नई दिल्ली/पटना: जदयू सांसद दिनेश चंद्र यादव ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामला (Lakhimpur Kheri Case) में कहा कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी का इस्तीफा विपक्ष को नहीं मांगना चाहिए. ये उचित नहीं है. विपक्ष संसद में जानबूझकर अराजकता फैला रहा है. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को संविधान का ज्ञान नहीं है. अगर बेटे ने गलती की है तो उसकी सजा पिता को नहीं दी जा सकती. कानून तो यही कहता है.
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''अगले साल यूपी विधानसभा चुनाव है. इस मुद्दे को उठाकर विपक्षी दल बीजेपी को क्षति पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन नुकसान नहीं पहुंचा पायेंगे. सत्ता पक्ष या विपक्ष जितने भी सांसद संसद में आते हैं, वह सब समझदार व पढ़े लिखे होते हैं. लेकिन विपक्षी सांसद समझदार होकर भी गलत मुद्दे को पकड़े हुए हैं और हंगामा खड़ा कर रहे हैं.''- दिनेश चंद्र यादव, जदयू सांसद
बता दें 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में इस घटना में चार किसानों और एक स्थानीय पत्रकार समेत 8 लोगों की हत्या हुई थी. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र टेनी और उसके साथियों पर आरोप है कि वह फायरिंग करते हुए किसानों को अपनी गाड़ी से रौंदते हुए निकल गए. 4 अक्टूबर को तिकुनिया थाने में आशीष मिश्रा टेनी समेत कई अन्य के खिलाफ में FIR दर्ज की गई, हालांकि बाद में SIT की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि यह एक हादसा नहीं बल्कि सोची समझी साजिश के तहत हत्याकांड है. इस मामले में पुलिस की उस वक्त किरकिरी हुई जब SIT ने पूरे प्रकरण को हत्या की साजिश बताया और गंभीर धाराएं जोड़ दी.
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वहीं, SIT रिपोर्ट के बाद से विपक्ष इस मुद्दे को लगातार उठा रहा है और यूपी सरकार और केंद्र सरकार को घेर रहा है. संसद में रोज इस मुद्दे पर हंगामा हो रहा है. विपक्षी दल केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. आज विपक्षी सांसदों ने सांसद से विजय चौक तक इस्तीफे की मांग को लेकर मार्च भी निकाला.
बता दें जदयू ने बीजेपी का समर्थन करते हुए कहा है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को इस्तीफा देने की जरुरत नहीं है. जदयू का समर्थन बीजेपी के लिये राहत भरी बात है, क्योंकि जातीय जनगणना, शराबबंदी, बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर बीजेपी और केंद्र सरकार का जा रुख है, उससे जदयू नाराज है. इसके बावजूद भी जदयू ने इस विषय पर बीजेपी का साथ दिया.
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