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Nitish Kumar के 'BJP प्रेम' से JDU असहज.. जवाब दिए बगैर ललन सिंह गाड़ी में जा बैठे, सवाल- क्या पलटी मारेंगे CM? - Bihar Politics

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'बीजेपी प्रेम' ने जनता दल यूनाइटेड के साथ-साथ महागठबंधन को भी फंसा दिया है. नेताओं के लिए जवाब देते नहीं बन रहा है. अक्सर भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर रहने वाले जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह से पटना में जब इस बारे में पत्रकारों ने सवाल पूछा तो वह बिना कुछ जवाब दिए अपनी गाड़ी में जाकर बैठ गए.

नीतीश कुमार के 'बीजेपी प्रेम' पर जेडीयू की सफाई
नीतीश कुमार के 'बीजेपी प्रेम' पर जेडीयू की सफाई
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 19, 2023, 4:28 PM IST

नीतीश कुमार के 'बीजेपी प्रेम' पर ललन सिंह ने कुछ नहीं बोला.

पटना: क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर पलटी मारेंगे? ये सवाल वैसे तो पिछले कई महीनों से सियासी गलियारों के साथ-साथ आम-अवाम के बीच चर्चा में है लेकिन आज जब राष्ट्रपति की मौजूदगी में सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इज्जत करने और बीजेपी से आजीवन 'मोहब्बत' की बात कबूली, कयासबाजी फिर से तेज हो गई. सार्वजनिक मंच से नीतीश ऐसा कुछ कहेंगे, शायद इस बात का अंदाजा पार्टी के शीर्ष नेताओं को भी नहीं था. यही वजह है कि जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह को जवाब नहीं सूझ रहा है. वहीं प्रवक्ता सफाई देने में जुट गए हैं.

ये भी पढ़ें: Nitish Kumar: 'जब तक जिंदा हैं.. आपसे दोस्ती रहेगी'.. नीतीश कुमार ने की पीएम मोदी की तारीफ, कांग्रेस को कोसा

ललन सिंह के लिए जवाब देना हुआ मुश्किल: पटना में पत्रकारों ने ललन सिंह से पूछा, 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बयान दिया है कि बीजेपी के नेताओं से दोस्ती कभी खत्म नहीं होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सीएम ने तारीफ की है.' इस पर ललन सिंह ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. वह कोई जवाब दिए बगैर चुपचाप अपनी गाड़ी में जाकर बैठ गए.

क्या समीकरण बदल रहा है?: वहीं नीतीश कुमार के बीजेपी प्रेम पर जेडीयू प्रवक्ता हेमराज राम ने कहा कि लंबे समय तक जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं के साथ मुख्यमंत्री का संबंध बेहद मधुर रहा है लेकिन अब वह बीजेपी नहीं रही. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने केंद्रीय विश्वविद्यालय दिया है तो वह बिहार का हक था. पीएम ने जो वादा किया था, वह तो पूरा नहीं किया. सीएम के बयान का अर्थ किसी समीकरण बदलने के रूप में ना देखा जाए.

"अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संबंध अच्छा रहा है लेकिन अब वह बीजेपी नहीं है. आज के बयान से किसी तरह का कोई परिवर्तन होने वाला नहीं है. 2024 में बीजेपी को सत्ता से हम लोग बाहर करेंगे"- हेमराज राम, प्रवक्ता, जेडीयू

क्या बोले थे नीतीश कुमार?: दरअसल, मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के साथ-साथ बीजेपी नेताओं की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की. इसके अलावे उन्होंने बीजेपी के प्रति अपना प्रेम भी दिखाया. उन्होंने कहा, 'जब तक हम जीवित रहेंगे, इज्जत करते रहेंगे. हमारी दोस्ती कभी खत्म नहीं होगी. जब तक जीवित रहेंगे, आप लोगों के साथ मेरा संबंध रहेगा.'

ये भी पढ़ें: 'बीजेपी से दोस्ती वाले बयान को भाजपा के लोग लेकर उड़ गए..' बोले शक्ति सिंह- 'ख्याली पुलाव बनाने से कुछ नहीं होने वाला'

नीतीश कुमार के 'बीजेपी प्रेम' पर ललन सिंह ने कुछ नहीं बोला.

पटना: क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर पलटी मारेंगे? ये सवाल वैसे तो पिछले कई महीनों से सियासी गलियारों के साथ-साथ आम-अवाम के बीच चर्चा में है लेकिन आज जब राष्ट्रपति की मौजूदगी में सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इज्जत करने और बीजेपी से आजीवन 'मोहब्बत' की बात कबूली, कयासबाजी फिर से तेज हो गई. सार्वजनिक मंच से नीतीश ऐसा कुछ कहेंगे, शायद इस बात का अंदाजा पार्टी के शीर्ष नेताओं को भी नहीं था. यही वजह है कि जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह को जवाब नहीं सूझ रहा है. वहीं प्रवक्ता सफाई देने में जुट गए हैं.

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ललन सिंह के लिए जवाब देना हुआ मुश्किल: पटना में पत्रकारों ने ललन सिंह से पूछा, 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बयान दिया है कि बीजेपी के नेताओं से दोस्ती कभी खत्म नहीं होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सीएम ने तारीफ की है.' इस पर ललन सिंह ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. वह कोई जवाब दिए बगैर चुपचाप अपनी गाड़ी में जाकर बैठ गए.

क्या समीकरण बदल रहा है?: वहीं नीतीश कुमार के बीजेपी प्रेम पर जेडीयू प्रवक्ता हेमराज राम ने कहा कि लंबे समय तक जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं के साथ मुख्यमंत्री का संबंध बेहद मधुर रहा है लेकिन अब वह बीजेपी नहीं रही. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने केंद्रीय विश्वविद्यालय दिया है तो वह बिहार का हक था. पीएम ने जो वादा किया था, वह तो पूरा नहीं किया. सीएम के बयान का अर्थ किसी समीकरण बदलने के रूप में ना देखा जाए.

"अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संबंध अच्छा रहा है लेकिन अब वह बीजेपी नहीं है. आज के बयान से किसी तरह का कोई परिवर्तन होने वाला नहीं है. 2024 में बीजेपी को सत्ता से हम लोग बाहर करेंगे"- हेमराज राम, प्रवक्ता, जेडीयू

क्या बोले थे नीतीश कुमार?: दरअसल, मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के साथ-साथ बीजेपी नेताओं की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की. इसके अलावे उन्होंने बीजेपी के प्रति अपना प्रेम भी दिखाया. उन्होंने कहा, 'जब तक हम जीवित रहेंगे, इज्जत करते रहेंगे. हमारी दोस्ती कभी खत्म नहीं होगी. जब तक जीवित रहेंगे, आप लोगों के साथ मेरा संबंध रहेगा.'

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