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Bihar Diwas 2023: 'गर्व से कहो हम बिहारी हैं'.. इस धरा ने विश्व को क्या-क्या नहीं दिया

22 मार्च को बिहार दिवस मनाया जा रहा है. क्या आपको पता है आज से 15 साल पहले बिहार दिवस नहीं मनाया जाता था. फिर 2008 में पहली बार बिहार दिवस मनाए जाने लगा. हर साल बिहार दिवस मनाया तो जाता है, लेकिन बहुत ऐसे लोग हैं, जो बिहार के बारे में कम जानते हैं. आइए जानते हैं बिहार की विशेषता और किसने की बिहार दिवस मनाने की शुरुआत. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Mar 22, 2023, 3:54 PM IST

पटनाः राज्य में बिहार दिवस मनाया जा रहा है. अपना राज्य बिहार 110 साल का हो गया. इस दौरान बिहार में कई उतार-चढ़ाव आए. आज खुद को बिहारी कहना गर्व की बात है. बिहार दिवस के मौके पर जहां हमारे गौरवशाली अतीत हमारा सीना चौड़ा कर देता है, वही वर्तमान में भी हम देश की ह्रदय स्थली हैं. आज की तारीख में बिहार दिवस समारोह अंतर्राष्ट्रीय पहचान बना चुका है. बिहार का रहने वाला हर निवासी बिहार दिवस समारोह को उत्सवी रूप में मनाता है. बिहार को मूर्त रूप देने में सच्चिदानंद सिन्हा का योगदान रहा है. सच्चिदानंद सिन्हा के प्रयासों से ही बिहार का अलग अस्तित्व कायम हुआ था.

यह भी पढ़ेंः Bihar Day 2023: आज बिहार का 111वां स्थापना दिवस, जानिये कब से हुई बिहार दिवस मनाने की शुरुआत


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की बिहार दिवस मनाने की शुरुआत: नीतीश कुमार तो यह भी कहते रहे हैं कि बिहार इतना गौरवशाली रहा है, लेकिन किसी ने इसके स्थापना दिवस को लेकर कभी नहीं सोचा. जबकि कई राज्य बड़ी धूमधाम से अपने राज्य का स्थापना दिवस मनाते रहे हैं. 2008 में स्थापना दिवस मनाने की शुरुआत हुई. पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में सबसे बड़ा कार्यक्रम स्थल था, जिसमें मुख्यमंत्री और बिहार सरकार के अधिकांश मंत्री सभी आला अधिकारी शामिल हुए. उसी दिन यह भी तय हुआ कि अगले साल से वृहत स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. अब हर साल यह कार्यक्रम होने लगा.

15 साल पूर्व पहला बार बिहार दिवस मनाः 2009 से गांधी मैदान में 3 दिनों का कार्यक्रम आयोजित किया जाने लगा. यह कार्यक्रम पूरे बिहार में सरकार की ओर से शुरू किया गया. बिहार दिवस की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान हो चुकी है. हर बिहारी आज के दिन को उत्सव रूप में मनाता है, चाहे वह विश्व के किसी भी कोने में हो. बिहार दिवस की शुरुआत बिहार सरकार द्वारा नीतीश कुमार के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर की गई थी. इतना ही नहीं बिहार दिवस भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, बहरीन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, त्रिनिदाद और टोबैगो और मॉरीशस जैसे देशों में भी बड़े पैमाने पर मनाया जाता है.

बिहार दिवस के लिए सजा पटना.
बिहार दिवस के लिए सजा पटना.

