पटना: बिहार में जाति आधारित गणना को लेकर सियासत थम नहीं रहा है. बीजेपी के खिलाफ जेडीयू ने मोर्चा खोल दिया है. सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में केंद्र सरकार के सामने आने पर जेडीयू ने बीजेपी और केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. जनता दल यूनाइटेड ने पीएम नरेंद्र मोदी को जातिगत गणना और आर्थिक सर्वेक्षण का विरोधी बताया है.
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बीजेपी के खिलाफ पोल खोल अभियान की घोषणा: ललन सिंह ने कहा कि जातीय गणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल ने जिस प्रकार से बहस किया है, बीजेपी का चेहरा पूरी तरह से बेनकाब हो गया है और हम लोग पोल खोल अभियान चलाएंगे. ललन सिंह ने ऐलान किया कि अब बीजेपी के खिलाफ जेडीयू पूरे जिले में पोल खोल कार्यक्रम करेगी. 1 से 5 सितंबर तक प्रत्येक जिला मुख्यालय में मशाल जुलूस या कैंडल मार्च करके बीजेपी के खिलाफ विरोध करेगी. वहीं 7 से 12 सितंबर तक हर प्रखंड मुख्यालय पर मशाल जुलूस या कैंडल मार्च निकलेगी. 15 से 20 सितंबर तक हर घर के ऊपर काला झंडा लगाकर विरोध किया जाएगा.
"बीजेपी अति पिछड़ों और गरीबों की विरोधी है और पूंजीपतियों की हितैषी है. भारतीय जनता पार्टी का चेहरा बेनकाब हो चुका है. मोदी जी वोट के समय अति पिछड़ा बन जाते हैं. जब जो सही लगता है वही बन जाते हैं. जनता दल यूनाइटेड, बीजेपी के खिलाफ पोल खोल अभियान चलाएगी." - ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू
'भारतीय जनता पार्टी का चेहरा बेनकाब' : जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन ने प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और बताया कि किस तरह से केंद्र की मोदी सरकार बिहार की जातीय आधारित गणना करवाने में अड़ंगा डालना चाह रही है. ललन सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का चेहरा बेनकाब हो चुका है. क्योंकि जाति आधारित गणना को रोकने के लिए बीजेपी प्रदेश के पीछे से अब हटकर खुलकर सामने आ गई है.
'गरीब विरोधी पार्टी बीजेपी': राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह यही नहीं रुके उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को गरीब विरोधी पार्टी बताया और पूंजीपतियों वाली सरकार की संज्ञा दी है. ललन सिंह ने कहा कि पूंजीपतियों के इशारे पर ही केंद्र सरकार देश में काम कर रही है. ललन सिंह ने यह भी कहा नगर निकाय चुनाव में भी बीजेपी ने पर्दे के पीछे से खेल किया था. लेकिन नीतीश कुमार ने साफ कर दिया था कि बिना आरक्षण के चुनाव नहीं होगा.