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नागपुर से 6 दिनों की पैदल यात्रा कर पटना पहुंचे झारखंड के आदिवासी मजदूर

मजदूरों ने बताया कि नागपुर में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा था. हमें वहां पर खाने-पीने में काफी दिक्कत हो रही थी. विकट परिस्थितयों को झेलते हुए हमलोग 6 दिनों की पैदल यात्रा कर पटना पहुंचे हैं.

झारखंड के आदिवासी मजदूर
झारखंड के आदिवासी मजदूर
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Published : May 7, 2020, 4:09 PM IST

पटना: देशभर में लॉकडाउन का तीसरा चरण लागू है. प्रवासी मजदूरों का बिहार वापस आने का सिलसिला शुरू हो चुका है. कई ऐसे भी मजदूर हैं. जो अभी भी किसी साधन के उपलब्ध नहीं होने पर पैदल ही अपने घरों का रास्ता नाप रहे हैं. इसी क्रम में गुरूवार को महाराष्ट्र के नागपुर से पैदल चलकर झारखंड के कई मजदूर पैदल ही पटना पहुंचे.

'मजदूरों को राहत केंद्र भेजा गया'
पटना पहुंचने के बाद पुलिस ने सभी मजदूरों को राजधानी स्थित मिलर केंद्र में चल रहे राहत केंद्र पहुंचाया. जहां मजदूरों को भोजन-पानी कराने के बाद स्वास्थ्य जांच के लिए स्थानीय गार्डिनर अस्पताल ले जाया गया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'6 दिन में पहुंचे पटना'
इसको लेकर मजदूरों ने बताया कि नागपुर में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा था. हमें वहां पर खाने-पिने में काफी दिक्कत हो रही थी. भीख मांगना भी दुश्वार हो गया था. किसी से खाना मांगने पर लोग हमें शक की नजरों से देखते थे. इसलिए विकट परिस्थितयों को झेलते हुए हमलोग 6 दिनो की पैदल यात्रा कर पटना पहुंचे हैं. अभी हमें झारखंड तक की यात्रा करनी है. मजदूरों ने बताया कि यहां पहुंचकर काफी राहत महसूस कर रहा हूं. प्रशासन ने हमें भोजन-पानी करवाया है. बता दें कि ये सभी मजदूर झारखंड के लोहरदगा निवासी आदिवासी मजदूर हैं.

पटना: देशभर में लॉकडाउन का तीसरा चरण लागू है. प्रवासी मजदूरों का बिहार वापस आने का सिलसिला शुरू हो चुका है. कई ऐसे भी मजदूर हैं. जो अभी भी किसी साधन के उपलब्ध नहीं होने पर पैदल ही अपने घरों का रास्ता नाप रहे हैं. इसी क्रम में गुरूवार को महाराष्ट्र के नागपुर से पैदल चलकर झारखंड के कई मजदूर पैदल ही पटना पहुंचे.

'मजदूरों को राहत केंद्र भेजा गया'
पटना पहुंचने के बाद पुलिस ने सभी मजदूरों को राजधानी स्थित मिलर केंद्र में चल रहे राहत केंद्र पहुंचाया. जहां मजदूरों को भोजन-पानी कराने के बाद स्वास्थ्य जांच के लिए स्थानीय गार्डिनर अस्पताल ले जाया गया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'6 दिन में पहुंचे पटना'
इसको लेकर मजदूरों ने बताया कि नागपुर में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा था. हमें वहां पर खाने-पिने में काफी दिक्कत हो रही थी. भीख मांगना भी दुश्वार हो गया था. किसी से खाना मांगने पर लोग हमें शक की नजरों से देखते थे. इसलिए विकट परिस्थितयों को झेलते हुए हमलोग 6 दिनो की पैदल यात्रा कर पटना पहुंचे हैं. अभी हमें झारखंड तक की यात्रा करनी है. मजदूरों ने बताया कि यहां पहुंचकर काफी राहत महसूस कर रहा हूं. प्रशासन ने हमें भोजन-पानी करवाया है. बता दें कि ये सभी मजदूर झारखंड के लोहरदगा निवासी आदिवासी मजदूर हैं.

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