पटना: बिहार में बाढ़ पर सियासत शुरू हो गई है. एक ओर जहां विपक्ष आपदा ग्रस्त घोषित करने की मांग कर रहा है, वहीं, जेडीयू के मंत्रियों ने भी केन्द्र सरकार से विशेष मदद की उम्मीद की है. हालांकि, इस मामले में बीजेपी के मंत्रियों ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की मदद के लिए केन्द्र में इसके लिए अलग से नियम है.
बाढ़ पर सदन मे हंगामा
बिहार में आई इस आपदा से निबटने के लिए जेडीयू और विपक्ष के बयान के साथ दिख रहा है. इस मामले में बीजेपी ने केन्द्र सरकार से मिलने वाली सहायतों का जिक्र खुद बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने विधानसभा में किया है. बिहार विधानसभा में लगातार बाढ़ पीड़ितों की मदद को लेकर विपक्ष हंगामा कर रहा है. पिछले पांच दिनों की बात करें तो, न केवल सदन के बाहर बल्कि सदन के अंदर भी विपक्ष इस मुद्दे को उठाता रहा है और बिहार को आपदा ग्रस्त घोषित करने की मांग कर रहा है.
सरकार से मदद की उम्मीद- जेडीयू
विधानसभा में आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि केंद्र में भी एनडीए की सरकार है और बिहार में भी है. इस हिसाब से बिहार सरकार को केंद्र से विशेष मदद मांगनी चाहिए. इस संबंध में जेडीयू नेता श्याम रजक कहा कि केन्द्र सरकार से मदद मिल रही है. लेकिन, बिहार को और ज्यादा सहायता की जरुरत है. वहीं, जेडीयू नेता जय कुमार सिंह ने भी ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि बिहार को विशेष मदद मिलनी चाहिए. बाढ़ से कई गांव तबाह हो गया है.
हेलीकॉप्टर से होगा फूड ड्रॉप
गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बताया कि केंद्र ने फूड ड्रॉप के लिए एक हेलीकॉप्टर दिया है. कल से दो हेलीकॉप्टर फूड ड्रॉपिंग में लग जाएगा. एनडीआरएफ की टीम भी लगी हुई है और जो भी केंन्द्र से मदद की बात मांगने की बात है, उसके लिए बिहार सरकार प्रस्ताव भेजेगी. इस संबंध में केंद्रीय टीम फैसला लेगी लेकिन उसके लिए पहले से नियम बने हुए हैं. केंद्र में किसी की भी सरकार हो, उसी हिसाब से फैसला लिया जाता रहा है.
आरजेडी का पीएम मोदी पर तंज
विधानसभा में दिए गए सुशील मोदी के बयान पर आरजेडी नेता ने तंज कसा है. आरजेडी विधायक शक्ति यादव ने कहा कि एक तो केंद्र ने आपदा ग्रस्त घोषित किया नहीं किया. वहीं, हमेशा ट्वीट करने वाले पीएम भी बिहार में आई आपदा पर एक भी ट्वीट नहीं किया है.
सरकार ने इतनी की मदद
बता दें कि बिहार में हर साल बाढ़ आती है और बिहार सरकार की ओर से केंद्र से क्षतिपूर्ति की मांग भी की जाती रही है. बिहार सरकार की मांग से संबंधित प्रस्ताव भी भेजा जाता रहा है. इसके लिए केंद्रीय टीम भी आती हैं. बावजूद पिछला रिकॉर्ड रहा है कि बिहार सरकार ने जितनी मदद मांगी, उसका एक छोटा हिस्सा ही बिहार को मिला है. संभवत इसलिए इस बार मुख्यमंत्री ने अभी तक कोई पहल नहीं की है.