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Upendra Kushwaha: कब JDU छोड़ेंगे उपेंद्र कुशवाहा? कहा- '19-20 फरवरी की बैठक के बाद लेंगे बड़ा फैसला'

उपेंद्र कुशवाहा 19 और 20 फरवरी को कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने वाले हैं. हालांकि पार्टी के दूसरे नेता इस तरह से बैठक बुलाने को गलत करार दे रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू के ओरिजनल कार्यकर्ताओं की बैठक को इलिगल कहना गलत है. इन सबके बीच उपेंद्र कुशवाहा के पार्टी छोड़ने के कयासों का बाजार भी गरम है.

Upendra Kushwaha
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Published : Feb 16, 2023, 2:27 PM IST

जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा

पटना: जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा गुरुवार को दिल्ली से पटना पहुंचे. पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग हमारे द्वारा बुलाए गए बैठक को इलीगल बता रहे हैं, वह पूरी तरह से गलत है. यह जनता दल यू के कार्यकर्ताओं की बैठक है तो वह पार्टी के खिलाफ कैसे है. अगर कोई पार्टी के खिलाफ इस बैठक को बता रहा है तो यह दुनिया का आठवां आश्चर्य है.

पढ़ें-Bihar Politics: 'विपक्षी एकता से BJP को डर तो है, चाहे कुछ भी कहें अमित शाह'- तेजस्वी यादव

'डील का खुलासा करें सीएम नीतीश': उपेंद्र कुशवाहा से जब पूछा गया कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर तेजस्वी यादव फैसला करेंगे तो उन्होंने कहा कि इसी डील की तो हम बात कर रहे हैं. मुख्यमंत्री जी जवाब नहीं दे रहे हैं. सीएम नीतीश जो डील राष्ट्रीय जनता दल के साथ किए हैं उसका खुलासा करें. अगर सीएम मंत्रिमंडल विस्तार का अधिकार तेजस्वी यादव को देते हैं तो आप खुद समझ लीजिए कि उनके साथ क्या डील हुई है.

"कार्यकर्ताओं की बैठक है उसे इलीगल कहने का कोई मतलब नहीं है. सभी जेडीयू के ओरिजनल कार्यकर्ता हैं. उनके मन में पार्टी को बचाने की चिंता है क्योंकि पार्टी रोज कमजोर होती जा रही है,बर्बाद होती जा रही है. मंत्रिमंडल का अधिकार तेजस्वी को देकर सीएम ने मेरे डील की बात को सही साबित किया है."- उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जदयू संसदीय बोर्ड

'19 और 20 फरवरी की बैठक महत्वपूर्ण': वहीं उन्होंने अपनी बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 19 और 20 फरवरी को बैठक है. जेडीयू के कार्यकर्ता उसमें आएंगे. इसमें कोई अन्य दल के कार्यकर्ता नहीं पहुंच रहे हैं. साथ ही जब उनसे पूछा गया कि आपने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने के बाद जंगलराज आने की बात कही है तो उन्होंने कहा कि यह हमसे क्यों पूछ रहे हैं, गांव में जाइए गांव की जनता से पूछिए. उसके बाद सब कुछ साफ-साफ आप लोगों को समझ में आ जाएगा कि लोग क्या सोच रहे हैं.

नीतीश कुमार vs उपेंद्र कुशवाहा: उपेंद्र कुशवाहा लगातार आरोप लगा रहे हैं कि जेडीयू संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया गया लेकिन यह झुनझुना थमाने की तरह है. पार्टी में उनको सम्मान नहीं मिलता. नीतीश कुमार ने राजद से डील की है जिससे पार्टी के ओरिजनल कार्यकर्ता नाराज हैं. वहीं सीएम नीतीश कुमार ने भी उपेंद्र कुशवाहा को लेकर साफ कर दिया है कि वे पार्टी से जाना है तो जा सकते हैं, कोई फर्क नहीं पड़ेगा. ऐसे में 19 और 20 फरवरी की बैठक अहम मानी जा रही है जिसमें उपेंद्र कुशवाहा कार्यकर्ताओं का मन टटोलने की कोशिश करेंगे.

जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा

पटना: जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा गुरुवार को दिल्ली से पटना पहुंचे. पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग हमारे द्वारा बुलाए गए बैठक को इलीगल बता रहे हैं, वह पूरी तरह से गलत है. यह जनता दल यू के कार्यकर्ताओं की बैठक है तो वह पार्टी के खिलाफ कैसे है. अगर कोई पार्टी के खिलाफ इस बैठक को बता रहा है तो यह दुनिया का आठवां आश्चर्य है.

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'डील का खुलासा करें सीएम नीतीश': उपेंद्र कुशवाहा से जब पूछा गया कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर तेजस्वी यादव फैसला करेंगे तो उन्होंने कहा कि इसी डील की तो हम बात कर रहे हैं. मुख्यमंत्री जी जवाब नहीं दे रहे हैं. सीएम नीतीश जो डील राष्ट्रीय जनता दल के साथ किए हैं उसका खुलासा करें. अगर सीएम मंत्रिमंडल विस्तार का अधिकार तेजस्वी यादव को देते हैं तो आप खुद समझ लीजिए कि उनके साथ क्या डील हुई है.

"कार्यकर्ताओं की बैठक है उसे इलीगल कहने का कोई मतलब नहीं है. सभी जेडीयू के ओरिजनल कार्यकर्ता हैं. उनके मन में पार्टी को बचाने की चिंता है क्योंकि पार्टी रोज कमजोर होती जा रही है,बर्बाद होती जा रही है. मंत्रिमंडल का अधिकार तेजस्वी को देकर सीएम ने मेरे डील की बात को सही साबित किया है."- उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जदयू संसदीय बोर्ड

'19 और 20 फरवरी की बैठक महत्वपूर्ण': वहीं उन्होंने अपनी बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 19 और 20 फरवरी को बैठक है. जेडीयू के कार्यकर्ता उसमें आएंगे. इसमें कोई अन्य दल के कार्यकर्ता नहीं पहुंच रहे हैं. साथ ही जब उनसे पूछा गया कि आपने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने के बाद जंगलराज आने की बात कही है तो उन्होंने कहा कि यह हमसे क्यों पूछ रहे हैं, गांव में जाइए गांव की जनता से पूछिए. उसके बाद सब कुछ साफ-साफ आप लोगों को समझ में आ जाएगा कि लोग क्या सोच रहे हैं.

नीतीश कुमार vs उपेंद्र कुशवाहा: उपेंद्र कुशवाहा लगातार आरोप लगा रहे हैं कि जेडीयू संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया गया लेकिन यह झुनझुना थमाने की तरह है. पार्टी में उनको सम्मान नहीं मिलता. नीतीश कुमार ने राजद से डील की है जिससे पार्टी के ओरिजनल कार्यकर्ता नाराज हैं. वहीं सीएम नीतीश कुमार ने भी उपेंद्र कुशवाहा को लेकर साफ कर दिया है कि वे पार्टी से जाना है तो जा सकते हैं, कोई फर्क नहीं पड़ेगा. ऐसे में 19 और 20 फरवरी की बैठक अहम मानी जा रही है जिसमें उपेंद्र कुशवाहा कार्यकर्ताओं का मन टटोलने की कोशिश करेंगे.

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