पटना: नरेंद्र मोदी सरकार के 1 साल का कार्यकाल पूरा हो गया है. इसको लेकर सहयोगी दल जेडीयू भी केंद्र सरकार की तारीफ की है. जेडीयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि लोगों ने जो प्रचंड बहुमत दिया, उसमें सरकार सफल साबित हुई है. उन्होंने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं.
जेडीयू नेता ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक आपदा के समय भी बड़े पैकेज की घोषणा एक बड़ा कदम है. केंद्र सरकार में जेडीयू की भागीदारी पर नीरज कुमार ने कहा कि यह फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष को करना है.
'पैकेज की घोषणा से आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का 1 साल पूरा हो गया है. कोरोना महामारी के बीच 1 साल पूरा होने पर कोई बड़ा जश्न तो नहीं मनाया गया न ही कोई बड़ा कार्यक्रम हुआ. केंद्र सरकार के 1 साल पूरा होने पर जेडीयू मंत्री नीरज ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने आम लोगों के जीवन दशा में बदलाव के लिए सार्थक पहल की गई है. उन्होंने कहा कि नई आर्थिक नीति लागू होने के बाद जो असमानता थी, उसपर कई बड़े फैसले लिए हैं और अभी कोरोना महामारी के समय भी बड़े पैकेज की घोषणा से कई क्षेत्रों में राहत देने की कोशिश हुई है. नीरज कुमार ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने की कई योजना शुरू हुई है.
'केंद्र सरकार ने पूरी की मांग'
केंद्र सरकार से बिहार को जो उम्मीद थी उस पर कितनी खड़ी उतरी है के सवाल पर जेडीयू मंत्री ने कहा कि केंद्र से लगातार सहयोग मिल रहा है. लेकिन चुनौतियों के समय है. उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में उपमुख्यमंत्री ने भी एक पत्र भेज राज्य के हिस्से का कर एकमुश्त देने की मांग की है. सूचना मंत्री नीरज कुमार ने बताया कि हमने केंद्र सरकार से जो भी मांग की है, उसे हर तरफ से पूरा किया गया है. अभी महामारी के समय में भी कई अनुरोध को केंद्र ने स्वीकारा है.
'केंद्र से मिल रहा सहयोग'
केंद्र सरकार में जेडीयू की भागीदारी के सवाल पर मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि बिहार से तो केंद्रीय मंत्रिमंडल में लोग हैं. जहां तक पार्टी का सवाल है, इसका फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार करेंगे. फिलहाल केंद्र सरकार से बिहार को हर संभव सहयोग मिल रहा है.
विवादास्पद मुद्दों को छोड़कर सभी फैसलों का समर्थन
बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार के अधिकांश बड़े फैसलों पर जेडीयू लगातार समर्थन करती रही है. चाहे वह जम्मू-कश्मीर का मामला हो या फिर अन्य फैसले हो. लेकिन कुछ विवादित फैसलों का विरोध भी जेडीयू ने किया है. जिसमें प्रमुख रूप से तीन तलाक और एनपीआर है. एनआरसी को लेकर भी नीतीश सरकार का शुरू से दबाव रहा है.