पटना : बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद से सियासत चरम पर चल रही है. नेता लगातार जातीय गणना के आंकड़े पर लगातार उठा रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा, रवि शंकर प्रसाद सहित कई नेताओं ने बयान दिया था कि उनसे जातीय गणना को लेकर कोई बातचीत नहीं की गई. रवि शंकर प्रसाद को लेकर पटना जिला प्रशासन ने सफाई दी है, तो वहीं उपेंद्र कुशवाहा को लेकर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने जो जानकारी जारी की. उसको लेकर सवाल उठने लगे.
'जातीय गणना पर विपक्ष का दोहरा मापदंड' : सुशील मोदी सहित भाजपा के नेताओं ने भी सूचना लीक करने पर सवाल खड़ा किया और कहा कि नीरज कुमार के पास ये आंकड़े कहां से आ गये? जदयू प्रवक्ता नीरज ने सफाई देते हुए कहा कि हमने कोई डाटा जातीय गणना से संबंधित लीक नहीं किया है. जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद दो पक्ष उभर कर सामने आए हैं, एक तो सही ढंग से सर्वे का काम नहीं किया गया. दूसरा राजनीतिक हिस्सेदारी को लेकर तो यह दोहरा मापदंड क्यों? हर घर के आगे नंबरिंग किया गया है.
''जातीय गणना से संबंधित कुथ भी लीक नहीं हुआ है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहे हैं कि उनसे पूछने के लिए कोई नहीं आया, तो सार्वजनिक रूप से उनका और उनके परिवार का नाम कई जगह है. उनके आवास का नंबर भी सब देख रहा है. घर के आगे जो नंबर लिखा हुआ है, क्या उसको भी देखना मना है. उस घर के जो पड़ोसी हैं उनके बारे में बता नहीं देगा.''- नीरज कुमार, जेडीयू एमएलसी
नीरज कुमार की सफाई : जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि आरोप लगाने वालों में नैतिक बल नहीं है, कि जो जातीय सर्वे हुआ है उसकी मांग पूरे देश में करें. वो कभी कहते हैं कि सर्वे ठीक से नहीं हुआ, रिपोर्ट सही नहीं है तो कभी कह रहे हैं इस्तीफा दे दीजिए. ये अजीब राजनीतिक लीला है. नीरज कुमार ने साफ़ कहा कि जातीय गणना से संबंधित कुछ भी लीक नहीं हुआ है.