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'जब बिहार का बंटवारा हुआ तो लोग कहते थे.. बिहार में सिर्फ लालू, आलू और बालू बचा है'

जेडीयू सांसद ललन सिंह ने सदन के अंदर बिहार-झारखंड के बंटवारे के वक्त को याद किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बंटवारे में सारा संसाधन झारखंड चला गया. ये चिंता सबके भीतर थी कि बिहार आखिर कैसे उन्नति के पथ पर आगे बढ़ेगा? उस वक्त देश में लालू आलू और बालू की चर्चा थी. बावजूद इसके बिहार ने अपने संसाधनों के आधार पर प्रगति की.

मुंगेर सांसद ललन सिंह
मुंगेर सांसद ललन सिंह
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Published : Feb 3, 2022, 8:05 PM IST

Updated : Feb 3, 2022, 8:21 PM IST

पटना/नई दिल्ली: जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुंगेर सांसद ललन सिंह (Munger MP Lalan Singh)जब सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा कर रहे थे तब उन्होंने बिहार के विकास की कहानी बंटवारे से शुरू की. ललन सिंह ने कहा कि जब 15 नवंबर 2000 को बिहार से झारखंड अलग हुआ तो उसके साथ ही बिहार का सारा संसाधन झारखंड चला गया. बिहार में उद्योग बचे नहीं, ऊपर से सारी खनिज संपदा झारखंड चली गई. उस वक्त ये कहा जाने लगा कि बिहार की कमाई वाला हिस्सा झारखंड चला गया और बिहार को हिस्से में सिर्फ लालू आलू और बालू मिला. ऐसे में बिहार कैसे आगे बढ़ेगा?

ये भी पढ़ें- विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर बोले ललन सिंह-'जब तक पिछड़े राज्य विकसित नहीं तब तक राष्ट्र समृद्ध नहीं'

'बिहार में उद्योग बचे नहीं, सारा संसाधन और खनिज संपदा झारखंड चला गया. लोग कहने लगे कि बिहार का विकास कैसे होगा. अब तो सिर्फ बिहार में लालू, आलू और बालू ही बचे हैं. लेकिन बिहार अपने संसाधन के बूते पर संभला और विकास के पथ पर बढ़ रहा है'- ललन सिंह, सांसद और राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू

ललन सिंह ने सदन में कहा कि 2005 में जब से नीतीश सरकार बनी तब से बिहार अपने संसाधन के बूते विकास दर में दोहरे अंक पर बना हुआ है. प्रदेश का विकास तेजी से हो रहा है. बिहार अपने हिस्से का काम करता आ रहा है. बिहार वहां तेजी से सक्रिय हो जाता है जहां पर जरा सी भी संभावनाएं रहतीं हैं. यहां विकास जिस तरह से हो रहा है उसमें इंडस्ट्री का योगदान मायने रखता है. उनका प्रदेश अब इथेनॉल का हब बनने की ओर कदम बढ़ा चुका है. ललन सिंह ने कहा कि बिहार की प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी हो रही है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2022 (Economic Survey Report 2022) के मुताबिक बिहार की प्रति व्यक्ति आय (Per capita income of Bihar) 1221 रुपए सालाना बढ़ी है.

'जब बिहार और झारखंड का बंटवारा हुआ तो उस एक्ट में एक प्रोविजन था. वो ये कि बिहार को सालाना 1000 करोड़ रुपए दिया जाए. जब योजना आयोग बंद हुआ तो ये राशि भी बंद हो गई. उसके बावजूद हमारा प्रदेश आगे बढ़ रहा है. रघुराम राजन की रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है, फिर भी बिहार आगे बढ़ रहा है'- ललन सिंह, सांसद और राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू

ललन सिंह ने बिहार के विकास के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की. ललन सिंह ने जोर देकर कहा कि किसी भी राष्ट्र का विकास तभी संभव है जब पिछड़े राज्यों को विकसित किया जाए. बिहार अपना काम कर रहा है. दरअसल जब बिहार का बंटवारा हुआ उस वक्त राबड़ी देवी की सरकार थी. लालू यादव पर चारा घाटोले का केस चल रहा था. पूरे देश में लालू, आलू और बालू की तस्करी की वजह से बालू की चर्चा थी.

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पटना/नई दिल्ली: जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुंगेर सांसद ललन सिंह (Munger MP Lalan Singh)जब सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा कर रहे थे तब उन्होंने बिहार के विकास की कहानी बंटवारे से शुरू की. ललन सिंह ने कहा कि जब 15 नवंबर 2000 को बिहार से झारखंड अलग हुआ तो उसके साथ ही बिहार का सारा संसाधन झारखंड चला गया. बिहार में उद्योग बचे नहीं, ऊपर से सारी खनिज संपदा झारखंड चली गई. उस वक्त ये कहा जाने लगा कि बिहार की कमाई वाला हिस्सा झारखंड चला गया और बिहार को हिस्से में सिर्फ लालू आलू और बालू मिला. ऐसे में बिहार कैसे आगे बढ़ेगा?

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'बिहार में उद्योग बचे नहीं, सारा संसाधन और खनिज संपदा झारखंड चला गया. लोग कहने लगे कि बिहार का विकास कैसे होगा. अब तो सिर्फ बिहार में लालू, आलू और बालू ही बचे हैं. लेकिन बिहार अपने संसाधन के बूते पर संभला और विकास के पथ पर बढ़ रहा है'- ललन सिंह, सांसद और राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू

ललन सिंह ने सदन में कहा कि 2005 में जब से नीतीश सरकार बनी तब से बिहार अपने संसाधन के बूते विकास दर में दोहरे अंक पर बना हुआ है. प्रदेश का विकास तेजी से हो रहा है. बिहार अपने हिस्से का काम करता आ रहा है. बिहार वहां तेजी से सक्रिय हो जाता है जहां पर जरा सी भी संभावनाएं रहतीं हैं. यहां विकास जिस तरह से हो रहा है उसमें इंडस्ट्री का योगदान मायने रखता है. उनका प्रदेश अब इथेनॉल का हब बनने की ओर कदम बढ़ा चुका है. ललन सिंह ने कहा कि बिहार की प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी हो रही है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2022 (Economic Survey Report 2022) के मुताबिक बिहार की प्रति व्यक्ति आय (Per capita income of Bihar) 1221 रुपए सालाना बढ़ी है.

'जब बिहार और झारखंड का बंटवारा हुआ तो उस एक्ट में एक प्रोविजन था. वो ये कि बिहार को सालाना 1000 करोड़ रुपए दिया जाए. जब योजना आयोग बंद हुआ तो ये राशि भी बंद हो गई. उसके बावजूद हमारा प्रदेश आगे बढ़ रहा है. रघुराम राजन की रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है, फिर भी बिहार आगे बढ़ रहा है'- ललन सिंह, सांसद और राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू

ललन सिंह ने बिहार के विकास के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की. ललन सिंह ने जोर देकर कहा कि किसी भी राष्ट्र का विकास तभी संभव है जब पिछड़े राज्यों को विकसित किया जाए. बिहार अपना काम कर रहा है. दरअसल जब बिहार का बंटवारा हुआ उस वक्त राबड़ी देवी की सरकार थी. लालू यादव पर चारा घाटोले का केस चल रहा था. पूरे देश में लालू, आलू और बालू की तस्करी की वजह से बालू की चर्चा थी.

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Last Updated : Feb 3, 2022, 8:21 PM IST
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