पटना: जदयू कार्यालय में जनसुनवाई कार्यक्रम (JDU public hearing program) में पहुंचे ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार के कारण ही अब बिहार से मजदूरों का पलायन होगा. श्रवण कुमार (Shravan Kumar On Labor Migration In Bihar) ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से पहले 15 करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य रखा गया था जिसे हम लोगों ने प्राप्त कर लिया और उसके बाद 12 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य देने का आग्रह केंद्र से किया था लेकिन केंद्र सरकार ने केवल ढाई करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य दिया है, इसे भी प्राप्त कर लिया गया है. अब स्थिति यह है कि बिहार के मजदूरों के पास काम नहीं है. ऐसे में केंद्र सरकार के कारण ही पलायन के लिए मजबूर होंगे.
ये भी पढ़ेंः पंचायती राज मंत्री को श्रवण कुमार की सलाह, हर मंत्री को अपने विभाग की समीक्षा करनी चाहिए
केंद्र सरकार को लिखा गया पत्रः ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार पर मनरेगा की सामग्री का 1000 करोड़ से अधिक का बकाया भी है. वह भी बिहार को नहीं मिल रहा है. हम लोग विभागीय स्तर पर पहले प्रयास किए हैं लेकिन केंद्र सरकार ने ध्यान नहीं दिया. इसलिए आप लोगों के माध्यम से अब हम अपनी बात उन तक पहुंचाना चाहते हैं. हम लोग लगातार केंद्र सरकार को पत्र भी लिख रहे हैं और बातचीत भी कर रहे हैं लेकिन बिहार की केंद्र सरकार उपेक्षा कर रही है.
"12 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य देने का आग्रह केंद्र से किया था लेकिन केंद्र सरकार ने केवल ढाई करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य दिया है, इसे प्राप्त कर लिया गया है. अब स्थिति यह है कि बिहार के मजदूरों के पास काम नहीं है और केंद्र सरकार के कारण ही पलायन के लिए मजबूर होंगे. हम लोग लगातार केंद्र सरकार को पत्र भी लिख रहे हैं और बातचीत भी कर रहे हैं लेकिन बिहार की केंद्र सरकार उपेक्षा कर रही है"- श्रवण कुमार, मंत्री, ग्रामीण विकास
बिहार में महागठबंधन सरकार का आरोपः आपको बता दें कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से जदयू मंत्रियों की ओर से लगातार केंद्र पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया जा रहा है. चाहे ग्रामीण विकास मंत्री हो या वित्त मंत्री या अन्य विभागों के मंत्री लगातार इस तरह ये आरोप लगा रहे हैं. अब ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है कि बिहार में मजदूरों के लिए मनरेगा के तहत काम नहीं है, केंद्र सरकार से जितना लक्षय मिला था वो पूरा कर लिया गया है.