पटना: बिहार विधान परिषद में सोमवार को शिक्षा बजट पेश किया गया. इस दौरान बिहार में स्थित अरबी-फारसी विश्वविद्यालय को लेकर एक बहुत बड़ा खुलासा किया गया. शिक्षा विभाग ने कहा कि जिस समय में अरबी-फारसी विश्वविद्यालय बिहार में खोले गए थे. उस समय से बिना नोटिफिकेशन के ही विश्वविद्यालय चल रहे थे.
नीरज कुमार ने की राजद को घेरने की कोशिश
इसको लेकर जदयू के मंत्री नीरज कुमार ने राजद को घेरने की कोशिश की. नीरज कुमार ने कहा कि इसका जवाब राजद के लोग दें या लालू प्रसाद यादव दें कि किस तरह से अरबी-फारसी विश्वविद्यालय बिना नोटिफिकेशन के ही उनके राज में चल रहा था. उन्होंने कहा कि जिस तरह चरवाहा विद्यालय की कार्य संस्कृति के बारे में और राजद के लोग कुछ नहीं बोलते हैं. उसी तरह अरबी-फारसी विश्वविद्यालय को भी उन लोगों ने बिना नोटिफिकेशन के ही चला दिया था.
राजद के लोग दें जवाब- नीरज कुमार
मंत्री ने कहा कि यह विश्वविद्यालय लगातार बिना नोटिफिकेशन का चलता रहा और बहाली भी होती रही. इसका जवाब राजद के लोग देंगे कि आखिर किस तरह की कार्य संस्कृति से उन्होंने उर्दू भाषियों को ठगने का काम किया. नीरज कुमार ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री ने उर्दू फारसी विश्वविद्यालय के भवन के लिए राशि की व्यवस्था की और वह भवन बन रहा है. जिस तरह से राजद के लोगों ने उर्दू भाषी लोगों के साथ धोखा किया है इस बात को उन्हें स्वीकारना चाहिए और जवाब देना चाहिए.
'शिक्षा को रसातल में डूबाने की कर रहे थे कोशिश'
नीरज कुमार ने कहा कि उस समय में अरबी-फारसी विश्वविद्यालय को बिना नोटिफिकेशन का ही चला देना, निश्चित तौर पर एक गंभीर विषय था और जो आज खुलकर सामने आया है. इन सब मुद्दों पर राजद को जवाब देना चाहिए कि वह शिक्षा को किस रसातल में डूबाने की कोशिश कर रहे थे. उनके समय में शिक्षा के क्या हालात थे इन्हीं सब बातों से सब कुछ पता चलता है.