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जिम्मेवारी फंसाने वाली है... UP में नीतीश की लाज बचा पाएंगे RCP? - Uttar Pradesh Assembly Election 2022

उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होना है. सियासी पार्टियां अभी से ही तैयारी में लग गईं हैं. बिहार में सत्ताधारी जेडीयू भी यूपी में चुनाव लड़ना चाहती है. पार्टी की कोशिश है कि यूपी में बीजेपी के साथ उसका गठबंधन हो जाए और इसकी जिम्मेवारी केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को दी गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह जिम्मेवारी फंसाने वाली है? पढ़ें पूरी खबर...

nitish rcp
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Published : Oct 1, 2021, 6:27 PM IST

पटना: बिहार से सटे उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनाव ( Uttar Pradesh Assembly Election ) पर बिहार की सत्ताधारी दल जदयू बीजेपी के साथ गठबंधन हो, लगातार प्रयास कर रहा है और नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) ने अब अपने सबसे भरोसेमंद आरसीपी सिंह को इस काम में लगाया है. केंद्रीय कैबिनेट का जब विस्तार हुआ तो नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह ( RCP Singh ) पर ही मुहर लगाया था, हालांकि उसको लेकर काफी विवाद भी हुआ.

फिलहाल आरसीपी सिंह जदयू के तरफ से बीजेपी नेताओं के सबसे नजदीक हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) के गुड बुक में भी हैं. नीतीश यूपी में अपनी लाज बचाने के लिए आरसीपी सिंह को जिम्मेवारी दी है. अब देखना है आरसीपी सिंह बीजेपी के साथ अपनी नजदीकियों का कितना लाभ उठाते हैं और नीतीश कुमार की लाज बचा पाते हैं या नहीं.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- तारापुर उपचुनाव: JDU उम्मीदवार राजीव सिंह बोले- इस बार भी जीतेंगे जनता का भरोसा

दरअसल, यूपी चुनाव पर सबकी नजर है. ऐसे तो वहां बीजेपी की सरकार है और बिहार में बीजेपी का जदयू के साथ लंबे समय से गठबंधन चल रहा है. जदयू भी यूपी में चुनाव लड़ना चाहती है लेकिन बीजेपी से गठबंधन हो जाए इसका प्रयास हो रहा है.

उत्तर प्रदेश से पहले जदयू का दिल्ली में भी बीजेपी के साथ गठबंधन हो चुका है और उस समय नीतीश के भरोसेमंद मंत्री संजय झा अरुण जेटली से नजदीकियों का फायदा उठाया था. दो ही सीट पर जदयू का दिल्ली में गठबंधन हुआ. लेकिन बिहार से बाहर पहली बार जदयू का बीजेपी के साथ गठबंधन हुआ. अब आरसीपी सिंह की बीजेपी के साथ बढ़ रही नजदीकियों का नीतीश कुमार लाभ उठाना चाहते हैं. आरसीपी सिंह को यूपी में बीजेपी के साथ गठबंधन करने की जिम्मेवारी देने के पीछे 5 बड़े कारण हैं...

ये भी पढ़ें- उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान- UP में BJP से गठबंधन नहीं हुआ तो अकेले चुनाव लड़ेगी JDU

  1. आरसीपी सिंह यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं. यूपी के बारे में उन्हें अच्छी तरह मालूम है.
  2. केंद्रीय कैबिनेट में हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुड बुक में हैं.
  3. यूपी में संगठन पर लंबे समय से काम करते रहे हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में यूपी के नेताओं के साथ लगातार बैठक भी करते रहे हैं.
  4. बीजेपी नेताओं के साथ भी हाल के दिनों में आरसीपी सिंह की नजदीकियां बढ़ी है.
  5. आरसीपी सिंह कुर्मी समाज से आते हैं और नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद लोगों में से एक हैं.

