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अतिथि शिक्षकों की भूख हड़ताल में पहुंचे जीतन राम मांझी, बोले- सीएम से मिलकर करेंगे समायोजन की मांग

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मुख्यमंत्री से ही नहीं, उसके आगे भी अगर जाना पड़ेगा, राज्यपाल से राष्ट्रपति से मिलना पड़ेगा. उनसे भी मिलेंगे और इन लोगों की समस्या को लेकर उनसे बात करेंगे.

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Published : Jan 11, 2020, 4:10 PM IST

Updated : Jan 11, 2020, 4:32 PM IST

पटनाः बिहार सरकार ने शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक की बहाली की थी. जिसमें उच्चतर माध्यमिक शिक्षा वाले विद्यालय में कुल 4203 अतिथि शिक्षक बहाल किए गए थे. लेकिन अब बिहार सरकार इन अतिथि शिक्षक को नहीं रखना चाहती है और यही कारण है कि शिक्षा विभाग ने उन्हें समायोजित करने से मना कर दिया है.

शनिवार को अतिथि शिक्षक अपनी समायोजन की मांग को लेकर गर्दनीबाग धरना स्थल पर भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. वहीं, उनके भूख हड़ताल में शामिल होने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी पहुंच गए है.

अतिथि शिक्षक समायोजन की मांग को लेकर बैठे भूख हड़ताल पर
अतिथि शिक्षक के भूख हड़ताल में शामिल होने आए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि हम इनके मांग का समर्थन करते हैं. बिहार में जितने भी अतिथि शिक्षक बहाल हुए थे. वह काफी क्वालिफाइड हैं और उनके बहाल होने के बाद कई स्कूल में अच्छी पढ़ाई होने लगी थी. लेकिन पता नहीं सरकार को क्या हो गया है. इन लोगों को हटाने की बात कर रहा है. निश्चित तौर पर इन लोगों की मांग जायज है और हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर इन लोगों की मांग को लेकर बात करेंगे.

अतिथि शिक्षकों की भूख हड़ताल में पहुंचे जीतन राम मांझी

जीतन राम मांझी ने अतिथि शिक्षक की मांग को जायज ठहराया
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मुख्यमंत्री से ही नहीं, उसके आगे भी अगर जाना पड़ेगा, राज्यपाल से राष्ट्रपति से मिलना पड़ेगा. इन लोगों की समस्या को लेकर वहां मिलेंगे. वहीं, अतिथि शिक्षक की मांग को जायज ठहराया और साफ साफ कहा कि इनके रहने से बिहार की शिक्षा के स्तर में और ज्यादा सुधार होगा.

पटनाः बिहार सरकार ने शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक की बहाली की थी. जिसमें उच्चतर माध्यमिक शिक्षा वाले विद्यालय में कुल 4203 अतिथि शिक्षक बहाल किए गए थे. लेकिन अब बिहार सरकार इन अतिथि शिक्षक को नहीं रखना चाहती है और यही कारण है कि शिक्षा विभाग ने उन्हें समायोजित करने से मना कर दिया है.

शनिवार को अतिथि शिक्षक अपनी समायोजन की मांग को लेकर गर्दनीबाग धरना स्थल पर भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. वहीं, उनके भूख हड़ताल में शामिल होने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी पहुंच गए है.

अतिथि शिक्षक समायोजन की मांग को लेकर बैठे भूख हड़ताल पर
अतिथि शिक्षक के भूख हड़ताल में शामिल होने आए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि हम इनके मांग का समर्थन करते हैं. बिहार में जितने भी अतिथि शिक्षक बहाल हुए थे. वह काफी क्वालिफाइड हैं और उनके बहाल होने के बाद कई स्कूल में अच्छी पढ़ाई होने लगी थी. लेकिन पता नहीं सरकार को क्या हो गया है. इन लोगों को हटाने की बात कर रहा है. निश्चित तौर पर इन लोगों की मांग जायज है और हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर इन लोगों की मांग को लेकर बात करेंगे.

अतिथि शिक्षकों की भूख हड़ताल में पहुंचे जीतन राम मांझी

जीतन राम मांझी ने अतिथि शिक्षक की मांग को जायज ठहराया
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मुख्यमंत्री से ही नहीं, उसके आगे भी अगर जाना पड़ेगा, राज्यपाल से राष्ट्रपति से मिलना पड़ेगा. इन लोगों की समस्या को लेकर वहां मिलेंगे. वहीं, अतिथि शिक्षक की मांग को जायज ठहराया और साफ साफ कहा कि इनके रहने से बिहार की शिक्षा के स्तर में और ज्यादा सुधार होगा.

Intro:एंकर बिहार सरकार ने शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक की बहाली की थी उच्चतर माध्यमिक शिक्षा वाले विद्यालय में कुल 4203 अतिथि शिक्षक बहाल किए गए थे बिहार सरकार इन अतिथि शिक्षक को नहीं रखना चाहती है और यही कारण है कि शिक्षा विभाग ने उन्हें समायोजित करने से मना कर दिया है अतिथि शिक्षक अपनी समायोजन की मांग को लेकर गर्दनीबाग धरना स्थल पर भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं आज उनके भूख हड़ताल में शामिल होने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी पहुंच गए


Body:अतिथि शिक्षक के भूख हड़ताल में शामिल होने आए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि हम इनके मांग का समर्थन करते हैं उन्होंने कहा कि बिहार में जितने भी अतिथि शिक्षक बहाल हुए थे वह काफी क्वालिफाइड हैं और उनके बहाल होने के बाद कई स्कूल में अच्छी पढ़ाई होने लगी थी लेकिन पता नहीं सरकार को क्या हो गया है इन लोगों को हटाने के बाद कर रहा है निश्चित तौर पर इन लोगों की मांग जायज है और हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर इन लोगों की मांग को लेकर बात करेंगे उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए और निश्चित तौर पर अगर सरकार चाहती है कि गरीब का बच्चा भी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सके तो अतिथि शिक्षक ही उन्हें अच्छी शिक्षा दे सकते हैं


Conclusion: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिहार में शिक्षा का स्तर काफी गिर गया है और निश्चित तौर पर सरकार को चाहिए कि पढ़े-लिखे अच्छे शिक्षक को अलग से रखें जो सरकार ने व्यवस्था बनाई थी अतिथि शिक्षक की व्यवस्था से शिक्षा की स्थिति में सुधार हो रहा था और अब उन्हें हटाने की बात अगर सरकार कर रही है वह गलत है निश्चित तौर पर इन लोगों को फिर से किसी विद्यालय में रखना चाहिए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से ही नहीं उसके आगे भी अगर जाना पड़ेगा राज्यपाल से राष्ट्रपति से मिलना पड़ेगा इन लोगों की समस्या को लेकर वहां मिलेंगे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी धरना स्थल पर पहुंचकर अतिथि शिक्षक की मांग को जायज ठहराया और साफ साफ है कि इनके रहने से बिहार की शिक्षा के स्तर और ज्यादा सुधार होगा बाइट जीतन राम मांझी पूर्व मुख्यमंत्री बिहार सरकार
Last Updated : Jan 11, 2020, 4:32 PM IST
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