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पटना: अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा गुरु गोविंद सिंह अस्पताल

सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने भी इस अस्पताल की बदहाली और कमी को माना है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में जो भी कमी है उसे जल्द दूर किया जाएगा.

अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा गुरु गोविंद सिंह अस्पताल
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Published : Jul 5, 2019, 4:47 PM IST

पटना: सूबे की सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर लाख दावे करती हो लेकिन हकीकत कुछ और ही है. अस्पताल में भले मार्बल और संगमरमर जड़े हों लेकिन मूलभूत सुविधाओं से ये अस्पताल काफी महरूम हैं. पटना के गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में अधीक्षक नहीं हैं. अस्पताल में पानी की भी समस्या है.

गुरु गोविंद सिंह अस्पताल की स्थिति बदहाल
राज्य सरकार जिले को सभी अस्पतालों को हाईटेक बनाने की लगातार घोषणा करती है. लेकिन, आज भी कई अस्पताल ऐसे हैं जहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. जिले का सबसे बड़ा अस्पताल श्री गुरुगोविंद सिंह अस्पताल बिना अधीक्षक के राम भरोसे चल रहा है. इस अस्पताल में वार्ड से लेकर ऑपरेशन थियेटर तक पानी का सप्लाई नहीं है. दो आरओ और रेफ्रिजरेटर तो वार्ड में रखा है लेकिन वो भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

patna
डॉ. राजकिशोर चौधरी, सिविल सर्जन

टेक्नीशियन के अभाव में नहीं होता अल्ट्रा साउंड
अस्पताल में अल्ट्रा साउंड के लिए मशीन तो है लेकिन टेक्नीशियन नहीं होने के कारण मशीन बंद पड़ी है. ऐसे में मरीजों को अल्ट्रा साउंड कराने को लिए दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है. 320 कमरों के इस अस्पताल में निरीक्षण करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कई पदाधिकारी आते हैं लेकिन किसी ने आजतक इसकी सुध नहीं ली. जबकि इस अस्पताल के सर्वे सर्वा खुद पटना के सिविल सर्जन हैं.

सिविल सर्जन ने डॉक्टरों के साथ की बैठक
सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने भी अस्पताल की बदहाली और कमी को माना है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने आठ महीने पहले घोषणा की थी कि एक सप्ताह में यहां अधीक्षक की नियुक्ति हो जायेगी. लेकिन आठ महीने के बाद भी नियुक्ति नहीं हो पाई है. फिलहाल मरीजों को कैसे बेहतर सुविधा मुहैया कराई जाए, इसे लेकर सिविल सर्जन ने अस्पताल के कई डॉक्टरों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि बिना कोई भेद-भाव का काम करना और मरीजों को बेहतर सुविधा देना हमारी पहली प्राथमिकता है. सिविल सर्जन ने कहा कि अस्पताल में जो भी कमी है उसे जल्द दूर किया जाएगा.

पटना: सूबे की सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर लाख दावे करती हो लेकिन हकीकत कुछ और ही है. अस्पताल में भले मार्बल और संगमरमर जड़े हों लेकिन मूलभूत सुविधाओं से ये अस्पताल काफी महरूम हैं. पटना के गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में अधीक्षक नहीं हैं. अस्पताल में पानी की भी समस्या है.

गुरु गोविंद सिंह अस्पताल की स्थिति बदहाल
राज्य सरकार जिले को सभी अस्पतालों को हाईटेक बनाने की लगातार घोषणा करती है. लेकिन, आज भी कई अस्पताल ऐसे हैं जहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. जिले का सबसे बड़ा अस्पताल श्री गुरुगोविंद सिंह अस्पताल बिना अधीक्षक के राम भरोसे चल रहा है. इस अस्पताल में वार्ड से लेकर ऑपरेशन थियेटर तक पानी का सप्लाई नहीं है. दो आरओ और रेफ्रिजरेटर तो वार्ड में रखा है लेकिन वो भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

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डॉ. राजकिशोर चौधरी, सिविल सर्जन

टेक्नीशियन के अभाव में नहीं होता अल्ट्रा साउंड
अस्पताल में अल्ट्रा साउंड के लिए मशीन तो है लेकिन टेक्नीशियन नहीं होने के कारण मशीन बंद पड़ी है. ऐसे में मरीजों को अल्ट्रा साउंड कराने को लिए दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है. 320 कमरों के इस अस्पताल में निरीक्षण करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कई पदाधिकारी आते हैं लेकिन किसी ने आजतक इसकी सुध नहीं ली. जबकि इस अस्पताल के सर्वे सर्वा खुद पटना के सिविल सर्जन हैं.