यह भी पढ़ें- बिहार विधानसभा उपचुनाव: कुशेश्वरस्थान से अमन हजारी और तारापुर से राजीव कुमार सिंह होंगे NDA उम्मीदवार

'आरसीपी सिंह को जिम्मेवारी देने के पीछे मुख्यमंत्री कई चीजों को देखा होगा. आरसीपी सिंह उत्तर प्रदेश में अधिकारी रहे हैं तो उन्हें हर चीज की जानकारी है और और बीजेपी के साथ अच्छे संबंध के कारण गठबंधन करने में कामयाब हो सकते हैं.'- अरविंद निषाद, जेडीयू प्रवक्ता


वहीं वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे का कहना है कि जदयू के लिए उत्तर प्रदेश में कुछ खोने के लिए नहीं है लेकिन नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को जिम्मेवारी देकर एक तरह से फंसा दिया है. आरसीपी सिंह की जिस प्रकार से हाल के दिनों में बीजेपी के साथ नजदीकियां बढ़ी है तो नीतीश कुमार ने उन्हें कुछ चीज हासिल करने के लिए कहा है. 5 सीट ही मिल जाए तो बहुत है, हालांकि 25 सीट की बात कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- जदयू का दावाः उपचुनाव में तारापुर और कुशेश्वरस्थान पर जीत पक्की, RJD को 15 साल पहले ही जनता ने नकारा


वैसे तो जेडीयू से गठबंधन को लेकर बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व ही फैसला लेगा. हालांकि बिहार बीजेपी के नेता आरसीपी सिंह और जेडीयू के साथ गठबंधन को लेकर कुछ भी बोलने से बचते रहे हैं.

'यूपी में बीजेपी फिर से सरकार बनाने जा रही है और जरूरी नहीं है कि हर जगह सभी से गठबंधन हो. बिहार में जरूर जेडीयू के साथ हमारा मजबूत गठबंधन है और आगे भी रहेगा.'- विनोद शर्मा, प्रवक्ता बीजेपी.

जेडीयू ऐसे कई राज्यों में अकेले चुनाव भी लड़ती रही है, लेकिन अधिकांश जगह उम्मीदवारों का जमानत जब्त होता रहा है. बीजेपी के साथ जदयू इसलिए गठबंधन करना चाहती है कि बीजेपी के सहारे पार्टी को कुछ सीटें मिल जाए. जिससे पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी बनाने में मदद मिले. दिल्ली में भी जदयू ने कोशिश की तो 2 सीटों पर गठबंधन भी हुआ हालांकि सफलता नहीं मिली अब यूपी में भी प्रयास हो रहा है.


ये भी पढ़ें- अगर NDA से नहीं बनी बात, तो JDU के साथ मिलकर लड़ेंगे यूपी चुनाव: HAM

गौरतलब है कि आरसीपी सिंह बीजेपी के खिलाफ कभी भी खुलकर बोलने से बचते भी रहे हैं. विवादित मुद्दों पर भी बीजेपी का बचाव ही किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी करते रहते हैं. इसके बावजूद नीतीश कुमार की लाज बचा पाते हैं या नहीं यह देखना दिलचस्प होगा.

पटना: बिहार से सटे उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनाव ( Uttar Pradesh Assembly Election ) पर बिहार की सत्ताधारी दल जदयू बीजेपी के साथ गठबंधन हो, लगातार प्रयास कर रहा है और नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) ने अब अपने सबसे भरोसेमंद आरसीपी सिंह को इस काम में लगाया है. केंद्रीय कैबिनेट का जब विस्तार हुआ तो नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह ( RCP Singh ) पर ही मुहर लगाया था, हालांकि उसको लेकर काफी विवाद भी हुआ.

फिलहाल आरसीपी सिंह जदयू के तरफ से बीजेपी नेताओं के सबसे नजदीक हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) के गुड बुक में भी हैं. नीतीश यूपी में अपनी लाज बचाने के लिए आरसीपी सिंह को जिम्मेवारी दी है. अब देखना है आरसीपी सिंह बीजेपी के साथ अपनी नजदीकियों का कितना लाभ उठाते हैं और नीतीश कुमार की लाज बचा पाते हैं या नहीं.

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दरअसल, यूपी चुनाव पर सबकी नजर है. ऐसे तो वहां बीजेपी की सरकार है और बिहार में बीजेपी का जदयू के साथ लंबे समय से गठबंधन चल रहा है. जदयू भी यूपी में चुनाव लड़ना चाहती है लेकिन बीजेपी से गठबंधन हो जाए इसका प्रयास हो रहा है.

