पटना: जगदानंद सिंह के बयान पर बिहार में सियासी घमासान मचा हुआ है. जहां बीजेपी निशाना साध रही है तो वहीं सहयोगी जदयू उनके समर्थन में कूद पड़ा है.
जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा जगदानंद सिंह ने जो मंतव्य दिया है वह भारतीय जनता पार्टी के धार्मिक ध्रुवीकरण के संदर्भ में है. इस सच को कौन इनकार कर सकता है हिंदू महासभा देश के गद्दार थे. आजादी की लड़ाई में आरएसएस का कोई योगदान नहीं था.
इसे भी पढ़ेंः 'चुनाव में जीत के लिए अनुष्ठान कराते हैं, लेकिन अल्पसंख्यक वोट के लिए..' तिलक लगाने वाले बयान पर भड़के BJP विधायक
"जगदानंद सिंह के कहने का मतलब है कि बीजेपी जो धार्मिक उन्माद फैला रही है, सनातन धर्म की राजनीति की बात करती है, ऐसे लोगों ने ही देश को गुलाम बनाया था और वर्तमान दौर में नई पीढ़ी को मानसिक गुलाम बना रहे हैं."- नीरज कुमार, जदयू के मुख्य प्रवक्ता
धर्म और राजनीति अलग-अलग हैः भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष का स्पष्ट कहना है कि जो लोग भगवान राम की परछाई में राजनीति कर रहे हैं, बड़ा बड़ा त्रिपुल लगाते हैं, रुद्राक्ष पहनते हैं और टीका लगाते हैं उन्हें ठीक से ना तो शिव पुराण याद होगा, ना देवी पुराण और ना ही रामायण. लेकिन, ये भगवान राम की छाया में राजनीति कर रहे हैं. देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं. ठीक से हिंदू धर्म को समझते भी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि धर्म और राजनीति दोनों अलग-अलग चीज है.
भारत धर्मनिरपेक्ष राज्यः अशोक चौधरी ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी पर भाजपा ने सत्ता हासिल की थी. उस पर कुछ नहीं बोलती है, लेकिन भगवान राम, राम मंदिर और देश में हिंदुत्व ताकत कैसे मजबूत हो इस पर बात करती रहती है. धर्म हर आदमी का अपना विशेष अधिकार है. अशोक चौधरी ने कहा कि हिंदू मुस्लिम हो जाते हैं बहुत से मुस्लिम हिंदू हो जाते हैं, क्रिश्चियन हिंदू हो जाते हैं यह उनका विशेष अधिकार है. भारत धर्मनिरपेक्ष राज्य है सभी धर्म का सम्मान है.
क्या कहा था जगदानंद सिंह नेः बुधवार को पार्टी कार्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जगदानंद सिंह ने मंच से पूछा था कि भारत को गुलाम किसने बनाया था? जगदानंद सिंह ने इसका जवाब में कहा कि टीका लगाकर घूमने वालों ने भारत को गुलाम बनाया था. जगदानंद सिंह ने कहा था कि भारत गुलाम किसके समय में हुआ? क्या उस वक्त गरीबों की चिंता करने वाला कोई था? क्या उस समय कर्पूरी ठाकुर थे? लालू यादव थे? राम मनोहर लोहिया थे?