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IPS Vikash Vaibhav : जिसने पहली बार नक्सलियों को खदेड़कर फहराया था तिरंगा, अनंत सिंह को किया था गिरफ्तार - ईटीवी भारत बिहार

आईपीएस विकास वैभव भागलपुर, गया, रोहतास, दरभंगा में सेवा दे चुके हैं. इसके अलावा दिल्ली में एनआईए में भी सेवा दे चुके हैं. काफी तेज तर्रार आईपीएस में विकास वैभव का नाम शुमार होता है. आगे पढ़ें विकास वैभव से जुड़ी दिलचस्प जानकारी...

आईपीएस विकास वैभव
आईपीएस विकास वैभव
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Published : Feb 14, 2023, 6:57 AM IST

पटना : आज-कल एक नाम सुर्खियों में हैं. वो नाम है विकास वैभव. हर कोई जानना चाह रहा है कि कौन हैं विकास वैभव. जी हां, विकास वैभव वह आईपीएस अधिकारी हैं जो 'बिहारी अस्मिता' को लेकर अंतरमन से चोटिल हो बैठे हैं. अपनी ही सीनीयर शोभा अहोतकर पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. कह रहे हैं 'डीजी शोभा अहोतकर मैडम मुझे 'बिहारी कामचोर' और 'Bloody IG' कहकर अपमानित करती थीं'.

ये भी पढ़ें: IPS Vikas Vaibhav: 'अनावश्यक ही डीजी मैडम के मुख से गालियां सुन रहा हूं.. मन द्रवित है', विकास वैभव का दर्द

IIT इंजीनियर रह चुके हैं विकास वैभव : विकास वैभव मूल रूप से बेगूसराय के बिहट के रहने वाले हैं. 21 नवंबर 1979 में उनका जन्म हुआ था. बचपन से ही मेधावी छात्र रहे विकास आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएट किए. 2003 बैच के वह आईपीएस अधिकारी हैं. प्रशासनिक सेवा में उन्होंने पूरे भारत में 60वां स्थान हासिल किया था. लगभग साढ़े 6 फिट के विकास वैभव से बड़े-बड़े अपराधी खौफ खाते हैं. उनकी अबतक की यात्रा बेहद दिलचस्प रही है.

बेगूसराय के बिहट के रहने वाले हैं विकास वैभव
बेगूसराय के बिहट के रहने वाले हैं विकास वैभव

बगहा में विकास वैभव के नाम पर चौक : 2005 में जब नीतीश कुमार पहली बार सत्तासीन हुए तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अपराधियों को ठिकाने लगाने का था. इसी दौरान 2006 में पश्चिम चंपारण के बगहा में विकास वैभव की तैनाती हुई. वह एक ऐसा दौर था जब उत्तर बिहार का यह क्षेत्र 'मिनी चंबल' के नाम से जाना जाता था. यहां पर कई कुख्यातों का गिरोह आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा था. लेकिन आईपीएस विकास वैभव की सूझबूझ के बल से अपराधियों ने आत्मसमर्पण करना शुरू कर दिया. फिर क्या थी जनता इतनी प्रभावित हुई कि एक चौक नाम ही विकास वैभव के नाम पर रख दिया.

रोहतास में नक्सलियों को खदेड़कर फहराया था तिरंगा : विकास वैभव सबसे ज्यादा सुर्खियों में तब आए थे जब सासाराम के रोहतास फोर्ट से नक्सलियों को खदेड़कर पहली बार तिरंगा फहराया था. साल 2008 के अगस्त महीने से फरवरी 2011 तक रोहतास के एसपी रहे. इस दौरान उनकी जान पर भी बन आयी थी, जब पहाड़ी इलाके में नजदीकी मुठभेड़ में एक गोली उनके सिर के ऊपर से गयी थी. उनके साहसिक कारनामों की चर्चा हर तरफ होने लगी.

नक्सलियों को खदेड़कर विकास वैभव ने फहराया था तिरंगा
नक्सलियों को खदेड़कर विकास वैभव ने फहराया था तिरंगा

पटना SSP बनने के अगले दिन अनंत सिंह को दबोचा : 2015 में जून का वह महीना था, जबरदस्त गर्मी पड़ रही थी. उससे भी ज्यादा तपन बिहार में इसलिए थी क्योंकि बाहुबली विधायक अनंत सिंह गिरफ्तार हुए थे. जिस दिन अनंत सिंह की गिरफ्तारी हुई थी उससे ठीक एक दिन पहले ही विकास वैभव ने पटना के एसएसपी का पदभार ग्रहण किया था. अगले ही दिन उन्होंने दिखा दिया कि किस तरह बड़े-से-बड़े दुर्दांत को घुटनों के बल लाया जाता है.

