पटनाः बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सरकार की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. सरकार के आग्रह पर कोर्ट ने 9 मई को सुनवाई करने पर विचार किया था, लेकिन अब मंगलवार को हाईकोर्ट ने सरकार के इस याचिका को खारिज कर दिया है. अब सरकार को 3 जुलाई तक इंतजार करना होगा. इसको लेकर JDU की ओर से प्रतिक्रिया दी गयी है. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि सरकार जातीय गणना को लेकर प्रतिबद्ध है. सरकार भी कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी.
कानून के विशेषज्ञों के साथ बातचीत होगीः जदयू प्रवक्ता राहुल शर्मा ने कहा सरकार जातीय गणना को लेकर प्रतिबद्ध है. जातीय गणना के लिए जो भी हर संभव होगा सरकार प्रयास करेगी. पूरे मामले में कोर्ट में अपना कानूनी तरीके से पक्ष रखेगी. फैसला आने के बाद हमलोग मिलकर विचार करेंगे और फिर आगे बढ़ेंगे. कोर्ट से फैसला आ जाता है, उसके बाद कानून के विशेषज्ञों के साथ बातचीत की जाएगी. इसके बाद सरकार की ओर से फैसला लिया जाएगा. सरकार जातीय जनगणना के लिए प्रतिबद्ध है.
"डिटेल फैसले का हमलोग इंतजार कर रहे हैं. फैसला आने के बाद हमलोग मिलकर विचार करेंगे और फिर आगे बढ़ेंगे. कोर्ट से फैसला आ जाता है, उसके बाद कानून के विशेषज्ञों के साथ बातचीत की जाएगी. सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है और जातीय जनगणना होगा. सरकार कानूनी विकल्प की तलाश में है." -राहुल शर्मा प्रवक्ता, जदयू
हाईकोर्ट ने लगाई रोकः बता दें कि बिहार सरकार की ओर से जातीय जनगणना की शुरुआत की गई थी. पहले चरण का पूरा हो चुका था. दूसरा चरण हो ही रहा था कि हाईकोर्ट की ओर से रोक लगा दिया गया. दरअसर, सुप्रीम कोर्ट में जातीय जनगणना के विरुद्ध याचिका दायर की गई थी, जिसमें बताया गया था कि यह राज्य सरकार के अधिकार से बाहर का है और यह लोगों के निजता के खिलाफ है. इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को कार्रवाई करने का आदेश दिया था. इसके बाद कोर्ट ने इस पर रोक लगा दिया.
3 जुलाई तक करना होगा इंतजारः जातीय जनगणना पर रोक लगने के बाद बिहार सरकार ने याचिका दायर की थी. इसको लेकर कोर्ट ने 3 जुलाई को सुनवाई करने का विचार किया था. सरकार ने आग्रह किया था कि इसकी सुनवाई 3 जुलाई से पहले की जाए. इसपर कोर्ट ने विचार करते हुए 9 मई को सुनवाई का फैसला लिया था, लेकिन मंगलवार को कोर्ट ने सरकार की इस याचिका को खारिज कर दिया. अब सरकार को 3 जुलाई तक इंतजार करना होगा.