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तेजस्वी के बेरोजगारी रैला पर JDU का तंज- 15 साल की जानकारी दें, नहीं तो खोलेंगे पोल

तेजस्वी के बेरोजगारी रैला पर जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि उन्हें लालू-राबड़ी राज के 15 साल की जानकारी देनी होगी. नहीं तो हमलोग पोल खोलेंगे. पढ़ें पूरी खबर...

Tejashwi Yadav Abhishek Jha
तेजस्वी यादव और अभिषेक झा
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Published : Oct 27, 2021, 4:41 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) 2020 में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा बना था. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने उस समय 10 लाख युवाओं को पहली कैबिनेट बैठक में नौकरी देने की घोषणा की थी. तेजस्वी ने अब अगले साल बेरोजगारी के मुद्दे पर रैला करने की घोषणा की है.

यह भी पढ़ें- तारापुर में लालू का शंखनाद- 'तेजस्वी ने उखाड़ दिया, मैं विसर्जन करने आया हूं'

तेजस्वी के बेरोजगारी रैला को लेकर जदयू ने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें पूरे आंकड़े के साथ रैला करना चाहिए. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो हम लोग पोल खोलेंगे. जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा, 'नीतीश सरकार के लिए रोजगार कितना महत्वपूर्ण है, इसी से पता चलता है कि पहली कैबिनेट की बैठक में ही 20 लाख रोजगार सृजित करने का मुख्यमंत्री ने फैसला लिया था. तेजस्वी यादव युवाओं को बरगलाने में जरूर लगे हैं. रैला के माध्यम से भी बरगलाने की ही कोशिश करेंगे.'

देखें वीडियो

अभिषेक झा ने कहा, 'लालू-राबड़ी के 15 साल के शासनकाल में केवल 95000 लोगों को नौकरी दी गई थी. नीतीश कुमार के 15 साल के शासनकाल में 6 लाख से अधिक लोगों को नौकरी दी गई है. एनडीए ने विधानसभा चुनाव के समय 19 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया था. कैबिनेट की बैठक में नीतीश सरकार ने 5 साल में 20 लाख रोजगार सृजित करने का फैसला किया था. तेजस्वी यादव युवाओं को दिवास्वप्न दिखा रहे थे. लोग भी समझ गए हैं कि तेजस्वी का वादा पूरा नहीं होने वाला है. इसलिए बैक फायर कर गया.'

"रोजगार के मुद्दे पर तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी को अधिक सीट नहीं मिली. चिराग पासवान के वोट कटवा की भूमिका निभाने के कारण उन्हें लाभ पहुंचा. आरजेडी की बी टीम की तरह चिराग पासवान ने काम किया था. तेजस्वी यादव के बेरोजगारी रैला से हम लोगों को कोई चिंता नहीं है. बेरोजगारी मुद्दा है और सरकार उस पर लगातार काम कर रही है. जहां तक तेजस्वी यादव की बात है तो उनके पूरे परिवार को रोजगार तो मिला ही हुआ है. वह भले ही युवाओं को बरगलाने की कितनी भी कोशिश कर लें, कामयाब नहीं होंगे."- अभिषेक झा, जदयू, प्रवक्ता

बता दें कि तेजस्वी यादव बिहार में दो सीटों पर चल रहे उपचुनाव में भी बेरोजगारी के मुद्दे को उठा रहे हैं. बड़ी संख्या में बिहार के युवा रोजगार के लिए पलायन करते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा बना था. तेजस्वी यादव ने इसे एक बार फिर से भुनाने की कोशिश शुरू कर दी है. उन्होंने अगले साल बेरोजगारी रैला करने की घोषणा की है.

यह भी पढ़ें- नाराज तेज प्रताप को मनाने की कोशिश, अब लालू वीडियो कॉल से कराएंगे प्रचार

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) 2020 में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा बना था. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने उस समय 10 लाख युवाओं को पहली कैबिनेट बैठक में नौकरी देने की घोषणा की थी. तेजस्वी ने अब अगले साल बेरोजगारी के मुद्दे पर रैला करने की घोषणा की है.

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तेजस्वी के बेरोजगारी रैला को लेकर जदयू ने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें पूरे आंकड़े के साथ रैला करना चाहिए. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो हम लोग पोल खोलेंगे. जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा, 'नीतीश सरकार के लिए रोजगार कितना महत्वपूर्ण है, इसी से पता चलता है कि पहली कैबिनेट की बैठक में ही 20 लाख रोजगार सृजित करने का मुख्यमंत्री ने फैसला लिया था. तेजस्वी यादव युवाओं को बरगलाने में जरूर लगे हैं. रैला के माध्यम से भी बरगलाने की ही कोशिश करेंगे.'

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अभिषेक झा ने कहा, 'लालू-राबड़ी के 15 साल के शासनकाल में केवल 95000 लोगों को नौकरी दी गई थी. नीतीश कुमार के 15 साल के शासनकाल में 6 लाख से अधिक लोगों को नौकरी दी गई है. एनडीए ने विधानसभा चुनाव के समय 19 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया था. कैबिनेट की बैठक में नीतीश सरकार ने 5 साल में 20 लाख रोजगार सृजित करने का फैसला किया था. तेजस्वी यादव युवाओं को दिवास्वप्न दिखा रहे थे. लोग भी समझ गए हैं कि तेजस्वी का वादा पूरा नहीं होने वाला है. इसलिए बैक फायर कर गया.'

"रोजगार के मुद्दे पर तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी को अधिक सीट नहीं मिली. चिराग पासवान के वोट कटवा की भूमिका निभाने के कारण उन्हें लाभ पहुंचा. आरजेडी की बी टीम की तरह चिराग पासवान ने काम किया था. तेजस्वी यादव के बेरोजगारी रैला से हम लोगों को कोई चिंता नहीं है. बेरोजगारी मुद्दा है और सरकार उस पर लगातार काम कर रही है. जहां तक तेजस्वी यादव की बात है तो उनके पूरे परिवार को रोजगार तो मिला ही हुआ है. वह भले ही युवाओं को बरगलाने की कितनी भी कोशिश कर लें, कामयाब नहीं होंगे."- अभिषेक झा, जदयू, प्रवक्ता

बता दें कि तेजस्वी यादव बिहार में दो सीटों पर चल रहे उपचुनाव में भी बेरोजगारी के मुद्दे को उठा रहे हैं. बड़ी संख्या में बिहार के युवा रोजगार के लिए पलायन करते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा बना था. तेजस्वी यादव ने इसे एक बार फिर से भुनाने की कोशिश शुरू कर दी है. उन्होंने अगले साल बेरोजगारी रैला करने की घोषणा की है.

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