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बिहार के लिए खास है 10वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस, इसकी थीम है वजह

2020 की थीम का मतलब, 'एक मजबूत लोकतंत्र के लिए चुनावी साक्षरता' है. बिहार में आज भी वोटिंग प्रतिशत बेहद ही कम रहता है. चुनाव आयोग हर साल विशेष जागरूकता अभियान चला बिहार के वोटरों को ज्यादा से ज्यादा चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है.

राष्ट्रीय मतदाता दिवस
राष्ट्रीय मतदाता दिवस
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Published : Jan 25, 2020, 7:56 AM IST

पटना: देशभर में 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है. बिहार के लिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2020 बेहद ही खास है. इसके पीछे की वजह होने वाले विधानसभा चुनाव हैं. चुनावी प्रक्रिया में युवाओं को भाग लेने और प्रोत्साहित करने के लिए के लिए नेशनल वोटर डे मनाया जाता है. इस बार नए थीम के साथ ये मतदाता दिवस मनाया जाएगा.

नए मतदाताओं को जोड़ने के लिहाज से भी राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है. विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र वाले देश भारत में मतदाताओं की संख्या बढ़े, विशेषकर युवा मतदाताओं की, इस दृष्टिकोण से आज कई जगह कैंप लगाए जाएंगे. यह दिन मतदाताओं के बीच चुनावी प्रक्रिया में प्रभावी भागीदारी के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए भी मनाया जाता है.

10वां नेशनल वोटर डे
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की स्थापना 25 जनवरी 1950 को की गई थी. इसके बाद पहली बार 2011 में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया गया ताकि युवा मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. चुनाव आयोग का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं, विशेष रूप से पात्र लोगों के नामांकन में वृद्धि करना है और लोगों को उनके बहुमूल्य वोट के बारे में जागरूक करना आज के दिन की महत्ता है. यह वोट के अधिकार और भारत के लोकतंत्र मनाने का भी दिन है.

हर एक वोट जरूरी होता है.
हर एक वोट जरूरी होता है.
  • पहले वोटर माने मतदाता की पात्रता आयु 21 वर्ष थी लेकिन 1988 में इसे घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया था.
  • 1998 के साठवें संशोधन विधेयक ने भारत में मतदाता पात्रता की आयु कम कर दी.

देश का भविष्य तय करता है मतदाता
देश की सत्ता की बागडोर किसे देनी है, अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किसे चुनना है. ये सब भारतीय लोकतंत्र के नियमों में है, जिस नियमों की पूरी बागडोर मतदाता के हाथ में होती है. ऐसे में एक अच्छी सरकार चुनना जो देश को विकास के मार्ग पर ले जाए, मतदाता के हाथ में होता है.

राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2020 की थीम

  • राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2020: 'Electoral Literacy for a Stronger Democracy'
  • 2019 की थीम: 'No Voter to be left behind'
  • 2018 की थीम: 'Accessible Elections'
  • 2017 की थीम: 'Empowering Young and Future Voters'
  • 2016 की थीम: 'Inclusive and qualitative participation'
  • 2015 की थीम: 'Easy Registration, Easy Correction'

बिहार के लिए खास
2020 की थीम का मतलब, 'एक मजबूत लोकतंत्र के लिए चुनावी साक्षरता' है. बिहार में आज भी वोटिंग प्रतिशत बेहद ही कम रहता है. चुनाव आयोग हर साल विशेष जागरुकता अभियान चला बिहार के वोटरों को ज्यादा से ज्यादा चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है. वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें, तो बिहार में मतदाताओं की संख्या के लिहाज से वोटिंग प्रतिशत बेहद कम रहा था. ईटीवी भारत प्रदेश के सभी मतदाताओं से अपील करता है कि एक मजबूत लोकतंत्र की नींव रखने के लिए अपना बहुमूल्य वोट अवश्य दें.

पटना: देशभर में 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है. बिहार के लिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2020 बेहद ही खास है. इसके पीछे की वजह होने वाले विधानसभा चुनाव हैं. चुनावी प्रक्रिया में युवाओं को भाग लेने और प्रोत्साहित करने के लिए के लिए नेशनल वोटर डे मनाया जाता है. इस बार नए थीम के साथ ये मतदाता दिवस मनाया जाएगा.

नए मतदाताओं को जोड़ने के लिहाज से भी राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है. विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र वाले देश भारत में मतदाताओं की संख्या बढ़े, विशेषकर युवा मतदाताओं की, इस दृष्टिकोण से आज कई जगह कैंप लगाए जाएंगे. यह दिन मतदाताओं के बीच चुनावी प्रक्रिया में प्रभावी भागीदारी के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए भी मनाया जाता है.

10वां नेशनल वोटर डे
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की स्थापना 25 जनवरी 1950 को की गई थी. इसके बाद पहली बार 2011 में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया गया ताकि युवा मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. चुनाव आयोग का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं, विशेष रूप से पात्र लोगों के नामांकन में वृद्धि करना है और लोगों को उनके बहुमूल्य वोट के बारे में जागरूक करना आज के दिन की महत्ता है. यह वोट के अधिकार और भारत के लोकतंत्र मनाने का भी दिन है.

हर एक वोट जरूरी होता है.
हर एक वोट जरूरी होता है.
  • पहले वोटर माने मतदाता की पात्रता आयु 21 वर्ष थी लेकिन 1988 में इसे घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया था.
  • 1998 के साठवें संशोधन विधेयक ने भारत में मतदाता पात्रता की आयु कम कर दी.

देश का भविष्य तय करता है मतदाता
देश की सत्ता की बागडोर किसे देनी है, अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किसे चुनना है. ये सब भारतीय लोकतंत्र के नियमों में है, जिस नियमों की पूरी बागडोर मतदाता के हाथ में होती है. ऐसे में एक अच्छी सरकार चुनना जो देश को विकास के मार्ग पर ले जाए, मतदाता के हाथ में होता है.

राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2020 की थीम

  • राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2020: 'Electoral Literacy for a Stronger Democracy'
  • 2019 की थीम: 'No Voter to be left behind'
  • 2018 की थीम: 'Accessible Elections'
  • 2017 की थीम: 'Empowering Young and Future Voters'
  • 2016 की थीम: 'Inclusive and qualitative participation'
  • 2015 की थीम: 'Easy Registration, Easy Correction'

बिहार के लिए खास
2020 की थीम का मतलब, 'एक मजबूत लोकतंत्र के लिए चुनावी साक्षरता' है. बिहार में आज भी वोटिंग प्रतिशत बेहद ही कम रहता है. चुनाव आयोग हर साल विशेष जागरुकता अभियान चला बिहार के वोटरों को ज्यादा से ज्यादा चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है. वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें, तो बिहार में मतदाताओं की संख्या के लिहाज से वोटिंग प्रतिशत बेहद कम रहा था. ईटीवी भारत प्रदेश के सभी मतदाताओं से अपील करता है कि एक मजबूत लोकतंत्र की नींव रखने के लिए अपना बहुमूल्य वोट अवश्य दें.

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