पटना: दरभंगा एम्स का मामला दिन ब दिन उलझता जा रहा है. बीजेपी और जेडीयू आमने-सामने है. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने जहां बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से मुलाकात की है, वहीं जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने इसको लेकर बीजेपी पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निर्माण के लिए जमीन की मंजूरी दे दी लेकिन इसके बावजूद अभी तक काम शुरू नहीं हुआ. इससे साफ जाहिर होता है कि केंद्र वहां एम्स बनाना ही नहीं चाहता.
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''केंद्र सरकार दरभंगा में AIIMS नहीं बनाना चाहती है सिर्फ इस पर राजनीति करना चाहती है. यह बिहार के मुख्यमंत्री की पसंद है कि दरभंगा में AIIMS मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जाए. राज्य सरकार ने निर्माण के लिए जमीन तो मंजूर कर दी, लेकिन वे AIIMS बनाना नहीं चाहते. राज्य सरकार ने दरभंगा मेडिकल कॉलेज को सुपर स्पेशियलिटी कॉलेज बनाने का फैसला लिया है.'' - ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जनता दल यूनाइटेड
'राजनीति कर रही है बीजेपी': ललन सिंह ने कहा है कि बीजेपी के लोगों को दरभंगा में एम्स नहीं बनाना है, उन्हें सिर्फ राजनीति करना है. बिहार सरकार ने दरभंगा एम्स के लिए जमीन भी आवंटित कर दी है. इसके साथ ही मिट्टी भराई के लिए पैसे का भी आवंटन कर दिया है लेकिन भारतीय जनता पार्टी सिर्फ राजनीति करना चाहती है, उनकी मंशा वहां एम्स बनाने की नहीं है.
बीजेपी ने राज्यपाल से मुलाकात की: आपको बताएं कि इस मुद्दे को लेकर शनिवार को दरभंगा से बीजेपी सांसद गोपाल जी ठाकुर के नेतृत्व में मिथिलांचल के जनप्रतिनिधियों ने बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा. नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार दरभंगा में एम्स बनाना नहीं चाहती है.
क्यों है दरभंगा एम्स को लेकर विवाद?: दरअसल जमीन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच पेंच फंसा हुआ है. जिस वजह से पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के बीच पत्राचार भी हुआ था. पहले निर्माण डीएमसीएच कैंपस में ही होना था लेकिन फिरराज्य सरकार की ओर से दरभंगा के शोभन बायपास के पास 151 एकड़ जमीन एम्स निर्माण के लिए आवंटित की गई. बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने जांच के बाद कहा कि जमीन नो मैंस लैंड है, उस जमीन पर निर्माण कार्य नहीं हो सकता.