पटना: देश में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन है. ऐसे में कई राज्यों में बिहार के मजदूर फंसे हुए हैं. इसके बाद प्रवासी मजदूरों को सहायता देने के लिए सरकार ने 1 हजार रुपये कोरोना राहत के रूप में देने की घोषण की. कई लोगों के खाते में पैसे आ गए, लेकिन जिनका आधार और बैंक अकाउंट बिहार का नहीं है. उनको योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.
इस महामारी के समय में बिहार सरकार ने निर्णय लिया कि बिहार के राशन कार्ड धारियों और बिहार के बाहर रह रहे प्रवासी मजदूरों को सरकार के तरफ से 1 हजार रुपये अंशदान के रूप में दिया जाएगा, लेकिन कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनका अकाउंट और आधार बिहार का नहीं है. इस कारण उनके पास खाते में पैसे नहीं जा रहा है.
'नीति के अनुसार दी जा रही है पैसा'
बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि राशि भुगतान के मामले में सरकार ने जो नीति बनाई है. उसके तहत राशि भुगतान की जा रही है, जिनका आधार और बैंक अकाउंट बिहार का नहीं है, उन्हें राशि नहीं दी जा रही है.
मंत्री नीरज कुमार प्रवासी मजदूरों के परिवार को सरकार मानक के अनुसार लाभ दे रही है. उन्होंने कहा कि जिनका बिहार का आधार कार्ड है और बिहार में अकाउंट है, वैसे 1298000 लोगों के खाते में मुख्यमंत्री राहत कोष से करोना राहत के रूप में 1 हजार रुपये भेजे गए है.
'विचार विमर्श कर रही है सरकार'
बिहार सरकार के अनुसार राज्य के बाहर रह रहे मजदूरों, जिनके खाता या आधार बिहार का नहीं है. उन प्रवासी मजदूरों को मुख्यमंत्री राहत सहायता नहीं दी जाएगी. कई मामले ऐसे सामने आए हैं. इसके बाद सरकार इस पर विचार विमर्श कर रही है.