पटना: राजद उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद के बयान पर बिहार की राजनीति फिर से गरमा गई है. इस पर सूबे के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि रघुवंश प्रसाद जदयू से राजद के साथ आने का आग्रह कर रहे है. वहीं, तेजस्वी यादव का अलग ही राग है. लेकिन महागठबंधन कुछ भी कर ले जदयू, महागठबंधन में वापस नहीं जाने वाली. बिहार में एनडीए पूरी तरह से मजबूत है और 2020 में 2010 का भी रिकॉर्ड तोड़ने के लिये एक साथ चुनाव में उतरेगा.
राजद बन गई थी बड़ी समस्या- भवन निर्माण मंत्री
भवन निर्माण मंत्री ने कहा कि जिस वक्त नीतीश कुमार ने महागठबंधन को छोड़ा था. उस वक्त राजद एक बड़ी समस्या हो गई थी. राजद पर उस वक्त जो भ्रष्टाचार के सवाल उठे थे जदयू के लिए उन सवालों का जवाब देना काफी मुश्किल हो गया था. इन्ही सब प्रश्नों के कारण नीतीश कुमार ने राजद और महागठबंधन का साथ छोड़ दिया. इसीलिए अब महागठबंधन में वापस जाने का सवाल ही नही उठता.उन्होंने कहा कि महागठबंधन के कुनबा पूरी तरह से पिट चुका है, इसलिए उनकी तरफ से बार-बार जदयू को साथ मिलाने का बयान आता रहता है. साथ ही उन्होंने कहा कि महागठबंधन हमेशा जदयू और बीजेपी के रिश्तों पर बयानबाजी कर प्रयास करता है ताकि जदयू किसी तरह महागठबंधन में चले आए. रघुवंश प्रसाद का बयान भी इसी ओर इशारा कर रहा है पर ऐसा हो नहीं सकता.
जदयू चाहती है पार्टी का फैलाव
अशोक चौधरी ने जदयू के झारखंड में अकेले चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि हर पार्टी अपना फैलाव चाहती है. इसलिए जदयू भी बिहार से बाहर अपना फैलाव कर रही है. उन्होंने कहा कि वैसे भी जदयू कर्नाटक और नॉर्थ ईस्ट में चुनाव लड़ चुकी है. यदि अन्य राज्यों में भी चुनाव लड़ रही है तो इसमें गलत क्या है. किसी भी पार्टी को नेशनल पॉलिटिकल पार्टी बनने के लिए एक्सपेंशन की जरूरत होती है. इसके लिए पार्टी को चुनाव लड़ना होगा. इसमें कुछ भी गलत नहीं है.