पटना: मेवालाल चौधरी के मामले को लेकर पहले विपक्ष सत्ता पक्ष पर हमलावर था तो अब सत्तापक्ष के लोग विपक्ष पर हमलावर हैं. यह अलग बात है कि मेवालाल चौधरी से इस्तीफा ले लिया गया है. लेकिन आरोपों की राजनीति जारी है. जेडीयू के दिग्गज अब तेजस्वी यादव से सवाल पूछ रहे हैं.
'मैं मेवालाल चौधरी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने सुचिता के आधार पर इस्तीफा दे दिया. नीतीश कुमार अपने सुशासन का परिचय देते रहे हैं. आर्यन सिंह और रामाधार सिंह के मामले में ऐसे मिसाल पेश किए जा चुके हैं. दोषमुक्त होने के बाद ही हमने लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया. तेजस्वी यादव को इस पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. तेजस्वी यादव को भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए.'- वशिष्ठ नारायण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष,जेडीयू
'जो आज हम पर सवाल उठा रहे हैं. जो हम पर अंगुली उठाते हैं उनको खुद अपना सार्वजनिक जीवन कैसा है. देख लेना चाहिए.'-अशोक चौधरी, मंत्री, बिहार सरकार
'तेजस्वी यादव राजनीतिक मातम मना रहे हैं. तेजस्वी यादव के खिलाफ 420 दलित उत्पीड़न और धारा 302 के तहत मुकदमे दर्ज हैं क्या वह भी अपने पद से इस्तीफा देंगे'-नीरज कुमार, एमएलसी
'तेजस्वी यादव को भी इस्तीफा देना चाहिए'
जेडीयू की ओर से अब तेजस्वी को घेरा जा रहा है. जेडीयू तमाम वरिष्ठ नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर आरजेडी पर निशाना साधा और तेजस्वी से पूछा कि क्या अब वो नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देंगे.