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पटना: क्या बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं के लिए परिवार जिम्मेदार? जानिए क्या है छात्राओं की राय

पटना विश्वविद्यालय की छात्रा योशिता पटवर्धन ने कहा कि जब भी दुष्कर्म की घटनाएं सामने आती हैं. सबसे पहले लड़कियों को दोष दिया जाता है. इस मामले में समाज को अपनी सोच बदलनी होगी.

पटना
दुष्कर्म की घटनाएं परिवार की विफलता
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Published : Dec 3, 2019, 10:28 PM IST

पटना: हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म उसके बाद उसकी निर्मम हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. देश के विभिन्न हिस्सों से लोग इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वहीं, मामले में पटना की छात्राओं का कहना है कि अगर घर में ही लड़कों को प्रारंभिक नैतिक शिक्षा दी जाए तो ऐसी घटनाओं में अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा.

पेश है रिपोर्ट

'लड़कियों को ऑब्जेक्ट की तरह ना देखें'
गौरतलब है कि संवेदनशील विषय पर हमारे संवाददाता कृष्णनंदन ने विभिन्न छात्राओं और महिलाओं से बात किया. आइये जानते हैं उनकी राय. पटना विश्वविद्यालय की छात्रा योशिता पटवर्धन ने कहा कि दुष्कर्म की घटनाएं सामने आने पर सबसे पहले लड़कियों को दोष दिया जाता है. परिवार की जिम्मेदारी है कि लड़कों को यह समझाया जाना चाहिए कि लड़कियों को ऑब्जेक्ट की तरह ना देखें. इसी विषय पर मगध महिला कॉलेज की छात्रा आयशा ने बताया कि घर में बच्चों की मॉनिटरिंग होनी चाहिए.

पटना
शशि शर्मा, प्रिंसिपल, मगध महिला कॉलेज

'परिवार की भूमिका सबसे अहम'
मगध महिला कॉलेज की एक और छात्रा प्रिया ने बताया कि परिवार में नैतिक ज्ञान नहीं दिया जा रहा है. वहीं, मगध महिला कॉलेज की प्रिंसिपल शशि शर्मा ने कहा कि समाज में जिस प्रकार दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं. उससे साफ तौर पर समझ सकते हैं कि परिवार कहीं ना कहीं बच्चों में नैतिक मूल्य और मानवीय मूल्य देने में कमी रख रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर समाज को साफ-सुथरा और लड़कियों के रहने लायक बनाना है तो परिवारों को अपनी भूमिका समझनी पड़ेगी.

पटना: हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म उसके बाद उसकी निर्मम हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. देश के विभिन्न हिस्सों से लोग इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वहीं, मामले में पटना की छात्राओं का कहना है कि अगर घर में ही लड़कों को प्रारंभिक नैतिक शिक्षा दी जाए तो ऐसी घटनाओं में अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा.

पेश है रिपोर्ट

'लड़कियों को ऑब्जेक्ट की तरह ना देखें'
गौरतलब है कि संवेदनशील विषय पर हमारे संवाददाता कृष्णनंदन ने विभिन्न छात्राओं और महिलाओं से बात किया. आइये जानते हैं उनकी राय. पटना विश्वविद्यालय की छात्रा योशिता पटवर्धन ने कहा कि दुष्कर्म की घटनाएं सामने आने पर सबसे पहले लड़कियों को दोष दिया जाता है. परिवार की जिम्मेदारी है कि लड़कों को यह समझाया जाना चाहिए कि लड़कियों को ऑब्जेक्ट की तरह ना देखें. इसी विषय पर मगध महिला कॉलेज की छात्रा आयशा ने बताया कि घर में बच्चों की मॉनिटरिंग होनी चाहिए.

पटना
शशि शर्मा, प्रिंसिपल, मगध महिला कॉलेज

'परिवार की भूमिका सबसे अहम'
मगध महिला कॉलेज की एक और छात्रा प्रिया ने बताया कि परिवार में नैतिक ज्ञान नहीं दिया जा रहा है. वहीं, मगध महिला कॉलेज की प्रिंसिपल शशि शर्मा ने कहा कि समाज में जिस प्रकार दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं. उससे साफ तौर पर समझ सकते हैं कि परिवार कहीं ना कहीं बच्चों में नैतिक मूल्य और मानवीय मूल्य देने में कमी रख रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर समाज को साफ-सुथरा और लड़कियों के रहने लायक बनाना है तो परिवारों को अपनी भूमिका समझनी पड़ेगी.

Intro:हैदराबाद में हुए डॉक्टर के रेप और हत्या के बाद पूरे भारत में उबाल है पटना के छात्राओं का कहना है कि अगर घर में ही लड़को को प्रारंभिक और नैतिक शिक्षा दी जाए तो बाहर उसका अच्छा परिणाम निकलेगा अगर माता-पिता बच्चों को एक समान दृष्टि से देखें और उन में भेद ना हो तो बच्चे अपने आप सही दिशा में जाएंगे. बुद्धिजीवी महिलाएं भी बताती है कि परिवार में बच्चों को माता-पिता द्वारा नैतिक शिक्षा देने की बहुत जरूरत है.


Body:इस विषय पर ईटीवी संवाददाता कृष्णनंदन ने विभिन्न छात्राओं और महिलाओं से बात किया तो एक बात निकल कर सामने आईकी गलती किसी का भी हो लड़कियों का ही दोष दिया जाता है. पटना विश्वविद्यालय की छात्रा योशिता पटवर्धन ने कहा कि जब भी दुष्कर्म की घटनाएं होती है तो लड़कियों को दोष दिया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है. समाज को सोच बदलनी होगी. इस प्रकार की घटना को लोग जात-पात ओ हिंदू मुस्लिम से जोड़कर माहौल से भटकाने की कोशिश करते हैं. परिवार में बच्चों को नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाना होगा. मगध महिला कॉलेज की छात्रा आयशा ने बताया कि घर में बच्चों की मानीटरिंग होनी चाहिए. लड़कियों को समझाया जाता है कि बाहर निकले तो कैसे रहे इसी तरह लड़के को भी समझाना चाहिए कि समाज में कैसा व्यवहार करें और लड़कियों को एक ऑब्जेक्ट की तरह ना देखें. मगध महिला कॉलेज की एक और छात्र प्रिया ने बताया कि परिवार में नैतिक ज्ञान नहीं दिया जा रहा है उन्होंने कहा कि परिवार में खासकर लड़कों को यह बताना चाहिए कि वह लड़कियों की इज्जत करें. लड़कियों को सम्मान की नजर से देखें.


Conclusion:मगध महिला कॉलेज की प्रिंसिपल शशि शर्मा ने कहा कि समाज में जिस प्रकार दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं उससे साफ तौर पर समझ सकते हैं कि परिवार कहीं ना कहीं बच्चों में नैतिक मूल्य और मानवीय मूल्य देने में कमी रख रहा है. उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार परिवार में लड़के और लड़कियों की अलग-अलग परवरिश हो रही है लड़कों को यह बताया जाता है कि वह पुरुष हैं कुछ भी कर सकते हैं यह गलत है. उन्होंने कहा कि इन परिवारों में जब लड़के इस प्रकार की कुकृत्य वारदात को अंजाम दे देते हैं तब परिवार सब कुछ दांव पर लगाकर चाहता है कि उसका बेटा वापस आ जाए. उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं इस प्रकार की सिक्योरिटी परिवार बच्चों को जो दे रहा है इसमें माता-पिता को सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर समाज को साफ सुथरा बनाना है और लड़कियों के रहने लायक बनाना है तो इसमें परिवार की भूमिका सबसे अहम है.
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