पटना: राजधानी में कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर गंगा स्नान के लिए घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी संख्या में भीड़ पुहंची. घाटों पर प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. स्नान के लिए भारी संख्या में बाढ़ रेलवे स्टेशन पर भी भीड़ देखनी को मिली. वहीं सभी प्रमुख घाटों के बैरिकेडिंग के आगे नाव पर एनडीआरएफ के जवान मुस्तैद रहे. पटना के कृष्णा घाट पर भी हजारों की तादाद में श्रद्धालु गंगा स्थान करने पहुंचे.
'मनुष्य का कल्याण होता है'
पुजारी पीयूष रत्नाकर भट्ट ने बताया कि कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को श्रद्धालु स्नान करते हैं. उन्होंने बताया कि कार्तिक के दिन स्नान से तन, मन, शारीरिक और आर्थिक सभी तरह से मनुष्य का कल्याण होता है. उन्होंने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पुण्य काल का दिन है, इसलिए सारे भक्त पुण्य काल का स्नान करते हैं.
पापों से मिलती है मुक्ति
गोपालगंज जिले के डुमरिया घाट पर भी नारायणी नदी में मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई. हिंदू धर्मशास्त्र में ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में डुबकी लगाने से और गरीबों को दान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. एसडीपीओ नरेश पासवान ने बताया कि किसी भी प्रकार का कोई दुर्घटना ना हो इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है. साथ ही बताया कि गंगा घाटों पर एनडीआरएफ टीम की तैनाती भी की गई.
सिख धर्म में है खास महत्व
बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा सनातन धर्म और सिख धर्म के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. सिखों के पहले गुरु और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था. इस दिन सिख समुदाय के लोग प्रकाश पर्व मनाते हैं, गुरुद्वारों को विशेष रोशनी से सजाते हैं, भजन-कीर्तन के साथ लंगर का आयोजन किया जाता है. गुरु नानक जयंती के अवसर पर गुरुद्वारों में मथा टेका जाता है और आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. घरों को भी रोशनी से सजाया जाता है.