पटना: बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए को 13 सीटों पर जीत मिली है. हालांकि सीटों के लिहाज से गठबंधन को कई सीटों का नुकसान हुआ है, क्योंकि 24 में से 21 सीटों पर एनडीए का कब्जा था लेकिन बागियों के कारण उस कई सीटें गंवानी पड़ी. जिसका फायदा आरजेडी को हुआ और पार्टी 6 सीट जीत गई. इस बारे में जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (JDU State President Umesh Kushwaha) का कहना है कि नीचे के स्तर पर जरूर कुछ चूक हुई है, जिसकी आने वाले समय में समीक्षा की जाएगी.
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शीर्ष स्तर पर कोई परेशानी नहीं: उमेश कुशवाहा का कहना है त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि विकास के पक्षधर हैं और इस चुनाव में भी एनडीए को अधिक सीट जिताया है. उन्होंने कहा कि शीर्ष स्तर पर एनडीए के नेताओं में कहीं कोई दिक्कत नहीं है. हां नीचे के स्तर पर जरूर कुछ चूक हुई है, जिसके कारण कुछ सीट का नुकसान हुआ है और हम लोग माइक्रो लेवल पर उसकी समीक्षा कर रहे हैं.
ललन सिंह के क्षेत्र में भी हार: दरअसल, विधान परिषद चुनाव में मुंगेर, पटना, मधुबनी, गया, बेगूसराय और पूर्वी चंपारण जैसी महत्वपूर्ण सीट एनडीए को गंवानी पड़ी है. जेडीयू के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के संसदीय क्षेत्र मुंगेर की सीट गंवाना भी बड़ा झटका है और अब पार्टी की तरफ से हार की समीक्षा की जा रही है.
विपक्ष ने हासिल की बड़ी उपलब्धि : बता दें कि विधान परिषद की 24 सीटों के रिजल्ट से अब बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) के अंदर भी समीकरण बदल जाएगा. एनडीए अभी भी सीटों में विपक्ष से कहीं अधिक संख्या बल के हिसाब से नजर आएगी, लेकिन राबड़ी देवी को एक बार फिर से नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी मिल जाएगी. इस चुनाव में यह विपक्ष के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है.
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