पटना: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गुरुवार 5 अक्टूबर को बिहार दौरे पर आ रहे हैं. जेपी नड्डा बिहार इस दौरान कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्वागत के लिए भाजपा ने पटना की सड़कों पर 11 स्थान पर स्वागत करने की तैयारी की है. राजनीति विश्लेषकों की मानें तो लोकसभा चुनाव को देखते हुए जेपी नड्डा कैलाशपति की जयंती के बहाने अगड़ी जाति के वोटरों को साधने का प्रयास करेंगे.
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"बापू सभागार में कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा कार्यालय पहुंचेंगे. जहां, महिला मोर्चा के द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्वागत किया जाएगा. शाम 4:00 बजे राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदेश स्तर के पदाधिकारी के साथ बैठक करेंगे. शाम 5:00 बजे तमाम विधान पार्षद, विधायक और सांसदों के साथ बैठक करेंगे. शाम 6:00 बजे कमेटी की बैठक में हिस्सा लेंगे."- नंदकिशोर यादव, भाजपा विधायक
एक महीने तक चलेगा कार्यक्रमः भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक कैलाशपति मिश्र की शताब्दी जयंती को भाजपा बड़े ही धूमधाम के साथ मना रही है. एक महीने तक पार्टी प्रदेश स्तर पर कई कार्यक्रम चलाने जा रही है. कार्यक्रम की शुरुआत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे. गुरुवार को बापू सभागार में 6000 कार्यकर्ताओं को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संबोधित करेंगे. कार्यक्रम में बिहार के मंडल अध्यक्ष और शक्ति केंद्र के प्रभारी हिस्सा लेंगे.
पोस्टर से पाट दिया गया पटनाः राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्वागत के लिए पटना को पोस्टर से पाट दिया गया है. एयरपोर्ट से लेकर बापू सभागार तक पहुंचाने के दौरान कुल मिलाकर 11 स्थान पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्वागत भाजपा के अलग-अलग मोर्चे के सदस्य करेंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौरे को लेकर प्रदेश स्तर पर पूरी तैयारी की जा चुकी है. मंडल अध्यक्ष, शक्ति केंद्र प्रमुख और प्रदेश स्तर के पदाधिकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्वागत के लिए तैयार रहेंगे.
कौन थे कैलाशपति मिश्र: कैलाशपति मिश्र भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में थे. उनका जन्म 5 अक्टूबर 1923 को बक्सर जिले के दुधारचक गांव में हुआ था. भूमिहार समाज से आने वाले मिश्र ने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था. इसके लिए उनको गिरफ्तार भी किया गया था. वह विधायक, मंत्री और दो राज्यों के राज्यपाल भी रहे थे. साल 2012 में 89 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया.
बीजेपी के लिए क्यों अहम है कार्यक्रम: जातिगत वोट बैंक साधने के लिहाज से यह कार्यक्रम बेहद अहम है. पिछले साल बिहार के कई जिलों में भूमिहार नेताओं में बीजेपी के खिलाफ नाराजगी देखने को मिली थी. बोचहां विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी की हार के पीछे भी भूमिहार समाज की नाराजगी को ही बड़ी वजह मानी गयी थी. ऐसे में कैलाशपति मिश्र के जयंती समारोह के बहाने भूमिहार समाज को एकजुट करने की कोशिश की जाएगी.
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