बिहार से अशोक स्तंभ का रिस्ताः आधुनिक दौर में बिहार जहां तरक्की के पथ पर अग्रसर है, वहीं बिहार का अतीत गौरवशाली रहा है. बिहार के महान विभूतियों ने देश और विश्व को दिशा देने का काम किया है. महान विभूतियों की फेहरिस्त भी लंबी है. बिहार में ही पहला गणतंत्र और लोकतंत्र वैशाली के लिच्छवी वंश के द्वारा स्थापित किया गया. यहां मां सीता का जन्म हुआ, महाभारत के दानवीर कर्ण, भगवान् महावीर का जन्म हुआ, बुद्ध को ज्ञान, सिखों के दसमेश गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म, राजा चन्द्रगुप्त मौर्य से लड़ने की हिम्मत सिकंदर को भी नहीं हुई. सम्राट अशोक ने अरब तक हिन्दुस्तान का पताका फहराया और उसका अशोक स्तंभ आज देश का राष्ट्रीय चिह्न है.


80 साल के बूढ़े ने अंग्रेज को हरायाः बिहार गांधी जी का पहला प्रेरणादायक स्रोत बना, जिसने आज़ादी की आधारशिला रखी. इसकी शुरुआत चंपारण से हुई थी, जिसे चंपारण यात्रा नाम दिया गया था. ‌बिहार में राजा जरासंध, पाणिनि (जिसने संस्कृत व्याकरण लिखा), आर्यभट्ट जिन्होंने शून्य, दशमलव और सूर्य सिद्धांत दिया, चाणक्य (महान अर्थशास्त्री), रहीम, कबीर का जन्म हुआ है. ‌नंदवंश से लड़ने की हिम्मत सिकंदर की भी नहीं हुई. बिना लड़े विश्वविजेता डर कर भाग गया, यह वही बिहार है. 80 साल के बूढ़े बाबू वीर कुंवर सिंह ने 1857 के क्रांति में दो बार अंग्रेजों को हराया था.

प्रथम राष्ट्रपति से लेकर महान लेखकः बिहार ने देश को पहला राष्ट्रपति राजेन्द्र बाबू दिया. ‌बिहार में ही सम्पूर्ण क्रांति के जनक महान जय प्रकाश नारायण, जन नायक कर्पूरी ठाकुर, भिखारी ठाकुर (विदेशिया), शारदा सिन्हा जैसी महान भोजपुरी गायिका का जन्म हुआ. बिहार के गोनू झा के किस्से पूरे हिन्दुस्तान में प्रसिद्ध है. बिहार में ‌राम शरण शर्मा, हरी मोहन झा, विद्यापति, रामधारी सिंह दिनकर, रामवृक्ष बेनीपुरी, फणीश्वर नाथ रेणु, देवकी नंदन खत्री, इन्द्रदीप सिन्हा, राम करण शर्मा, महामहोपाध्याय पंडित राम अवतार शर्मा, नलिन विलोचन शर्मा, गंगानाथ झा, ताबिश खैर, कलानाथ मिश्र, आचार्य रामलोचन सरन, गोपाल सिंह नेपाली, बिनोद बिहारी वर्मा, आचार्य रामेश्वर झा, राघव शरण शर्मा, नागार्जुन, आचार्य जानकी बल्लभ शास्त्री जैसे महान लेखकों का जन्म हुआ.


बिस्स्मिल्लाह खान से मांझी तक सभी बिहार के हैंः बिहार में बिस्स्मिल्लाह खान का जन्म हुआ, जिसने सहनाई बजाकर अपनी अमिट छाप छोड़ गए. ‌दशरथ मांझी जैसे Mountain Man का बिहार में जन्म हुआ. स्वतंत्रता संग्राम में अपनी शहादत देकर अमरत्व पाने वाले शहीद जुब्बा सहनी, शहीद रामफल मंडल, शहीद बैकुंठ शुक्ला, शहीद पीर अली खान, शहीद सतीश प्रसाद झा, शहीद मथुरा मंडल, शहीद बुद्धन कहार, शहीद श्याम नंदन सिंह, शहीद परसन शाह, शहीद बंसी दास, शहीद प्रफुल चक्की सहित हजारों ऐसे शहीद जिन्होंने हंसते-हंसते अपने सीने पर अंग्रेजी हुकूमत की गोलियों खाई, या उनके द्वारा फांसी पर लटका दिया गए. सभी बिहार के रहने वाले थे. आज बिहार दिवस के शुभ अवसर पर उन सभी क्रांतिकारी वीर शहीदों के सामने हम आदर से अपना शीश झुकाते हैं.

