पटना: बिहार में मकर संक्रांति के मौके पर राजनीति अंगड़ाई लेने लगती है. इस बार वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास के बजाय पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह के आवास पर दही चूड़ा भोज का आयोजन किया गया. जदयू के तमाम कद्दावर नेताओं का जमावड़ा जय कुमार सिंह के सरकारी आवास पर लगा. कई बागी नेता भी मकर संक्रांति के मौके पर भोज का आनंद उठाने पहुंचे.
प्रायश्चित के बाद वापसी के संकेत
जदयू के कई नेता विधानसभा चुनाव के दौरान बगावत कर चुनाव लड़े थे. अब वे घर वापसी की जुगत में हैं. बैकुंठपुर से मनजीत सिंह, गोड से रणविजय सिंह और औरैया से शैलेंद्र प्रताप चुनाव लड़े थे. तीनों नेता चूड़ा दही भोज के मौके पर जय कुमार सिंह के आवास पर पहुंचे. उनकी पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात भी हुई.
पूर्व विधायक मनजीत सिंह ने कहा "मैं चुनाव जरूर लड़ा था, लेकिन मेरे आदर्श नीतीश कुमार हैं. मैं नीतीश कुमार को राजनीतिक पिता मानता हूं. मैं कहीं भी रहूं नीतीश कुमार मेरे लिए आदर्श हैं. जहां तक जदयू में वापसी का सवाल है तो उस पर अंतिम फैसला नेतृत्व को करना है."
पूर्व विधायक रणविजय सिंह ने कहा "इस बार परिस्थितियां ऐसी हुईं कि मुझे चुनाव लड़ना पड़ा. मैं रालोसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा. जहां तक पार्टी में वापसी का सवाल है तो उस पर अंतिम फैसला नेतृत्व को करना है. वैसे भी राजनीति संभावनाओं का खेल है."
पार्टी नेतृत्व की ओर से भी बागी नेताओं को लेकर सकारात्मक संकेत मिले हैं. वशिष्ठ नारायण सिंह सरीखे नेता बागी नेताओं को लेकर मुलायम हैं. उनका कहना है कि अगर लोग प्रायश्चित करें तो पुनः पार्टी में वापसी हो सकती.