'लेट्स इंस्पायर बिहार' की मुहिम : साल 2013 में पटना के गांधी मैदान बम ब्लास्ट से लेकर बोधगया ब्लास्ट तक एनआई की जांच की अगुवाई की थी. एनआईए में रहते हुए आईपीएस विकास वैभव कई आतंकी वारदातों की गुत्थियां भी सुलझा चुके हैं. उनकी कार्यशाली से हर कोई प्रभावित रहा है. अभी वह बिहार पुलिस में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के साथ-साथ गरीब और असहाय युवाओं को शिक्षा मिल सके, इसको लेकर वह इन दिनों 'लेट्स इंस्पायर बिहार' नाम से एक मुहिम भी चला रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी वह काफी एक्टिव रहते हैं.

ये भी पढ़ें: Bureaucracy Dispute: मुश्किल में केके पाठक, शोभा अहोतकर और विकास वैभव भी जांच के दायरे में

पटना : आज-कल एक नाम सुर्खियों में हैं. वो नाम है विकास वैभव. हर कोई जानना चाह रहा है कि कौन हैं विकास वैभव. जी हां, विकास वैभव वह आईपीएस अधिकारी हैं जो 'बिहारी अस्मिता' को लेकर अंतरमन से चोटिल हो बैठे हैं. अपनी ही सीनीयर शोभा अहोतकर पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. कह रहे हैं 'डीजी शोभा अहोतकर मैडम मुझे 'बिहारी कामचोर' और 'Bloody IG' कहकर अपमानित करती थीं'.

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IIT इंजीनियर रह चुके हैं विकास वैभव : विकास वैभव मूल रूप से बेगूसराय के बिहट के रहने वाले हैं. 21 नवंबर 1979 में उनका जन्म हुआ था. बचपन से ही मेधावी छात्र रहे विकास आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएट किए. 2003 बैच के वह आईपीएस अधिकारी हैं. प्रशासनिक सेवा में उन्होंने पूरे भारत में 60वां स्थान हासिल किया था. लगभग साढ़े 6 फिट के विकास वैभव से बड़े-बड़े अपराधी खौफ खाते हैं. उनकी अबतक की यात्रा बेहद दिलचस्प रही है.

बेगूसराय के बिहट के रहने वाले हैं विकास वैभव
बेगूसराय के बिहट के रहने वाले हैं विकास वैभव

बगहा में विकास वैभव के नाम पर चौक : 2005 में जब नीतीश कुमार पहली बार सत्तासीन हुए तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अपराधियों को ठिकाने लगाने का था. इसी दौरान 2006 में पश्चिम चंपारण के बगहा में विकास वैभव की तैनाती हुई. वह एक ऐसा दौर था जब उत्तर बिहार का यह क्षेत्र 'मिनी चंबल' के नाम से जाना जाता था. यहां पर कई कुख्यातों का गिरोह आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा था. लेकिन आईपीएस विकास वैभव की सूझबूझ के बल से अपराधियों ने आत्मसमर्पण करना शुरू कर दिया. फिर क्या थी जनता इतनी प्रभावित हुई कि एक चौक नाम ही विकास वैभव के नाम पर रख दिया.

रोहतास में नक्सलियों को खदेड़कर फहराया था तिरंगा : विकास वैभव सबसे ज्यादा सुर्खियों में तब आए थे जब सासाराम के रोहतास फोर्ट से नक्सलियों को खदेड़कर पहली बार तिरंगा फहराया था. साल 2008 के अगस्त महीने से फरवरी 2011 तक रोहतास के एसपी रहे. इस दौरान उनकी जान पर भी बन आयी थी, जब पहाड़ी इलाके में नजदीकी मुठभेड़ में एक गोली उनके सिर के ऊपर से गयी थी. उनके साहसिक कारनामों की चर्चा हर तरफ होने लगी.

नक्सलियों को खदेड़कर विकास वैभव ने फहराया था तिरंगा
नक्सलियों को खदेड़कर विकास वैभव ने फहराया था तिरंगा

पटना SSP बनने के अगले दिन अनंत सिंह को दबोचा : 2015 में जून का वह महीना था, जबरदस्त गर्मी पड़ रही थी. उससे भी ज्यादा तपन बिहार में इसलिए थी क्योंकि बाहुबली विधायक अनंत सिंह गिरफ्तार हुए थे. जिस दिन अनंत सिंह की गिरफ्तारी हुई थी उससे ठीक एक दिन पहले ही विकास वैभव ने पटना के एसएसपी का पदभार ग्रहण किया था. अगले ही दिन उन्होंने दिखा दिया कि किस तरह बड़े-से-बड़े दुर्दांत को घुटनों के बल लाया जाता है.

'लेट्स इंस्पायर बिहार' की मुहिम : साल 2013 में पटना के गांधी मैदान बम ब्लास्ट से लेकर बोधगया ब्लास्ट तक एनआई की जांच की अगुवाई की थी. एनआईए में रहते हुए आईपीएस विकास वैभव कई आतंकी वारदातों की गुत्थियां भी सुलझा चुके हैं. उनकी कार्यशाली से हर कोई प्रभावित रहा है. अभी वह बिहार पुलिस में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के साथ-साथ गरीब और असहाय युवाओं को शिक्षा मिल सके, इसको लेकर वह इन दिनों 'लेट्स इंस्पायर बिहार' नाम से एक मुहिम भी चला रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी वह काफी एक्टिव रहते हैं.

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