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Chapra Poisonous Liquor case: NHRC कि रिपोर्ट पर बोले अशोक चौधरी - 'अगर कहीं गड़बड़ी हुई होगी तो सरकार कार्रवाई करेगी'

छपरा जहरीली शराबकांड को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार की जो रिपोर्ट आई है, उसको लेकर बिहार में सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी के नेताओं ने इस पर सरकार को घरना शुरू कर दिया है, तो वहीं जेडीयू के नेताओं का कहना है कि आयोग ने जो रिपोर्ट बनाई है उसका आधार क्या है, ये पहले देखना होगा.

अशोक चौधरी, मंत्री भवन निर्माण
अशोक चौधरी, मंत्री भवन निर्माण
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Published : Mar 24, 2023, 2:53 PM IST

अशोक चौधरी, मंत्री भवन निर्माण

पटनाः छपरा जहरीली शराबकांड को लेकर आई राष्ट्रीय मानवाधिकार की रिपोर्ट पर सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि आयोग ने किस आधार पर शराबकांड की रिपोर्ट दी है यह हमें नहीं पता है. उनका कंटेंट कहां से था और किस तरह से रिपोर्ट तैयार की गई, पहले उस पर गौर किया जाएगा. अगर इस तरह की कोई गड़बड़ी वहां पर हुई होगी तो निश्चित तौर पर सरकार वहां के जो अधिकारी है उस पर कार्रवाई करेगी.

ये भी पढ़ेंः Bihar Hooch Tragedy Case: छपरा में जहरीली शराब से 44 नहीं 77 की हुई थी मौत, NHRC की रिपोर्ट में खुलासा

"पहले हम लोग यह देखेंगे कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जो रिपोर्ट बनाई है, उसका आधार क्या है क्या वहां के अधिकारियों से इन सब बातों को लेकर पूछताछ किया है. वह घर-घर जाकर लोगों से मिलकर रिपोर्ट बनाए हैं, तो कई तरह की बातें इस रिपोर्ट को लेकर हो सकती है. लेकिन फिलहाल हम कहेंगे कि अगर कहीं भी शराबकांड मामले में अधिकारियों की लापरवाही दिखेगी तो सरकार उस पर कार्रवाई कर सकती है"- अशोक चौधरी, मंत्री भवन निर्माण

'हमलोग कोई आंकड़ा नहीं छुपाते': उनसे जब सवाल किया गया कि भाजपा के लोग कहते हैं कि सरकार ऐसी घटनाओं को लेकर आंकड़ा छुपाती है. तो उन्होंने कहा कि हम लोग ऐसा नहीं करते हैं, बिहार सरकार तो दुर्घटना में मारे गए लोग तक को मुआवजा देती है. हमलोग आंकड़ा छुपाने का काम कभी नहीं करते हैं. छपरा में जहरीली शराबकांड हुआ था, जो स्थिति बनी थी उस पर प्रशासन ने वहां पर काम किया. इसके बावजूद भी अगर कहीं पर कोई चूक हुई है या राष्ट्रीय मानवाधिकार ने कुछ अलग से देखा है, तो जो अधिकारी इसके लिए जिम्मेवार होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी.

क्या है एनएचआरसी की रिपोर्टः आपके बतादें कि एनएचआरसी ने पिछले साल नवंबर में छपरा में जहरीली शराब कांड की जांच के बाद कहा है कि जिला प्रशासन ने मरने वालों की संख्या छिपाई है. आयोग ने अपनी 18 पन्नों की रिपोर्ट में कहा है कि जहरीली शराब पीने से 44 नहीं बल्कि 77 लोगों की मौत हुई है. जिसमें ज्यादातर मजदूर, चालक, किसान और फेरीवाले शामिल थे. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मरने वालों में 75% लोग पिछड़ी जातियों के थे. इस रिपोर्ट पर बिहार सरकार के मंत्री अशोक चोधरी ने कहा कि सबसे पहले हम लोग यह देखेंगे कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जो रिपोर्ट बनाई है, उसका आधार क्या है.

अशोक चौधरी, मंत्री भवन निर्माण

पटनाः छपरा जहरीली शराबकांड को लेकर आई राष्ट्रीय मानवाधिकार की रिपोर्ट पर सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि आयोग ने किस आधार पर शराबकांड की रिपोर्ट दी है यह हमें नहीं पता है. उनका कंटेंट कहां से था और किस तरह से रिपोर्ट तैयार की गई, पहले उस पर गौर किया जाएगा. अगर इस तरह की कोई गड़बड़ी वहां पर हुई होगी तो निश्चित तौर पर सरकार वहां के जो अधिकारी है उस पर कार्रवाई करेगी.

ये भी पढ़ेंः Bihar Hooch Tragedy Case: छपरा में जहरीली शराब से 44 नहीं 77 की हुई थी मौत, NHRC की रिपोर्ट में खुलासा

"पहले हम लोग यह देखेंगे कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जो रिपोर्ट बनाई है, उसका आधार क्या है क्या वहां के अधिकारियों से इन सब बातों को लेकर पूछताछ किया है. वह घर-घर जाकर लोगों से मिलकर रिपोर्ट बनाए हैं, तो कई तरह की बातें इस रिपोर्ट को लेकर हो सकती है. लेकिन फिलहाल हम कहेंगे कि अगर कहीं भी शराबकांड मामले में अधिकारियों की लापरवाही दिखेगी तो सरकार उस पर कार्रवाई कर सकती है"- अशोक चौधरी, मंत्री भवन निर्माण

'हमलोग कोई आंकड़ा नहीं छुपाते': उनसे जब सवाल किया गया कि भाजपा के लोग कहते हैं कि सरकार ऐसी घटनाओं को लेकर आंकड़ा छुपाती है. तो उन्होंने कहा कि हम लोग ऐसा नहीं करते हैं, बिहार सरकार तो दुर्घटना में मारे गए लोग तक को मुआवजा देती है. हमलोग आंकड़ा छुपाने का काम कभी नहीं करते हैं. छपरा में जहरीली शराबकांड हुआ था, जो स्थिति बनी थी उस पर प्रशासन ने वहां पर काम किया. इसके बावजूद भी अगर कहीं पर कोई चूक हुई है या राष्ट्रीय मानवाधिकार ने कुछ अलग से देखा है, तो जो अधिकारी इसके लिए जिम्मेवार होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी.

क्या है एनएचआरसी की रिपोर्टः आपके बतादें कि एनएचआरसी ने पिछले साल नवंबर में छपरा में जहरीली शराब कांड की जांच के बाद कहा है कि जिला प्रशासन ने मरने वालों की संख्या छिपाई है. आयोग ने अपनी 18 पन्नों की रिपोर्ट में कहा है कि जहरीली शराब पीने से 44 नहीं बल्कि 77 लोगों की मौत हुई है. जिसमें ज्यादातर मजदूर, चालक, किसान और फेरीवाले शामिल थे. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मरने वालों में 75% लोग पिछड़ी जातियों के थे. इस रिपोर्ट पर बिहार सरकार के मंत्री अशोक चोधरी ने कहा कि सबसे पहले हम लोग यह देखेंगे कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जो रिपोर्ट बनाई है, उसका आधार क्या है.

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