पटनाः नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में वाम दल के नेता आज सड़क पर हैं. जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए पटना पहुंचे. जहां, राजधानी के डाकबंगला चौराहा पर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. कन्हैया ने आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार अपनी नाकामियो को छुपाने के लिए यह कानून लायी है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए कन्हैया ने कहा कि नागरिकता कानून का बिहार में बहुत बड़ा असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि बिहार कr एक बड़ी आबादी दूसरे जगह पर काम करने के लिए जातr है. माइग्रेट लोगों का जन्म से लेकर पढ़ाई और नौकरी अलग-अलग जगहों पर होती है. ऐसे लोगों को दस्तावेज पेश करने में खासा दिक्कत का सामना करना पड़ेगा.
विरोध प्रदर्शन के लिए सरकार जिम्मेदारः कन्हैया
कन्हैया का कहना है कि सीएए के बाद सरकार एनआरसी और एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) लायेगी. जिसमें दस्तावेज के जरिये नागरिकता सिद्ध करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि देश की बड़ी आबादी गरीब है अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के पास जमीन तक नहीं है. ऐसे में वो कागजात कहां से लायेंगे. कन्हैया कुमार ने विरोध प्रदर्शन के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेवार ठहराया है. उन्होंने कहा कि देश ढंग आगे बढ़ रहा था. लेकिन इस कानून को लागू कर डर का माहौल बनाया गया है.
मूल मुद्दों से ध्यान भटका रही सरकार
कन्हैया कुमार ने इस कानून को देश विरोधी बताया है. उन्होंने कहा कि देश में दस्तावेज का आलम यह है कि 40 फीसदी लोगों के वोटर लिस्ट में नाम किसी और का तो चेहरा दूसरे का होता है. कन्हैया ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस कानून के आड़ में सरकार अपनी नाकामियों को छुपा रही है. देश की अर्थव्यवस्था का हाल बुरा है. बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य के सवालों से बचने के लिए सरकार यह कानून लेकर आयी है.
ये भी पढ़ेंः विपक्ष के बिहार बंद पर BJP का हमला, कहा- सत्ता हथियाने का अपना रहे हैं हथकंडा
लोगों को जागरूक करेंगे कन्हैया
कन्हैया का कहना है कहा कि इन सारे मुद्दो पर लोगों को जागरूक करेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को इस बात को मानने के लिए मजबूर करेंगे. सीपीआई नेता ने असम में हुए एनआरसी पर भी सवाल खड़ा किया, उन्होंने कहा कि करोड़ो रुपये खर्च कर सरकार को क्या मिला. बता दें कि पूरे बिहार में वाम दलों के समर्थन में विपक्ष के कई नेता सड़कों पर हैं. पप्पू यादव और मुकेश सहनी ने पटना में अलग-अलग जगहों पर अपना विरोध जताया.