पटना: बिहार में इफ्तार के बहाने सियासत (Politics On Pretext Of Iftar) भी शुरू हो चुका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फुलवारीशरीफ इस्लामिया ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन में इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे. वहां लाल किले की तस्वीर लगाई गई थी. वहीं तस्वीर जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर ने भी कुछ ऐसा ही पोस्टर पार्टी कार्यालय के बाहर लगा दिया. अब इस पर बयानबाजी शुरू हो गई.
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"जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पास हुआ है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं है. लेकिन इस बार 2024 में लीड कौन करेगा. इसके लिए भी नीतीश कुमार सबसे योग्य हैं".- खालिद अनवर, जेडीयू एमएलसी
नीतीश कुमार योग्य उम्मीदवार: जेडीयू नेता खालिद अनवर ने कहा कि जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पास हुआ है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं है. लेकिन इस बार 2024 में लीड कौन करेगा. इसके लिए भी नीतीश कुमार सबसे योग्य हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष में भी कई नेता हैं, लेकिन विपक्षी दलों में जितने भी नेता हैं उन सभी में नीतीश कुमार सबसे योग्य हैं. जेडीयू नेता खालिद अनवर ने कहा कि पहले से ही बिहार बीमारू राज्य था. सीएम नीतीश कुमार ने अपने प्रयास से बिहार को उस दौर से बाहर निकालकर रख दिया है. वहीं बीजेपी को देश से उखाड़ फेंक सकते हैं.
जेडीयू नेता ने कहा- बीजेपी की नीति से देश को नुकसान: जदयू एमएलसी खालिद अनवर ने पोस्टर लगाने के पीछे सफाई देते हुए कहा कि लाल किला हमारे देश का बड़ा धरोहर है. यह पूरी तरह से भाईचारा, मोहब्बत का मिसाल भी है. सीएम नीतीश कुमार ने इस विचारधारा को 20 साल से बचा कर रखा है कि देश में इस विचारधारा को बचाकर रखने की जरूरत है. बीजेपी की नीतियों से देश को बहुत नुकसान हो रहा है.
जेडीयू प्रवक्ता नीरज ने पोस्टर से झाड़ा पल्ला: इस मामले पर जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा 'यह पार्टी का अधिकृत पोस्टर नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार भी नहीं है. जबकि दावत-ए-इफ्तार से किसी को पेट में दर्द हो रहा है. तब मुझे उस पर कुछ भी नहीं बोलना है'.
जेडीयू प्रवक्ता नीरज का पीएम पर हमला: उन्होंने कहा कि लाल किला को शाहजहां ने 9 साल से अधिक समय में बनवाया था. जबकि नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए भी दो करोड़ में बनाये थे. वहीं इमारत ए शरिया की ओर से पोस्टर लगाया था कि उस समय में नरेंद्र मोदी ने राजकोष का खजाना खर्च किया था. वे उस समय उपहास के पात्र भी बने थे. हमलोगों की आपत्ति जरूर इस बात पर है कि देश का जो धरोहर है. उस लाल किला को भी मेंटेनेंस के लिए निजी हाथों में दे दिया गया.