पटनाः राज्य में बिहार दिवस मनाया जा रहा है. अपना राज्य बिहार 110 साल का हो गया. इस दौरान बिहार में कई उतार-चढ़ाव आए. आज खुद को बिहारी कहना गर्व की बात है. बिहार दिवस के मौके पर जहां हमारे गौरवशाली अतीत हमारा सीना चौड़ा कर देता है, वही वर्तमान में भी हम देश की ह्रदय स्थली हैं. आज की तारीख में बिहार दिवस समारोह अंतर्राष्ट्रीय पहचान बना चुका है. बिहार का रहने वाला हर निवासी बिहार दिवस समारोह को उत्सवी रूप में मनाता है. बिहार को मूर्त रूप देने में सच्चिदानंद सिन्हा का योगदान रहा है. सच्चिदानंद सिन्हा के प्रयासों से ही बिहार का अलग अस्तित्व कायम हुआ था.

यह भी पढ़ेंः Bihar Day 2023: आज बिहार का 111वां स्थापना दिवस, जानिये कब से हुई बिहार दिवस मनाने की शुरुआत


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की बिहार दिवस मनाने की शुरुआत: नीतीश कुमार तो यह भी कहते रहे हैं कि बिहार इतना गौरवशाली रहा है, लेकिन किसी ने इसके स्थापना दिवस को लेकर कभी नहीं सोचा. जबकि कई राज्य बड़ी धूमधाम से अपने राज्य का स्थापना दिवस मनाते रहे हैं. 2008 में स्थापना दिवस मनाने की शुरुआत हुई. पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में सबसे बड़ा कार्यक्रम स्थल था, जिसमें मुख्यमंत्री और बिहार सरकार के अधिकांश मंत्री सभी आला अधिकारी शामिल हुए. उसी दिन यह भी तय हुआ कि अगले साल से वृहत स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. अब हर साल यह कार्यक्रम होने लगा.

15 साल पूर्व पहला बार बिहार दिवस मनाः 2009 से गांधी मैदान में 3 दिनों का कार्यक्रम आयोजित किया जाने लगा. यह कार्यक्रम पूरे बिहार में सरकार की ओर से शुरू किया गया. बिहार दिवस की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान हो चुकी है. हर बिहारी आज के दिन को उत्सव रूप में मनाता है, चाहे वह विश्व के किसी भी कोने में हो. बिहार दिवस की शुरुआत बिहार सरकार द्वारा नीतीश कुमार के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर की गई थी. इतना ही नहीं बिहार दिवस भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, बहरीन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, त्रिनिदाद और टोबैगो और मॉरीशस जैसे देशों में भी बड़े पैमाने पर मनाया जाता है.

बिहार दिवस के लिए सजा पटना.
बिहार दिवस के लिए सजा पटना.

बिहार से अशोक स्तंभ का रिस्ताः आधुनिक दौर में बिहार जहां तरक्की के पथ पर अग्रसर है, वहीं बिहार का अतीत गौरवशाली रहा है. बिहार के महान विभूतियों ने देश और विश्व को दिशा देने का काम किया है. महान विभूतियों की फेहरिस्त भी लंबी है. बिहार में ही पहला गणतंत्र और लोकतंत्र वैशाली के लिच्छवी वंश के द्वारा स्थापित किया गया. यहां मां सीता का जन्म हुआ, महाभारत के दानवीर कर्ण, भगवान् महावीर का जन्म हुआ, बुद्ध को ज्ञान, सिखों के दसमेश गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म, राजा चन्द्रगुप्त मौर्य से लड़ने की हिम्मत सिकंदर को भी नहीं हुई. सम्राट अशोक ने अरब तक हिन्दुस्तान का पताका फहराया और उसका अशोक स्तंभ आज देश का राष्ट्रीय चिह्न है.


