पटनाः राजधानी में हुए जलजमाव के बाद पानी तो निकल गया है. लेकिन जनता के बीच डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा बढ़ गया है. वहीं झारखंड से आए एनजीओ 'प्रयास एक कदम' ने स्लम बस्ती के लिए एक अहम कदम उठाया है. उन्होंने स्लम बस्ती के लोगों को कपड़े और सामान बांटे. साथ ही नालों में केमिकल और कीचड़ में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया.
जमे पानी से बढ़ रहा बिमारी का खतरा
शहर से पानी निकले हुए 3 से 4 दिन हो गए हैं. लेकिन अब शहरवासियों को नालों में जमे पानी और डेंगू जैसी बिमारियों से खतरा है. पटना में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिससे बचाव के लिए सरकारी स्तर पर सुविधा सिर्फ वीआईपी इलाकों में मिल रहा है. लेकिन स्लम बस्तियां आज भी नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. यहां के लोगों का कहना है कि कोई भी सरकारी सहायता यहां नहीं पहुंच रही है.
एनजीओ ने की स्लम बस्ती की मदद
झारखंड से आए एनजीओ 'प्रयास एक कदम' ने स्लम बस्ती में महिलाओं के बीच सैनेटरी नैपकिन, कपड़े और समान बांटे. नालों में केमिकल और कीचड़ में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया. साथ ही कहा कि हमलोगों से जो भी बन पा रहा है वो हमलोग पटना के लोकल एनजीओ 'इनर व्हिल क्लब' की तरफ से मदद कर रहे हैं. सरकार को भी इनलोगों पर ध्यान देना चाहिए ताकि बिमारियां न फैले.
लोकल स्तर पर भी हो मदद
यह वही स्लम बस्ती है जहां सबसे पहले जलजमाव के कारण स्कूल डूब गए थे और बच्चों को रोड पर पढ़ना पड़ा था. उसके बाद पानी को देखते हुए स्कूल को यहां से बाहर शिफ्ट कर दिया गया था. लेकिन हालात आज भी कुछ नहीं सुधरे हैं. पानी तो निकल गया है, लेकिन गंदगी का अंबार आज भी यहां देखने को मिल रहे हैं. जिस तरह से बाहर से आकर एनजीओ के लोग मदद कर रहे हैं. अगर लोकल स्तर पर भी सरकारी सहायता मिले तो डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बिमारियों से यहां के लोग बच सकते हैं.