उत्तर प्रदेश से पहले जदयू का दिल्ली में भी बीजेपी के साथ गठबंधन हो चुका है और उस समय नीतीश के भरोसेमंद मंत्री संजय झा अरुण जेटली से नजदीकियों का फायदा उठाया था. दो ही सीट पर जदयू का दिल्ली में गठबंधन हुआ. लेकिन बिहार से बाहर पहली बार जदयू का बीजेपी के साथ गठबंधन हुआ. अब आरसीपी सिंह की बीजेपी के साथ बढ़ रही नजदीकियों का नीतीश कुमार लाभ उठाना चाहते हैं. आरसीपी सिंह को यूपी में बीजेपी के साथ गठबंधन करने की जिम्मेवारी देने के पीछे 5 बड़े कारण हैं...

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  1. आरसीपी सिंह यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं. यूपी के बारे में उन्हें अच्छी तरह मालूम है.
  2. केंद्रीय कैबिनेट में हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुड बुक में हैं.
  3. यूपी में संगठन पर लंबे समय से काम करते रहे हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में यूपी के नेताओं के साथ लगातार बैठक भी करते रहे हैं.
  4. बीजेपी नेताओं के साथ भी हाल के दिनों में आरसीपी सिंह की नजदीकियां बढ़ी है.
  5. आरसीपी सिंह कुर्मी समाज से आते हैं और नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद लोगों में से एक हैं.

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'आरसीपी सिंह को जिम्मेवारी देने के पीछे मुख्यमंत्री कई चीजों को देखा होगा. आरसीपी सिंह उत्तर प्रदेश में अधिकारी रहे हैं तो उन्हें हर चीज की जानकारी है और और बीजेपी के साथ अच्छे संबंध के कारण गठबंधन करने में कामयाब हो सकते हैं.'- अरविंद निषाद, जेडीयू प्रवक्ता


वहीं वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे का कहना है कि जदयू के लिए उत्तर प्रदेश में कुछ खोने के लिए नहीं है लेकिन नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को जिम्मेवारी देकर एक तरह से फंसा दिया है. आरसीपी सिंह की जिस प्रकार से हाल के दिनों में बीजेपी के साथ नजदीकियां बढ़ी है तो नीतीश कुमार ने उन्हें कुछ चीज हासिल करने के लिए कहा है. 5 सीट ही मिल जाए तो बहुत है, हालांकि 25 सीट की बात कर रहे हैं.

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वैसे तो जेडीयू से गठबंधन को लेकर बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व ही फैसला लेगा. हालांकि बिहार बीजेपी के नेता आरसीपी सिंह और जेडीयू के साथ गठबंधन को लेकर कुछ भी बोलने से बचते रहे हैं.

'यूपी में बीजेपी फिर से सरकार बनाने जा रही है और जरूरी नहीं है कि हर जगह सभी से गठबंधन हो. बिहार में जरूर जेडीयू के साथ हमारा मजबूत गठबंधन है और आगे भी रहेगा.'- विनोद शर्मा, प्रवक्ता बीजेपी.

जेडीयू ऐसे कई राज्यों में अकेले चुनाव भी लड़ती रही है, लेकिन अधिकांश जगह उम्मीदवारों का जमानत जब्त होता रहा है. बीजेपी के साथ जदयू इसलिए गठबंधन करना चाहती है कि बीजेपी के सहारे पार्टी को कुछ सीटें मिल जाए. जिससे पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी बनाने में मदद मिले. दिल्ली में भी जदयू ने कोशिश की तो 2 सीटों पर गठबंधन भी हुआ हालांकि सफलता नहीं मिली अब यूपी में भी प्रयास हो रहा है.


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गौरतलब है कि आरसीपी सिंह बीजेपी के खिलाफ कभी भी खुलकर बोलने से बचते भी रहे हैं. विवादित मुद्दों पर भी बीजेपी का बचाव ही किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी करते रहते हैं. इसके बावजूद नीतीश कुमार की लाज बचा पाते हैं या नहीं यह देखना दिलचस्प होगा.

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