सिविल सर्जन ने डॉक्टरों के साथ की बैठक
सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने भी अस्पताल की बदहाली और कमी को माना है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने आठ महीने पहले घोषणा की थी कि एक सप्ताह में यहां अधीक्षक की नियुक्ति हो जायेगी. लेकिन आठ महीने के बाद भी नियुक्ति नहीं हो पाई है. फिलहाल मरीजों को कैसे बेहतर सुविधा मुहैया कराई जाए, इसे लेकर सिविल सर्जन ने अस्पताल के कई डॉक्टरों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि बिना कोई भेद-भाव का काम करना और मरीजों को बेहतर सुविधा देना हमारी पहली प्राथमिकता है. सिविल सर्जन ने कहा कि अस्पताल में जो भी कमी है उसे जल्द दूर किया जाएगा.

Intro:सुवे की सरकार स्वास्थ वेवस्था को लेकर लाख दावे करती हो लेकिन सच्चाई आपके सामने है।अस्पताल भले मार्वल और संगमरमर जड़े हो लेकिन मूलभूत सुविधा का काफी अभाव है।टाइल्स-मार्वल,बातनाकुलित कमड़े भले ही डॉक्टर साहब के आराम के लिये है लेकिन मरीजो के लिए आज भी सुविधाओ का अभाव है।सबसे बड़ी बात यह है कि जिले का सबसे बड़ा अस्पताल गुरु गोविंद सिंह अस्पताल जो बिना अधीक्षक का है।और जो प्रभारी अधीक्षक है उनकी वात कोई विभाग सुनता ही नही।इस अस्पताल में पानी ही नही है तो आप खुद ही समझ सकते है कि जिस अस्पताल में पानी की समस्या बरकरार है,जिसके बिना मरीजो को प्यास नही बुझती है तो और का बात कह उठता है फिर मंत्री जी अस्पताल को हाईटेक बनाने में लगें है।


Body:स्टोरी:-अस्पताल की बदहाली।
रिपोर्ट:-पटना सिटी से अरुण कुमार।
दिनांक:-05-07-019.
एंकर:-सुवे की सरकार अस्पताल को हाईटेक बनाने की लगातार घोषणा करती है लेकिन आज भी कई अस्पताल सुविधा से महरूम है।जिले का सबसे बड़ा अस्पताल श्री गुरुगोविंद सिंह अस्पताल जो बिना अधीक्षक के सहारे राम भरोसे चल रहा है।इस अस्पताल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस अस्पताल में वार्ड से लेकर ऑपरेशन थियेटर तक पानी की सप्लाई नही है।दो आरओ रेफ्रिजरेटर वार्ड में रखा है वो भी वदहाल की स्तिथि में,अस्पताल में नया अल्ट्रा साउंड है लेकिन टेक्नीशियन नही होने के कारण जिस दिन से आया उस दिन कार्टून से निकला नही।जाँच और दवा भी इक्का-दुक्का मरीजो को मिल रहा है।320 कमरों का यह अस्पताल में निरीक्षण करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कई पदाधिकारी आते है लेकिन असज तक बदहाली कोई भी दूर नही किया।जबकि इस अस्पताल के करता धरता खुद पटना के सिविल सर्जन होते है।सिविलसर्जन डर राजकिशोर चौधरी ने भी इस अस्पताल की बदहाली और कमी को माना है और कहा कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे आठ महीने पूर्व इस अस्पताल में घोषणा किया था कि एक सप्ताह में अधीक्षक की नियुक्ति हो जायेगी लेकिन आठ महीने के बाद भी नियुक्ति नही हो पाई है।फिलहाल अस्पताल कैसे वेहतर बने लोगो को इलाज कैसे हो इसको लेकर सिविल सर्जन ने अस्पताल के कई डॉक्टरों के साथ वैठक कर कहा कि बिना कोई भेद-भाव का काम करना और मरीजो को वेहतर सुविधा देना हमारा पहला अधिकार है और जो भी कमी है उसे जल्द पूरा करेंगें।अस्पताल में कमी ही कमी दिख रही है लेकिन सरकार अपना वाहवाही लेने में कोई कसर नही छोड़े है और हाईटेक बनाने की बात लगातार फैलाते रहते है।लेकिन अस्पताल की हकीकत यही है कि अस्पताल में इक्का-दुक्का वेवस्था छोड़ सब वेवस्था से महरूम है देखिये एक रिपोर्ट।
बाईट(राजकिशोर प्रसाद चौधरी-सिविलसर्जन पटना)


Conclusion:जिले का सबसे बड़ा अस्पताल श्री गुरु गोविंद सिंह अस्पताल सभी सुविधाओं से महरूम है यहाँ सिर्फ अस्पताल में टाईल्स, मार्वल,और बातनाकुलित कमड़े आपको दिख जायेंगे लेकिन मरीजो को देने वाली सुविधा काफी महरूम है।
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