई अन्य पार्टियों को साथ लेकर चलने की कोशिश की थी. कई दौर की बातचीत भी हुई, हालांकि मामला आगे नहीं बढ़ पाया लेकिन तेजस्वी यादव और केसीआर की मुलाकात ने लालू यादव की पिछली कोशिशों की याद ताजा कर दी है. आरजेडी के वरिष्ठ नेताओं का भी मानना है कि लालू यादव के इशारे पर ही तेजस्वी यादव ने केसीआर से मुलाकात की है और वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. पिछली बार लालू यादव की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों और चारा घोटाला मामले में उनकी सजा की वजह से बात आगे नहीं बढ़ पाई थी, लेकिन इस बार युवा तेजस्वी के सहारे लालू 2024 को लेकर मास्टर स्ट्रोक खेलने की तैयारी में अभी से लग गए हैं. अब देखना है कि इसके क्या नतीजे सामने आते हैं.
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