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जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, पीजी की सीटों को लेकर मचा बवाल

पटना एम्स के छात्रों का पीएमसीएच में नामांकन को लेकर बिहार के तमाम मेडिकल कॉलेज के छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है. मेडिकल कॉलेज में सरकार द्वारा एम्स के छात्रों को पीजी में नामांकन का मौका दिया जा रहा है.

विरोध प्रदर्शन करते छात्र
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Published : Apr 9, 2019, 1:14 PM IST

पटनाः सुबे के तमाम मेडिकल कॉलेजों के सभी जूनियर डॉक्टर कल से हड़ताल पर हैं. ये लोग पटना एम्स के छात्रों का पीएमसीएच में हो रहे नामांकन का विरोध कर रहे हैं. इसे लेकर बिहार के तमाम मेडिकल कॉलेज के जेडीए ने कार्य बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया है.

पटना एम्स के छात्रों का पीमीएमसीएच में नामांकन को लेकर बिहार के तमाम मेडिकल कॉलेज के छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है. मेडिकल कॉलेज में सरकार द्वारा एम्स के छात्रों को पीजी में नामांकन का मौका दिया जा रहा है. जबकि बिहार के छात्रों को एम्स में नामांकन का मौका नहीं मिल रहा है.

पूरी नहीं की गई मांगे
मांगो को लेकर कई बार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से मुलाकात की गई. लेकिन छात्रों की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. आखिरकार बिहार के तमाम मेडिकल कॉलेज के जेडीए ने कार्य बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया.

विरोध प्रदर्शन करते छात्र

सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी बढ़ी
जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि हमारी मांगे जब तक पूरी नहीं होगी, तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी. वहीं, हड़ताल को देखते हुए विभिन्न जिलों के सिविल सर्जनों ने बड़े-बड़े अस्पतालों में डॉक्टरों के ड्यूटी बढ़ा दी है. सीनियर डॉक्टरों को इमरजेंसी में ड्यूटी लगा दिया है. इसके बावजूद मरीज परेशान हैं.

जूनियर डॉक्टर्स ने क्या कहा
जूनियर डॉक्टरों की मानें तो वे अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इनकी मांगों में पटना एम्स के एमबीबीएस उत्तीर्ण छात्रों को बिहार कोटे की 50% सीट में शामिल नहीं किया जाना, एसआर की योग्यता को अधिकतम उम्र सीमा 37 से बढ़ाकर 45 वर्ष की जाए, अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाओं एवं लाइब्रेरी की व्यवस्था समेत कई अहम मांगे शामिल हैं.

पटनाः सुबे के तमाम मेडिकल कॉलेजों के सभी जूनियर डॉक्टर कल से हड़ताल पर हैं. ये लोग पटना एम्स के छात्रों का पीएमसीएच में हो रहे नामांकन का विरोध कर रहे हैं. इसे लेकर बिहार के तमाम मेडिकल कॉलेज के जेडीए ने कार्य बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया है.

पटना एम्स के छात्रों का पीमीएमसीएच में नामांकन को लेकर बिहार के तमाम मेडिकल कॉलेज के छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है. मेडिकल कॉलेज में सरकार द्वारा एम्स के छात्रों को पीजी में नामांकन का मौका दिया जा रहा है. जबकि बिहार के छात्रों को एम्स में नामांकन का मौका नहीं मिल रहा है.

पूरी नहीं की गई मांगे
मांगो को लेकर कई बार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से मुलाकात की गई. लेकिन छात्रों की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. आखिरकार बिहार के तमाम मेडिकल कॉलेज के जेडीए ने कार्य बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया.

विरोध प्रदर्शन करते छात्र

सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी बढ़ी
जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि हमारी मांगे जब तक पूरी नहीं होगी, तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी. वहीं, हड़ताल को देखते हुए विभिन्न जिलों के सिविल सर्जनों ने बड़े-बड़े अस्पतालों में डॉक्टरों के ड्यूटी बढ़ा दी है. सीनियर डॉक्टरों को इमरजेंसी में ड्यूटी लगा दिया है. इसके बावजूद मरीज परेशान हैं.

जूनियर डॉक्टर्स ने क्या कहा
जूनियर डॉक्टरों की मानें तो वे अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इनकी मांगों में पटना एम्स के एमबीबीएस उत्तीर्ण छात्रों को बिहार कोटे की 50% सीट में शामिल नहीं किया जाना, एसआर की योग्यता को अधिकतम उम्र सीमा 37 से बढ़ाकर 45 वर्ष की जाए, अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाओं एवं लाइब्रेरी की व्यवस्था समेत कई अहम मांगे शामिल हैं.

Intro:जूनियर डॉक्टरों का हड़ताल का आज दूसरे दिन
बिहार के तमाम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में त्राहिमाम,
प्रधान सचिव से वार्ता विफल


Body:सुबे के तमाम मेडिकल कॉलेजों के सभी जूनियर डॉक्टर कल से हड़ताल पर हैं अपने अहम 12 मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं बताया जाता है कि बिहार के तमाम मेडिकल कॉलेज के पीजी में पटना एम्स के छात्रों के नामांकन के विरोध में यह विरोध प्रदर्शन कल से लगातार चल रहा है मेडिकल कॉलेज में सरकार द्वारा एम्स के छात्रों को पीजी में नामांकन का मौका दिया जा रहा है जबकि बिहार के छात्रों को एम्स में नामांकन का मौका नहीं मिल रहा है जिसको लेकर कई बार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से मुलाकात की गई और मांग की गई लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया अंततः बिहार के तमाम मेडिकल कॉलेज के जेडीए ने कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया है उन्होंने कहा है मांगे जब तक पूरी नहीं होगी तब तक अनिश्चितकालीन तक हड़ताल जारी रहेगा


Conclusion:वहीं हड़ताल को देखते हुए विभिन्न जिलों के सिविल सर्जनों ने बड़े-बड़े अस्पतालों में डॉक्टरों के ड्यूटी बढ़ा दी है सीनियर डॉक्टरों को इमरजेंसी में ड्यूटी लगा दिया है बावजूद मरीज परेशान है जूनियर डॉक्टरों की मानें तो अपने 12 सूत्री मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं पटना एम्स के एमबीबीएस उत्तीर्ण छात्रों को बिहार कोटे की 50% सीट में शामिल नहीं किया जाए वहीं एसआर की योग्यता को अधिकतम उम्र सीमा 37 से बढ़ाकर 45 वर्ष किया जाए कि विद्यार्थियों के पठन-पाठन के अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाओं एवं लाइब्रेरी की व्यवस्था किया जाए
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