पटना: बिहार में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) की घोषणा हो गई है. ऐसे तो दलीय आधार पर इस बार भी चुनाव नहीं हो रहा है, लेकिन पार्टियों की नजर पंचायत चुनाव पर है. सत्ताधारी दल जदयू (JDU) अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से चुनाव में मजबूत उपस्थिति दर्ज करना चाहता है. पार्टी चुनावी मैदान में अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं को उतारने की तैयारी कर रही है.
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जदयू नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने पंचायतों के माध्यम से गांव के विकास की रूपरेखा तय की है. पार्टी के कार्यकर्ता इसे चुनाव में भुनाने की कोशिश करेंगे. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, 'दलीय आधार पर चुनाव को लेकर हम लोगों ने विचार नहीं किया, लेकिन पंचायती राज का एहसास नीतीश कुमार ने अपने काम के बदौलत कराया है. सामाजिक परिवर्तन का मौन वाहक पंचायत बना है.'
"बिहार में 118 नरसंहार हुए थे. पंचायती व्यवस्था में आरक्षण ने उग्रवादी आंदोलन के सामाजिक आधार को ध्वस्त किया. गांव में सुख शांति हुई. पंचायत के माध्यम से गांव के विकास की रूपरेखा तय की गई है. विकास कार्य होने से माहौल बेहतर हुआ है. पार्टी के कार्यकर्ता सरकार के काम को पंचायत चुनाव में भुनाने की कोशिश करेंगे और अधिक से अधिक कार्यकर्ता त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे."- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू
बता दें कि कई राज्यों में दलीय आधार पर पंचायत चुनाव होते हैं, लेकिन बिहार में अभी तक इस पर सहमति नहीं बन पाई है. ऐसे में भले ही दलीय आधार पर चुनाव नहीं हो रहा हो, लेकिन हर पार्टी यह कोशिश कर रही है कि पंचायत चुनाव में उनके कार्यकर्ता अधिक से अधिक उपस्थिति दर्ज कराएं.
बिहार में पंचायत चुनाव 11 चरणों में आयोजित होंगे. चुनाव के लिए 24 अगस्त को अधिसूचना होगी. मतदान की प्रक्रिया दिसंबर तक चलेगी. पंचायत चुनाव के लिए 24 सितंबर, 29 सितंबर, 8 अक्टूबर, 20 अक्टूबर, 24 अक्टूबर, 3 नवंबर, 15 नवंबर, 24 नवंबर, 29 नवंबर, 8 दिसंबर और 12 दिसंबर को मतदान होगा.
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