पटनाः बिहार में कोरोना रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है. रोजाना नए मामलों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. सरकारी इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं. लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. सरकार कोरोना को लेकर लगातार समीक्षा बैठक कर रही है, कई फैसले भी लिये हैं. लेकिन अब सबकी नजर 17 अप्रैल को पटना में होने वाली सर्वदलीय बैठक पर है.
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सर्वदलीय बैठक से पहले लॉकडाउन की मांग
कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर राज्यपाल की अध्यक्षता में 17 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक प्रस्तावित है. इस बीच कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक से पहले लॉकडाउन की मांग की है. जबकि आरजेडी ने सर्वदलीय बैठक बुलाने में देरी करने का आरोप लगाया है. वहीं, जदयू की ओर से कहा है कि लॉकडाउन कोई समाधान नहीं है.
लोगों के जीवन के साथ-साथ उनके जीवन यापन के साधन को भी देखना होगा. हालांकि पार्टी की ओर से यह भी कहा गया है कि सर्वदलीय बैठक में सभी की सहमति से आगे की रणनीति तय होगी.
सर्वदलीय बैठक बुलाने में सरकार ने देर कर दी है. जब हालात बिगड़ने लगे थे, उसी समय बैठक बुलानी चाहिए थी. लेकिय यह सरकार अपने मन की करती है. जिस तरह कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं, सरकार को आपाकालीन बैठक बुलानी चाहिए थी.' - भाई वीरेंद्र, आरजेडी प्रवक्ता
जेडीयू का पलटवार
वहीं, जदयू ने विपक्ष के आरोपों पर पलटवार किया है. जदयू चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा, 'सरकार की चिंता लोगों की जिंदगी को कोरोना से बचाने के साथ-साथ उनके जीवन-यापन की भी है. ऐसे मौकों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. सर्वदलीय बैठक इसलिए बुलाई गई है ताकि सबकी सहमति से आगे की रणनीति बनाई जा सके. कोरोना पर किसी को राजनीति करने का मौका नहीं दिया जाएगा.'