पटना: जनता दल (युनाइटेड) के नेता ख्वाजा शाहिद ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ खड़े होने के विरोध में पार्टी से इस्तीफा दे दिया. जनता दल (यूनाइटेड) भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी है और पार्टी ने संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में मतदान किया था.
अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के थे महासचिव
ख्वाजा शाहिद पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के महासचिव थे. वो संशोधित नागरिकता कानून के तहत पार्टी से बाहर निकलने वाले पहले नेता हैं. हालांकि नीतीश कुमार ने अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है.
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जदयू ने दोनों सदनों में किया समर्थन
बता दें कि सीएए को लेकर जेडीयू के स्टैंड पर एक तरफ जहां प्रशांत किशोर नाराज थे. तो वहीं अब जेडीयू माइनॉरिटी सेल से ख्वाजा शाहिद ने इस्तीफा दे दिया है. नागरिकता संशोधन बिल का दोनों सदनों में जदयू ने समर्थन किया है. लेकिन प्रशांत किशोर इसका लगातार विरोध कर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि 'जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने के बाद मैं निराश हूं. यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता. जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है. पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है'.