पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार जदयू का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. जनादेश में पार्टी को सिर्फ 43 सीटें मिली और वो तीसरे नंबर पर आ गई. शायद चुनावी परिणामों को देखते हुए ही नीतीश कुमार ने तीन साल के पार्टी की कमान आरसीपी सिंह को सौंप दी. इसके बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सक्रिय मोड में दिखाई दे रहे हैं. बुधवार को आरसीपी सिंह ने कुशवाहा समाज के साथ बैठक की. इस बैठक में पूर्व मंत्री मंजू देवी और मेवालाल चौधरी के साथ-साथ कृष्ण नंदन वर्मा भी शामिल हुए.
पिछले कई दिनों से बैठकों का सिलसिला लगातार जारी है. इसी क्रम में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कुशवाहा समाज के साथ बैठक कर घंटों मंथन किया. विधानसभा चुनाव में इस बार कुशवाहा समाज के कई बड़े नेता चुनाव हार गए. शिक्षा मंत्री रहे कृष्ण नंदन वर्मा चुनाव हार गए तो वही बालिका गृह कांड से चर्चित हुईं पूर्व मंत्री मंजू वर्मा भी चुनाव नहीं जीत पाईं. सरकार बनने के बाद मेवालाल चौधरी शिक्षा मंत्री तो बनाए गए लेकिन लगे आरोपों के बाद उन्हें ये पद गंवाना पड़ा. इस बैठक में ये तीनों चेहरे दिखाई दिए.
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क्या बोले मेवालाल और मंजू वर्मा
कुशवाहा समाज को पार्टी से कैसे मजबूती से जोड़ा जाए, आरसीपी सिंह ने बैठक में इसपर गंभीर चर्चा करते हुए सभी की राय ली. बैठक में शामिल हुए मेवालाल चौधरी और मंजू वर्मा ने कहा कि विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन के साथ कुशवाहा समाज को पार्टी से जोड़ने पर मंथन हुआ है.
'हम 43 सीटों पर क्यों सिमट गए, इस विषय पर चर्चा की गई. हमारी कमजोरियों को दूर करने की कोशिशें होंगी.'- मंजू वर्मा, पूर्व मंत्री
एक्शन में आरसीपी सिंह
पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद संभालने के बाद से आरसीपी सिंह एक्शन में दिखने लगे हैं. वो हर रोज जदयू कार्यालय में बैठक कर पार्टी नेताओं से फीडबैक ले रहे हैं. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद, राज्य कार्यकारिणी बैठक 10 जनवरी से होने वाली है. ऐसे में राज्य कार्यकारिणी को लेकर भी आरसीपी सिंह नेताओं से राय ले रहे हैं. इस बैठक में आरसीपी सिंह कई बड़े फैसले लेते हुए संगठन में बड़ा उलटफेर कर सकते हैं.