ETV Bharat / state

पटना: किन्नर समुदाय ने ड्रग्स जागरूकता कार्यक्रम का किया आयोजन

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल डिफेंस की प्रशिक्षित कई किन्नरों ने कार्यक्रम में सहभागिता की. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बिहार में शराब बंदी के बाद गांजे, भांग, चरस और अफीम जैसे अन्य नशीले पदार्थों के बढ़ते उपयोग के खिलाफ लोगों को जागरूक करना था.

ड्रग जागरूकता कार्यक्रम का किया आयोजन
author img

By

Published : Oct 30, 2019, 11:29 PM IST

पटना: राजधानी के मैंगल्स रोड स्थित जगजीवन राम राजनीतिक शोध एवं अध्ययन संस्थान में ड्रग अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. ड्रग अवेयरनेस कार्यक्रम ट्रांसजेंडर समाज के लिए काम करने वाली संस्था लायंस क्लब ऑफ पटना दोस्ताना की ओर से आयोजित किया गया. वहीं, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे रहे. साथ ही कार्यक्रम में राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान नई दिल्ली के निदेशक डॉ. वीरेंद्र मिश्रा भी मौजूद रहे.

किन्नर समुदाय ने ड्रग्स जागरूकता कार्यक्रम का किया आयोजन

'ड्रग्स का बढ़ता प्रचलन चिंता का विषय'
गौरतलब है कि नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल डिफेंस की प्रशिक्षित कई किन्नरों ने कार्यक्रम में सहभागिता की. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बिहार में शराब बंदी के बाद गांजे, भांग, चरस और अफीम जैसे अन्य नशीले पदार्थों के बढ़ते उपयोग के खिलाफ लोगों को जागरूक करना था. किन्नर समाज की अनुप्रिया सिंह ने कहा कि ड्रग्स इंसान को ही नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार को नुकसान पहुंचाता है. हमारे समाज में ड्रग्स के प्रति बढ़ता प्रचलन चिंता का विषय है. हमने नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया है.

पटना
किन्नर समुदाय की सामाजिक कार्यकर्ता

'नैतिकता का हो जाता है पतन'
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि बिहार सरकार का शराबबंदी कानून बहुत ही ऐतिहासिक फैसला था. उन्होंने कहा कि आने वाले सैकड़ों-हजारों साल बाद जब बिहार सरकार के सबसे अच्छे कार्यों की बात की जाएगी तो शराबबंदी का जिक्र जरूर किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि शराब और ड्रग्स इंसान के मस्तिष्क पर दुष्प्रभाव डालते हैं. ड्रग्स के नशे की गिरफ्त में आने के बाद मनुष्य की बुद्धि क्षीण हो जाती है और उसकी नैतिकता का पतन हो जाता है.

पटना: राजधानी के मैंगल्स रोड स्थित जगजीवन राम राजनीतिक शोध एवं अध्ययन संस्थान में ड्रग अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. ड्रग अवेयरनेस कार्यक्रम ट्रांसजेंडर समाज के लिए काम करने वाली संस्था लायंस क्लब ऑफ पटना दोस्ताना की ओर से आयोजित किया गया. वहीं, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे रहे. साथ ही कार्यक्रम में राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान नई दिल्ली के निदेशक डॉ. वीरेंद्र मिश्रा भी मौजूद रहे.

किन्नर समुदाय ने ड्रग्स जागरूकता कार्यक्रम का किया आयोजन

'ड्रग्स का बढ़ता प्रचलन चिंता का विषय'
गौरतलब है कि नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल डिफेंस की प्रशिक्षित कई किन्नरों ने कार्यक्रम में सहभागिता की. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बिहार में शराब बंदी के बाद गांजे, भांग, चरस और अफीम जैसे अन्य नशीले पदार्थों के बढ़ते उपयोग के खिलाफ लोगों को जागरूक करना था. किन्नर समाज की अनुप्रिया सिंह ने कहा कि ड्रग्स इंसान को ही नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार को नुकसान पहुंचाता है. हमारे समाज में ड्रग्स के प्रति बढ़ता प्रचलन चिंता का विषय है. हमने नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया है.

