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विधान परिषद सभापति चुनाव में 'अल्पसंख्यक' लड़ाई! BJP ने 'शाहनवाज' को नवाजा तो JDU ने खेला ये ट्रंप कार्ड - मंत्रिमंडल विस्तार के बाद

विधान परिषद चुनावः बिहार में बीजेपी ने शाहनवाज पर दांव लगाया. और अब जेडीयू गुलाम गॉस को ला रही है. अल्पसंख्यक नेता के रूप में दोनों पार्टी ने अपनी चुनाव कर लिया है. जदयू इसे गंभीरता से ले रही है. जदयू बिहार की राजनीति में अपने अल्पसंख्यक नेताओं को आगे बढ़ाने की तैयारी कर रही है.

बिहार विधान सभा
बिहार विधान सभा
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Published : Feb 13, 2021, 7:51 PM IST

Updated : Feb 13, 2021, 8:03 PM IST

पटना: मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जदयू की नजर बिहार विधान परिषद की कुर्सी पर है. फिलहाल विधानसभा और विधान परिषद दोनों पर भाजपा का कब्जा है. लेकिन विधानसभा सत्र से पहले जदयू विधान परिषद में सभापति का पद अपने कोटे में चाहती है.

विधान परिषद में जदयू सबसे बड़ी पार्टी
बिहार में भाजपा और जदयू गठबंधन में है. लंबे समय से राज्य में केंद्र गठबंधन की सरकार चल रही है. विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पहली बार भाजपा कोटे में गई है. और विजय सिन्हा विधानसभा के अध्यक्ष हैं. इससे पहले अध्यक्ष पद पर जदयू का दावा हुआ करता था. लगभग 15 सालों तक जदयू कोटे के नेता विधानसभा के अध्यक्ष हुआ करते थे.

बिहार विधान परिषद
बिहार विधान परिषद

बिहार विधान परिषद भाजपा कोटे में था और परिषद के सभापति पर भाजपा का कब्जा था. लेकिन बीच में महागठबंधन की सरकार बन गई. और समीकरण बदल गए थे. फिलहाल दोनों सदनों पर भाजपा का कब्जा है. एक और विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा जहां भाजपा कोटे से हैं. वहीं विधान परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह भी भाजपा कोटे से हैं.

देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें- प्रशांत किशोर के मकान पर चला प्रशासन का बुलडोजर, जानिये क्या है वजह

'जदयू अपने हिस्से विधान परिषद सभापति की कुर्सी चाहेगी. जदयू खेमा अल्पसंख्यक को सभापति बनाना चाहता है. पहले भी हारून रशीद सभापति रह चुके हैं. फिलहाल गुलाम गौस को लेकर चर्चा है.' -डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

जदयू भी खेलना चाहती है अल्पसंख्यक कार्ड
मिल रही जानकारी के मुताबिक जिस तरीके से भाजपा ने शाहनवाज हुसैन को आगे लाकर अल्पसंख्यक कार्ड खेला है. उसी तरीके से जदयू भी अल्पसंख्यक कार्ड खेलना चाहती है. दूसरा चेहरा गुलाम गौस को सभापति के पद पर बिठाना चाहती है.

'सभापति की कुर्सी किसके पक्ष में जाएगी, पार्टी के बड़े नेता इसे बैठकर तय कर लेंगे.' -अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता

अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता
अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता

बिहार विधान परिषद में 75 सीटें हैं, जिनमें से 59 सीटों में से 23 जदयू के पास है जबकि भाजपा के पास 19 सीटें हैं लोजपा एक हम एक VIP-1 और राजद के 6 सदस्य हैं. इसके अलावा सीपीआई के पास दो और दो इंडिपेंडेंट एमएलसी हैं. 12 राज्यपाल कोटे से मनोनयन होना है. इसके अलावा चार और सीट खाली पड़ी हैं. इस हिसाब से एनडीए के पास विधान परिषद में बहुमत है और जदयू परिषद की सीट पर अपना दावा मानती है.

अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता
अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता

'ऐसे मामलों में अंतिम फैसला शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर होता है.' -अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता

पटना: मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जदयू की नजर बिहार विधान परिषद की कुर्सी पर है. फिलहाल विधानसभा और विधान परिषद दोनों पर भाजपा का कब्जा है. लेकिन विधानसभा सत्र से पहले जदयू विधान परिषद में सभापति का पद अपने कोटे में चाहती है.

विधान परिषद में जदयू सबसे बड़ी पार्टी
बिहार में भाजपा और जदयू गठबंधन में है. लंबे समय से राज्य में केंद्र गठबंधन की सरकार चल रही है. विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पहली बार भाजपा कोटे में गई है. और विजय सिन्हा विधानसभा के अध्यक्ष हैं. इससे पहले अध्यक्ष पद पर जदयू का दावा हुआ करता था. लगभग 15 सालों तक जदयू कोटे के नेता विधानसभा के अध्यक्ष हुआ करते थे.

बिहार विधान परिषद
बिहार विधान परिषद

बिहार विधान परिषद भाजपा कोटे में था और परिषद के सभापति पर भाजपा का कब्जा था. लेकिन बीच में महागठबंधन की सरकार बन गई. और समीकरण बदल गए थे. फिलहाल दोनों सदनों पर भाजपा का कब्जा है. एक और विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा जहां भाजपा कोटे से हैं. वहीं विधान परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह भी भाजपा कोटे से हैं.

देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें- प्रशांत किशोर के मकान पर चला प्रशासन का बुलडोजर, जानिये क्या है वजह

'जदयू अपने हिस्से विधान परिषद सभापति की कुर्सी चाहेगी. जदयू खेमा अल्पसंख्यक को सभापति बनाना चाहता है. पहले भी हारून रशीद सभापति रह चुके हैं. फिलहाल गुलाम गौस को लेकर चर्चा है.' -डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

जदयू भी खेलना चाहती है अल्पसंख्यक कार्ड
मिल रही जानकारी के मुताबिक जिस तरीके से भाजपा ने शाहनवाज हुसैन को आगे लाकर अल्पसंख्यक कार्ड खेला है. उसी तरीके से जदयू भी अल्पसंख्यक कार्ड खेलना चाहती है. दूसरा चेहरा गुलाम गौस को सभापति के पद पर बिठाना चाहती है.

'सभापति की कुर्सी किसके पक्ष में जाएगी, पार्टी के बड़े नेता इसे बैठकर तय कर लेंगे.' -अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता

अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता
अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता

बिहार विधान परिषद में 75 सीटें हैं, जिनमें से 59 सीटों में से 23 जदयू के पास है जबकि भाजपा के पास 19 सीटें हैं लोजपा एक हम एक VIP-1 और राजद के 6 सदस्य हैं. इसके अलावा सीपीआई के पास दो और दो इंडिपेंडेंट एमएलसी हैं. 12 राज्यपाल कोटे से मनोनयन होना है. इसके अलावा चार और सीट खाली पड़ी हैं. इस हिसाब से एनडीए के पास विधान परिषद में बहुमत है और जदयू परिषद की सीट पर अपना दावा मानती है.

अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता
अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता

'ऐसे मामलों में अंतिम फैसला शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर होता है.' -अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता

Last Updated : Feb 13, 2021, 8:03 PM IST
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