पटना: कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination) को बढ़ावा देने के लिए 3 जून को बिहार के सभी नगर निगम और नगर परिषद में टीकाकरण एक्सप्रेस की शुरुआत हुई थी. इसका उद्देश्य सभी शहरों के सभी वार्ड में 100 फीसदी टीकाकरण करना था.
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प्रदेश में 121 टीका एक्सप्रेस शुरू किए गए थे. एक वाहन से 1 दिन में कम से कम 200 वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया था. पटना को 40 टीकाकरण वैन मिले थे. इनके माध्यम से शहरी क्षेत्र के सभी वार्डों में स्थानीय वार्ड पार्षद के सहयोग से वैक्सीनेशन चल रहा है, लेकिन इसकी रफ्तार चिंताजनक है. टीकाकरण की धीमी रफ्तार की वजह कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की कमी है.
वैक्सीन की कमी के चलते 36 दिनों के टीकाकरण में 3 दिन टीका एक्सप्रेस बंद रहा. सरकार ने टीका एक्सप्रेस से 1 दिन में 200 वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा है. ऐसे में पटना में 3 जून से 9 जुलाई तक 2,88,000 लोगों को टीका लगना चाहिए था, लेकिन 1,14,943 लोगों को ही टीका लग सका. यह लक्ष्य का करीब 40 फीसदी है. पटना नगर निगम प्रशासन टीका एक्सप्रेस से टीकाकरण के इसी रफ्तार को तेज बताकर वाहवाही लूट रहा है.
बताते चलें कि टीका एक्सप्रेस शहर के जिस वार्ड में जाता है उस वार्ड के पार्षद किसी एक मोहल्ले के सामुदायिक भवन या पब्लिक प्लेस पर टीका एक्सप्रेस को खड़ा कराते हैं. इसके बाद मोहल्ले के ऐसे लोगों को टीका एक्सप्रेस के पास लाते हैं जिनका टीकाकरण कराना होता है. टीका एक्सप्रेस में मौजूद स्वास्थ्यकर्मी ऐसे लोगों का टीकाकरण करते हैं. वैक्सीन की कमी के चलते रविवार को टीका एक्सप्रेस बंद रखने का निर्णय लिया गया है. इस बात की पुष्टि डिस्ट्रिक्ट इम्यूनाइजेशन ऑफिसर डॉक्टर एसपी विनायक ने की है. टीका एक्सप्रेस से सिर्फ कोविशिल्ड वैक्सीन से ही वैक्सीनेशन चल रहा है.
गौरतलब है कि बिहार सरकार कोरोना टीकाकरण के लिए महा अभियान चला रही है. सरकार ने छह माह में छह करोड़ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा है. टीका की कमी के चलते टीकाकरण की रफ्तार घटी है. 1 जुलाई से महाभियान शुरू किया गया था. लक्ष्य पाने के लिए 3.3 लाख लोगों को रोज टीका लगाना था.
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