पटना
किन्नर समुदाय की सामाजिक कार्यकर्ता

'नैतिकता का हो जाता है पतन'
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि बिहार सरकार का शराबबंदी कानून बहुत ही ऐतिहासिक फैसला था. उन्होंने कहा कि आने वाले सैकड़ों-हजारों साल बाद जब बिहार सरकार के सबसे अच्छे कार्यों की बात की जाएगी तो शराबबंदी का जिक्र जरूर किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि शराब और ड्रग्स इंसान के मस्तिष्क पर दुष्प्रभाव डालते हैं. ड्रग्स के नशे की गिरफ्त में आने के बाद मनुष्य की बुद्धि क्षीण हो जाती है और उसकी नैतिकता का पतन हो जाता है.

Intro:राजधानी पटना के मैंगल्स रोड स्थिति जगजीवन राम राजनीतिक शोध एवं अध्ययन संस्थान में ड्रग अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह ड्रग अवेयरनेस कार्यक्रम ट्रांसजेंडर समाज के लिए काम करने वाली संस्था लायंस क्लब ऑफ पटना दोस्ताना की ओर से आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे रहे वही इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान नई दिल्ली के निदेशक डॉ वीरेंद्र मिश्रा भी मौजूद रहे.


Body:इस कार्यक्रम में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल डिफेंस से प्रशिक्षित कई किन्नर इस कार्यक्रम में मौजूद रहे. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बिहार में दारू बंदी के बाद गांजे भांग चरस अफीम जैसे अन्य नशीले पदार्थों के बढ़ते उपयोग के खिलाफ लोगों को जागरूक करना था. किन्नर समाज की अनुप्रिया सिंह ने कहा कि आज समाज में शराबबंदी के बाद दूसरे सस्ते नशा की डिमांड बिहार में बढ़ रही है जिसके खिलाफ किन्नर समाज लोगों को जागरूक करने की पहल कर रहा है. उन्होंने कहा कि ड्रग्स किसी इंसान को ही नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार को नुकसान पहुंचाता है. हमारे समाज में ड्रग्स के प्रति बढ़ता प्रचलन या चिंता का विषय है और इसी के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए यह कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.


Conclusion:कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि जिस दिन बिहार में शराबबंदी लागू की गई वह बहुत ही ऐतिहासिक फैसला था. उन्होंने कहा कि आने वाले सैकड़ों हजारों साल बाद जब बिहार सरकार के सबसे बढ़िया कोई एक कार्य की बात की जाएगी तो वह शराबबंदी की ही बात होगी. उन्होंने कहा कि शराब और ड्रग्स इंसान के मस्तिष्क पर प्रभाव डालते हैं. ड्रग्स के नशे की गिरफ्त में आने के बाद मनुष्य का बुद्धि क्षीण हो जाता है उसकी नैतिकता का पतन हो जाता है और वह भूल जाता है कि वह मनुष्य है. नशे की गिरफ्त में आने के बाद मनुष्य का मस्तिष्क पशु जैसा हो जाता है और उसमें विवेक और विचारने की क्षमता खत्म हो जाती है और वह कुछ भी कर सकता है. उन्होंने कहा कि जानवरों में भी मन होता है लेकिन इंसान इसलिए अलग है क्योंकि उसमें बुद्धि होता है और वह बुद्धि से विवेकानुसार कार्य करता है. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि ड्रग्स और शराब का असर हमारे आउट ऑफ़ पर्सनालिटी पर होता है वह सबको दिखता है लेकिन उसका सबसे बड़ा दुष्प्रभाव हमारे इनर पर्सनैलिटी पर होता है हमारे बुद्धि पर होता है. उन्होंने कहा कि नशे की गिरफ्त में आने के बाद आदमी आदमी की शक्ल में रहते हुए भी जानवर हो जाता है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.