80 साल के बूढ़े ने अंग्रेज को हरायाः बिहार गांधी जी का पहला प्रेरणादायक स्रोत बना, जिसने आज़ादी की आधारशिला रखी. इसकी शुरुआत चंपारण से हुई थी, जिसे चंपारण यात्रा नाम दिया गया था. ‌बिहार में राजा जरासंध, पाणिनि (जिसने संस्कृत व्याकरण लिखा), आर्यभट्ट जिन्होंने शून्य, दशमलव और सूर्य सिद्धांत दिया, चाणक्य (महान अर्थशास्त्री), रहीम, कबीर का जन्म हुआ है. ‌नंदवंश से लड़ने की हिम्मत सिकंदर की भी नहीं हुई. बिना लड़े विश्वविजेता डर कर भाग गया, यह वही बिहार है. 80 साल के बूढ़े बाबू वीर कुंवर सिंह ने 1857 के क्रांति में दो बार अंग्रेजों को हराया था.

प्रथम राष्ट्रपति से लेकर महान लेखकः बिहार ने देश को पहला राष्ट्रपति राजेन्द्र बाबू दिया. ‌बिहार में ही सम्पूर्ण क्रांति के जनक महान जय प्रकाश नारायण, जन नायक कर्पूरी ठाकुर, भिखारी ठाकुर (विदेशिया), शारदा सिन्हा जैसी महान भोजपुरी गायिका का जन्म हुआ. बिहार के गोनू झा के किस्से पूरे हिन्दुस्तान में प्रसिद्ध है. बिहार में ‌राम शरण शर्मा, हरी मोहन झा, विद्यापति, रामधारी सिंह दिनकर, रामवृक्ष बेनीपुरी, फणीश्वर नाथ रेणु, देवकी नंदन खत्री, इन्द्रदीप सिन्हा, राम करण शर्मा, महामहोपाध्याय पंडित राम अवतार शर्मा, नलिन विलोचन शर्मा, गंगानाथ झा, ताबिश खैर, कलानाथ मिश्र, आचार्य रामलोचन सरन, गोपाल सिंह नेपाली, बिनोद बिहारी वर्मा, आचार्य रामेश्वर झा, राघव शरण शर्मा, नागार्जुन, आचार्य जानकी बल्लभ शास्त्री जैसे महान लेखकों का जन्म हुआ.


बिस्स्मिल्लाह खान से मांझी तक सभी बिहार के हैंः बिहार में बिस्स्मिल्लाह खान का जन्म हुआ, जिसने सहनाई बजाकर अपनी अमिट छाप छोड़ गए. ‌दशरथ मांझी जैसे Mountain Man का बिहार में जन्म हुआ. स्वतंत्रता संग्राम में अपनी शहादत देकर अमरत्व पाने वाले शहीद जुब्बा सहनी, शहीद रामफल मंडल, शहीद बैकुंठ शुक्ला, शहीद पीर अली खान, शहीद सतीश प्रसाद झा, शहीद मथुरा मंडल, शहीद बुद्धन कहार, शहीद श्याम नंदन सिंह, शहीद परसन शाह, शहीद बंसी दास, शहीद प्रफुल चक्की सहित हजारों ऐसे शहीद जिन्होंने हंसते-हंसते अपने सीने पर अंग्रेजी हुकूमत की गोलियों खाई, या उनके द्वारा फांसी पर लटका दिया गए. सभी बिहार के रहने वाले थे. आज बिहार दिवस के शुभ अवसर पर उन सभी क्रांतिकारी वीर शहीदों के सामने हम आदर से अपना शीश झुकाते हैं.

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