पटना: बिहार के पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है. भाजपा पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को बराबर का टक्कर दे रही है. इस राजनीतिक लड़ाई में जदयू भी कूदने वाली है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं. जदयू ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. इसके बाद बिहार में सियासत शुरू हो गई है.
26-27 दिसंबर की बैठक में होगा अंतिम फैसला
बंगाल के कार्यकर्ताओं से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुलाकात हुई है. हालांकि नीतीश कुमार ने फिलहाल बंगाल चुनाव पर चर्चा से इनकार किया है, लेकिन पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है. 26-27 दिसंबर को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है. इस बैठक में बंगाल चुनाव पर अंतिम रूप से फैसला होगा. जदयू के विधान पार्षद और बंगाल प्रभारी गुलाम रसूल बलियावी के बयान से साफ है कि पार्टी पूरी ताकत से बंगाल में चुनाव लड़ने जा रही है.
"पश्चिम बंगाल में जदयू की राज्य इकाई पूरी सक्रियता के साथ काम कर रही है. विधानसभा चुनाव के लिए 75 सीटों को चिह्नित किया गया है. इन सीटों पर तैयारी चल रही है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बंगाल से हमारे नेता शामिल होने आएंगे. वे राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से मिलेंगे और अपनी बात रखेंगे. बैठक में चुनाव पर फैसला होगा."- गुलाम रसूल बलियावी, विधान पार्षद और जदयू बंगाल प्रभारी
बीजेपी को लाभ पहुंचाने बंगाल जा रही जदयू
बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी ने जदयू के बंगाल चुनाव लड़ने की घोषणा पर तंज कसा है. जदयू से राजद में गए पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा कि जदयू की इतनी औकात नहीं है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने की बात कह भाजपा पर दवाब बना सके.
"जदयू बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए बंगाल में चुनाव लड़ने जा रही है. जदयू की कोशिश है कि बीजेपी को बंगाल में मजबूत करे."- श्याम रजक, पूर्व मंत्री और राजद नेता
जदयू के चुनाव लड़ने से नहीं पड़ेगा असर
बिहार की सत्ता में सहयोगी बीजेपी का कहना है कि बंगाल में जदयू के चुनाव लड़ने से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
"जदयू बंगाल में चुनाव लड़ती है तो भाजपा पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. भाजपा पूरे दमखम से पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने जा रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव में हम पूरी ताकत से वहां लड़े थे और हमारी स्थिति अच्छी थी. इस बार भाजपा पूर्ण बहुमत से बंगाल में सरकार बनाने जा रही है."- विवेकानंद पासवान, बीजेपी प्रवक्ता
जदयू का विस्तार चाह रहे हैं नीतीश
राजनीतिक विशेषज्ञ अजय झा ने कहा "नीतीश कुमार जदयू का विस्तार चाह रहे हैं. पहले भी कई राज्यों में जदयू चुनाव लड़ी, लेकिन सफलता नहीं मिली. बंगाल चुनाव लड़कर नीतीश जदयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाना चाहते हैं. हालांकि जदयू का 70 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना हास्यास्पद भी लगता है. जदयू का बंगाल में कोई जनाधार नहीं है. बेहतर तो यह होता कि नीतीश बिहार में जदयू को मजबूत करने की कोशिश करते. यह तय है कि जदयू के चुनाव लड़ने से न तो किसी को नुकसान होने वाला है और न ही फायदा."
कई राज्यों में पहले भी जदयू लड़ी चुनाव, खाता तक न खुला
बिहार से सटे बंगाल में वैसे तो जदयू का कोई बड़ा जनाधार नहीं है, लेकिन नीतीश कुमार बिहार के शराबबंदी कानून का लाभ बंगाल में भी लेने की कोशिश करेंगे. जदयू पहले भी दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, झारखंड सहित कई राज्यों में चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन अधिकांश में खाता तक नहीं खुला. अब पार्टी बंगाल में भी हाथ आजमाने जा रही है. 26 और 27 दिसंबर को पता चलेगा कि जदयू बंगाल में कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि जदयू के चुनाव लड़ने का बीजेपी पर दबाव पड़ता है या फिर नुकसान की जगह उसे फायदा होता है.