पटना : बिहार के पत्रकार सुबोध कुमार नंदन को उनकी तीसरी पुस्तक 'बिहार के ऐतिहासिक गुरुद्वारे' को पर्यटन मंत्रालय की ओर से राहुल सांकृत्यायन पर्यटन पुरस्कार योजना (Rahul Sankrityayan Tourism Award) ( वर्ष 2019-20) के तहत तृतीय पुरस्कार मिला है. लगातार तीसरी बार पुरस्कार पाने वाले सुबोध नंदन देश के पहले व एकमात्र लेखक हैं. पुरस्कार के रूप में नंदन को 20 हजार रुपये के साथ प्रमाण-पत्र दिया गया है. तीनों पुस्तकों का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन (नयी दिल्ली) ने किया है.
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सुबोध नंदन को राहुल सांकृत्यायन पर्यटन पुरस्कार: इससे पहले सुबोध नंदन को उनकी पहली पुस्तक 'बिहार के पर्यटन स्थल और सांस्कृतिक धरोहर' को राहुल सांकृत्यायन पर्यटन पुरस्कार योजना (वर्ष 2009-10) के तहत प्रथम पुरस्कार मिला था. वहीं दूसरी पुस्तक 'बिहार के मेले' को (वर्ष 2011-12) में इसी योजना के तहत सांत्वना पुरस्कार मिला था. उस वर्ष उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशांक को उनकी पुस्तक 'हिमालय का महाकुंभ नंदा राजजात' को प्रथम पुरस्कार मिला था. इससे पूर्व पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा व जागरुकता पैदा करने के लिए वर्ष 2003 में नंदन को बिहार सरकार ने पर्यटन सम्मान प्रदान किया था.
भारतीय पर्यटन से संबंधित मौलिक लेखन को बढ़ावा देना उद्देश्य: पर्यटन मंत्रालय द्वारा पर्यटन से संबंधित विषयों पर मूल रूप से हिन्दी में लिखी गई पुस्तकों को पुरस्कृत के लिए राहुल सांकृत्यायन पर्यटन पुरस्कार योजना चलाई है. इस पुरस्कार का उद्देश्य भारतीय पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए हिन्दी में मौलिक लेखन को बढ़ावा देना है. इसी क्रम में पत्रकार सुबोध कुमार नंदन को उनकी पुस्तक 'बिहार के ऐतिहासिक गुरुद्वारे' को पर्यटन के लिए चुना गया. उन्हें पुरस्कार स्वरूप 20 हजार रुपए दिए गए.