पटना: बिहार में एक बार फिर से यात्रा पर सियासत शुरू है. एक तरफ जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाज सुधार अभियान यात्रा निकाल रहे हैं. हालांकि बीच में कोरोना के कारण इस पर ब्रेक लग गया था. अब 22 फरवरी से फिर से सीएम अभियान पर निकलने वाले हैं. वहीं दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) बेरोजगारी यात्रा निकालने वाले हैं. तेजस्वी के बड़े भाई तेजप्रताप यादव भी न्याय यात्रा निकालने वाले हैं. जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल (JDU Spokesperson Nikhil Mandal) ने तेजप्रताप और तेजस्वी की प्रस्तावित यात्रा को लेकर तंज कसते हुए कहा कि दरअसल आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर दोनों में दावेदारी हो रही है.
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जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि तेजस्वी यादव ने 18 महीने मुख्यमंत्री के साथ काम किया है. इस दौरान उन्होंने सीएम से कुछ तो सीखा है लेकिन आधा-अधूरा, क्योंकि आधा-अधूरा ही उन्हें समय मिला. निखिल मंडल ने कहा कि तेजस्वी यादव पहले भी यात्रा की घोषणा कर चुके हैं लेकिन ट्विटर पर ही उनकी यात्रा शुरू हुई और ट्विटर पर ही समाप्त हो गई. वे कहां गए, कुछ पता नहीं चला.
जेडीयू नेता ने कहा कि लोकतंत्र में यात्रा निकालना अच्छी बात है. जमीनी हकीकत सबको जानना चाहिए, यह स्वागत योग्य कदम है लेकिन यदि यात्रा सही में करते हैं तब. दूसरी तरफ तेजप्रताप यादव कहते हैं कि लालू यादव को फंसाया गया है. एक तरफ कह रहे हैं कानून पर भी विश्वास है और दो तरह की बात भी कर रहे हैं. उनकी कथनी और करनी में अंतर है. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले भी एक दर्जन से अधिक यात्रा कर चुके हैं और अभी भी समाज सुधार अभियान यात्रा कर रहे हैं.
लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे की यात्रा की घोषणा पर जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर दावेदारी की बात है. दोनों अपनी यात्राओं की सफलता पर ही दावेदारी करेंगे. उन्होंने कहा कि दोनों लालू यादव के पुत्र हैं और एक ही पार्टी के नेता हैं, उसके बावजूद एक साथ यात्रा नहीं निकाल रहे हैं. अलग-अलग यात्रा करने का मतलब साफ है कि दोनों अलग-अलग हैं.
आपको याद दिलाएं कि बिहार में 2020 में भी तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बनाया था. अब अपनी यात्राओं के माध्यम से बेरोजगारी को फिर से मुद्दा बनाने में लगे हैं. आने वाले दिनों में रैली भी करने की घोषणा कर रखी है लेकिन दोनों भाइयों की यात्रा शुरू होने से पहले ही सत्तापक्ष को फिलहाल हमला करने का मौका जरूर मिल गया है.
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