पटना: आरजेडी नेता और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह (Former Agriculture Minister Sudhakar Singh) के बचाव में आरजेडी की प्रतिक्रिया जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा को चुभ गई है. उन्होंने उसपर निशाना साधते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा कि राष्ट्रीय जनता दल को ऐसी भाषा नहीं बोलनी चाहिए थी. उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि राजनीति में किसी की आलोचना तो की जा सकती है. लेकिन, ये हमारे नेता को व्यक्तिगत रूप से गाली के सामन है. बता दें कि सुधाकर सिंह द्वारा दिए गए बयान पर राजद ने प्रतिक्रिया स्वरूप कहा था कि 'ये सुधाकर सिंह का निजी बयान है हम नहीं मानते कि ऐसा होगा.'
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'मेरा और सीएम नीतीश का डीएनए एक' : उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने और नीतीश के डीएनए को एक बताते हुए कहा कि उन्हें ऐसे बयान बर्दाश्त नहीं है. आरजेडी के नेता सुधाकर सिंह द्वारा दिया गया बयान आहत करने वाला है. लेकिन उनके बचाव में आरजेडी की ओर से दी गई प्रतिक्रिया और भी आहत करने वाली है. इस तरह की जो भाषा इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये ध्यान रखना चाहिए कि अगर कोई महागठबंधन में सीएम नीतीश कुमार पर ऐसे बयान देगा तो उसका वो विरोध करेंगे.
''जो बातें हमारे नेता के बारे में कही गईं, पॉलिटिकल रूप से कोई किसी की आलोचना कर सकती है, लेकिन व्यक्तिगत रूप से एक तरह की गाली दी गई है. हमने इसपर जो कुछ प्रतिक्रिया व्यक्त की मेरा मन आहत हुआ. मेरा ही मन आहत नहीं बल्कि लाखों, करोड़ों लोगों का मन भी आहत हुआ है. इसकी प्रतिक्रिया में आरजेडी की ओर सो जो बयान आया है, वो और ज्यादा आहत करने वाला है. नीतीश और मेरा DNA एक है, कोई मेरे नेता को कोई गाली दे ये मुझे बर्दाश्त नहीं हो सकता.''- उपेन्द्र कुशवाहा, जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष
कुशवाहा ने तेजस्वी को याद दिलाया RJD का जंगलराज : इससे पहले उपेन्द्र कुशवाहा ने तेजस्वी को जंगलराज की याद दिलाते हुए ट्वीट किया था. दरअसल, नीतीश कुमार के बेहद करीबी जेडीयू नेता ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में 'जंगलराज' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया, लेकिन फिर भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खुले तौर पर कड़ा बयान दिया. कुशवाहा ने कहा, "सुधाकर सिंह के बयान से करोड़ों जेडीयू समर्थक आहत हुए हैं, जो समता पार्टी के गठन से नीतीश कुमार से जुड़े हैं, जो बाद में जेडीयू में बदल गई. आपको (तेजस्वी यादव) सुधाकर सिंह को सूचित करना चाहिए कि नीतीश कुमार को बिहार को भयावह स्थिति से बाहर निकालने के लिए याद किया जाएगा."
वहीं सीएम नीतीश ने सुधाकर सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वो उसका नोटिस ही नहीं लेते हैं. पार्टी के लोगों को इसको देखना चाहिए. ये इंटरनल मैटर है. ''कोई क्या बोलता है यह तो वही लोग बताएंगे ना. यह तो इंटरनल पार्टियों का चीज है, जब सभी लोग मिलकर काम कर रहे हैं तो किसी भी पार्टी में इंटरनली जब कोई बोलता है तो पार्टी वाले ही ना उसको देखेंगे और हम तो उसको नोटिस भी नहीं लेते हैं. इन सब बातों का कोई बहुत मतलब नहीं है, इसका कोई अर्थ नहीं है. खाली प्रचार हो जाता है. इसीलिए ना सबको मौका मिलता है.'' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
क्या कहा था सुधाकर सिंह ने? : सुधाकर सिंह ने एक निजी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में कहा था कि नीतीश कुमार सिर्फ 2 महीने के लिए आए थे. उन्होंने पहले ही समझौता किया था कि तेजस्वी यादव को सीएम बनाएंगे. मगर अब वो तेजस्वी को सीएम बनने नहीं दे रहे हैं. इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश की तुलना शिखंडी से की. उन्होंने कहा कि इतिहास सबको याद नहीं रखता है.सीएम के तौर पर नीतीश का नाम आज याद है. लेकिन कुर्सी छिनने के बाद आपका काम ही आपके नाम को याद रखेगा. कर्पूरी ठाकुर या लालू प्रसाद यादव की तरह नीतीश कुमार कभी भी इतिहास के पन्नों में शामिल नहीं होंगे. बिहार का इतिहास उन्हें हमेशा शिखंडी के रूप में याद करेगा.वह जब राजद के पास आए थे तो उन्होंने कमिटमेंट दिया था कि नाइट वाचमैन के तौर पर दो-तीन माह के लिए कुर्सी पर रहेंगे, फिर कुर्सी तेजस्वी को सौंप देंगे.