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श्रम कानून में बदलाव और निजीकरण के खिलाफ श्रमिक संगठन, PM का फूंका पुतला - निजीकरण के खिलाफ

प्रदर्शन कर रहे श्रमिक संगठनों के नेताओं ने बताया कि सरकार मजदूरों का शोषण और हनन कर रही है. सरकार लगातार ऐसी मजदूर विरोधी कानून बना रही है. जिससे मजदूरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना काल में आम से खास सभी लोग परेशान हैं.

पटना
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Published : Jul 3, 2020, 4:21 PM IST

पटना: केंद्रीय श्रमिक संगठन के आह्वान के बाद शुक्रवार को श्रमिक संगठन के बिहार इकाईयों ने देशव्यापी प्रदर्शन के तहत स्टेशन गोलंबर से डाकबंगला चौराहे तक प्रतिरोध मार्च निकाला. जिसमें सैकड़ों की संख्या में कई श्रमिक संगठनों ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया. साथ ही श्रमिक संगठनों ने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया.

पटना
नरेंद्र मोदी का पुतला दहन करते श्रमिक संगठन
प्रदर्शन कर रहे श्रमिक संगठनों के नेताओं ने बताया कि सरकार मजदूरों का शोषण और हनन कर रही है. सरकार लगातार ऐसी मजदूर विरोधी कानून बना रही है. जिससे मजदूरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना काल में आम से खास सभी लोग परेशान हैं. मजदूर नेताओं ने कहा कि ऐसे संकट के समय में मजदूरों के साथ सरकार का यह सौतेला व्यवहार बिल्कुल भी नहीं चलेगा.
ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'गरीबों को आर्थिक पैकेज का एक रुपया भी नहीं मिला'
वहीं, इंटक नेता चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि हम सरकार के मजदूर विरोधी कानून को नहीं मानते हैं. साथ ही मजदूर विरोधी कानून वापस नहीं लेने पर हम इसके लिए पुरजोर तरीके से आंदोलन करेंगे. चंद्र प्रकाश ने बताया कि सरकार ने मजदूरों के कार्य को 8 से बढ़ाकर 12 घंटा कर दिया है. वहीं, बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों और सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज से गरीब परिवारों को अब तक एक पैसा भी नहीं मिल सका है.

पटना: केंद्रीय श्रमिक संगठन के आह्वान के बाद शुक्रवार को श्रमिक संगठन के बिहार इकाईयों ने देशव्यापी प्रदर्शन के तहत स्टेशन गोलंबर से डाकबंगला चौराहे तक प्रतिरोध मार्च निकाला. जिसमें सैकड़ों की संख्या में कई श्रमिक संगठनों ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया. साथ ही श्रमिक संगठनों ने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया.

पटना
नरेंद्र मोदी का पुतला दहन करते श्रमिक संगठन
प्रदर्शन कर रहे श्रमिक संगठनों के नेताओं ने बताया कि सरकार मजदूरों का शोषण और हनन कर रही है. सरकार लगातार ऐसी मजदूर विरोधी कानून बना रही है. जिससे मजदूरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना काल में आम से खास सभी लोग परेशान हैं. मजदूर नेताओं ने कहा कि ऐसे संकट के समय में मजदूरों के साथ सरकार का यह सौतेला व्यवहार बिल्कुल भी नहीं चलेगा.
ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'गरीबों को आर्थिक पैकेज का एक रुपया भी नहीं मिला'
वहीं, इंटक नेता चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि हम सरकार के मजदूर विरोधी कानून को नहीं मानते हैं. साथ ही मजदूर विरोधी कानून वापस नहीं लेने पर हम इसके लिए पुरजोर तरीके से आंदोलन करेंगे. चंद्र प्रकाश ने बताया कि सरकार ने मजदूरों के कार्य को 8 से बढ़ाकर 12 घंटा कर दिया है. वहीं, बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों और सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज से गरीब परिवारों को अब तक एक पैसा भी नहीं मिल सका है.

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