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झारखंड से आए एनजीओ ने की स्लम बस्ती की मदद, बांटे कपड़े और सामान - लोकल स्तर पर भी सरकारी सहायता मिले

झारखंड से आए एनजीओ 'प्रयास एक कदम' ने स्लम बस्ती में महिलाओं के बीच सैनेटरी नैपकिन, कपड़े और सामान बांटे.

बांटे कपड़े और सामान
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Published : Oct 11, 2019, 5:53 PM IST

पटनाः राजधानी में हुए जलजमाव के बाद पानी तो निकल गया है. लेकिन जनता के बीच डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा बढ़ गया है. वहीं झारखंड से आए एनजीओ 'प्रयास एक कदम' ने स्लम बस्ती के लिए एक अहम कदम उठाया है. उन्होंने स्लम बस्ती के लोगों को कपड़े और सामान बांटे. साथ ही नालों में केमिकल और कीचड़ में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया.

जमे पानी से बढ़ रहा बिमारी का खतरा
शहर से पानी निकले हुए 3 से 4 दिन हो गए हैं. लेकिन अब शहरवासियों को नालों में जमे पानी और डेंगू जैसी बिमारियों से खतरा है. पटना में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिससे बचाव के लिए सरकारी स्तर पर सुविधा सिर्फ वीआईपी इलाकों में मिल रहा है. लेकिन स्लम बस्तियां आज भी नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. यहां के लोगों का कहना है कि कोई भी सरकारी सहायता यहां नहीं पहुंच रही है.

झारखंड से आए एनजीओ ने की स्लम बस्ती की मदद

एनजीओ ने की स्लम बस्ती की मदद
झारखंड से आए एनजीओ 'प्रयास एक कदम' ने स्लम बस्ती में महिलाओं के बीच सैनेटरी नैपकिन, कपड़े और समान बांटे. नालों में केमिकल और कीचड़ में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया. साथ ही कहा कि हमलोगों से जो भी बन पा रहा है वो हमलोग पटना के लोकल एनजीओ 'इनर व्हिल क्लब' की तरफ से मदद कर रहे हैं. सरकार को भी इनलोगों पर ध्यान देना चाहिए ताकि बिमारियां न फैले.

patna
समाजसेवी

लोकल स्तर पर भी हो मदद
यह वही स्लम बस्ती है जहां सबसे पहले जलजमाव के कारण स्कूल डूब गए थे और बच्चों को रोड पर पढ़ना पड़ा था. उसके बाद पानी को देखते हुए स्कूल को यहां से बाहर शिफ्ट कर दिया गया था. लेकिन हालात आज भी कुछ नहीं सुधरे हैं. पानी तो निकल गया है, लेकिन गंदगी का अंबार आज भी यहां देखने को मिल रहे हैं. जिस तरह से बाहर से आकर एनजीओ के लोग मदद कर रहे हैं. अगर लोकल स्तर पर भी सरकारी सहायता मिले तो डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बिमारियों से यहां के लोग बच सकते हैं.

पटनाः राजधानी में हुए जलजमाव के बाद पानी तो निकल गया है. लेकिन जनता के बीच डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा बढ़ गया है. वहीं झारखंड से आए एनजीओ 'प्रयास एक कदम' ने स्लम बस्ती के लिए एक अहम कदम उठाया है. उन्होंने स्लम बस्ती के लोगों को कपड़े और सामान बांटे. साथ ही नालों में केमिकल और कीचड़ में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया.

जमे पानी से बढ़ रहा बिमारी का खतरा
शहर से पानी निकले हुए 3 से 4 दिन हो गए हैं. लेकिन अब शहरवासियों को नालों में जमे पानी और डेंगू जैसी बिमारियों से खतरा है. पटना में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिससे बचाव के लिए सरकारी स्तर पर सुविधा सिर्फ वीआईपी इलाकों में मिल रहा है. लेकिन स्लम बस्तियां आज भी नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. यहां के लोगों का कहना है कि कोई भी सरकारी सहायता यहां नहीं पहुंच रही है.

झारखंड से आए एनजीओ ने की स्लम बस्ती की मदद

एनजीओ ने की स्लम बस्ती की मदद
झारखंड से आए एनजीओ 'प्रयास एक कदम' ने स्लम बस्ती में महिलाओं के बीच सैनेटरी नैपकिन, कपड़े और समान बांटे. नालों में केमिकल और कीचड़ में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया. साथ ही कहा कि हमलोगों से जो भी बन पा रहा है वो हमलोग पटना के लोकल एनजीओ 'इनर व्हिल क्लब' की तरफ से मदद कर रहे हैं. सरकार को भी इनलोगों पर ध्यान देना चाहिए ताकि बिमारियां न फैले.

patna
समाजसेवी

लोकल स्तर पर भी हो मदद
यह वही स्लम बस्ती है जहां सबसे पहले जलजमाव के कारण स्कूल डूब गए थे और बच्चों को रोड पर पढ़ना पड़ा था. उसके बाद पानी को देखते हुए स्कूल को यहां से बाहर शिफ्ट कर दिया गया था. लेकिन हालात आज भी कुछ नहीं सुधरे हैं. पानी तो निकल गया है, लेकिन गंदगी का अंबार आज भी यहां देखने को मिल रहे हैं. जिस तरह से बाहर से आकर एनजीओ के लोग मदद कर रहे हैं. अगर लोकल स्तर पर भी सरकारी सहायता मिले तो डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बिमारियों से यहां के लोग बच सकते हैं.

Intro: पटना में हुए जलजमाव के बाद अब पानी तो निकल गया है लेकिन जनता के बीच डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा बढ़ गया है जगह जगह जमे पानी अभी सड़ रहे हैं जिससे अनेक तरह के बीमारियों का खतरा है


Body: शहर से पानी निकले हुए 3 से 4 दिन हो गए हैं लेकिन अब शहरवासियों को खतरा नालों में जमे पानी और डेंगू जैसी बीमारी से है पटना में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है जिस से बचाव के लिए सरकारी स्तर पर सुविधा सिर्फ बीआईपी इलाको में मिल रहा है लेकिन फिल्म बस्तियां आज भी नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं उनका कहना है कि कोई भी सरकारी सहायता यहां नहीं पहुंच पा रही है झारखंड से आए एनजीओ प्रयास एक कदम ने स्लम बस्ती में महिलाओं के बीच सैनेटरी नैपकिन पैड ,कपड़े और समान बाटे,नालो में केमिकल और कीचड़ में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया और कहा कि हमलोग से जो भी बन पड़ रहा है वो हमलोग पटना के लोकल ngo इनर व्हील क्लब के द्वारा मदद कर रहे है सरकार को भी इनलोगो पर धयान देना चाहिए ताकि बीमारी न फैले
बाइट..पूजा अग्रवाल.. प्रयास एक कदम
बाइट..संध्या


Conclusion:आपको बता दें कि यह वही स्लमई बस्ती है जहां सबसे पहले जलजमाव के कारण स्कूल डूब गए थे और बच्चों को रोड पर पढ़ाना पड़ा था उसके बाद पानी को देखते हुए स्कूल को यहां से बाहर शिफ्ट कर दिया गया था लेकिन हालात आज भी कुछ नहीं सुधरे हैं पानी तो निकल गया है लेकिन गंदगी का अंबार आज भी यहां आपको दिख जाएंगे जिस तरह से बाहर से आकर एनजीओ लोगों को मदद कर रहा है अगर लोकल स्तर पर सरकारी सहायता मिल जाए तो डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारी से यहां के लोग बच सकते हैं
ईटीवी भारत के लिए पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट
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