पटना: बिहार में अपराधियों के लगातार तांडव से नीतीश सरकार की मुश्किलें बढ़ी हुई है. नीतीश कुमार की सरकार बनने के बाद से कानून व्यवस्था को लेकर अब तक तीन बार समीक्षा कर चुके हैं. अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिया है. लेकिन अपराधियों ने मुख्यमंत्री के गृह जिले में ही तांडव कर चुनौती दे दी है और विपक्ष को भी एक बड़ा मुद्दा मिल गया है.
'अपराधियों पर तुरंत एक्शन'
इसको लेकर जदयू के नेता सरकार के बचाव में भी उतर गए हैं और कह रहे हैं कि 2005 से पहले का बिहार नहीं है. अब अपराधियों पर तुरंत एक्शन होता है. जदयू के पूर्व मंत्री महेश्वर हजारी का कहना है कि बिहार में 2005 से पहले क्या स्थिति थी, उस समय की स्थिति याद कर आज भी लोग सिहर जाते हैं.
सोना लूट मामले में गिरफ्तारी
जदयू के पूर्व मंत्री ने कहा कि बिहार में कोई भी घटना होती है तो पुलिस तुरंत एक्शन लेती है. अपराधी बख्से नहीं जाते हैं. दरभंगा में सोना लूट मामले में भी अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है और सोना की रिकवरी भी जल्द होगी. इसी तरह दूसरी घटना को लेकर भी पुलिस की तुरंत कार्रवाई होती है. विपक्ष का बोलने का काम है. लेकिन हत्या जैसे मामले में भी फांसी की सजा है. फिर भी हत्या हो रही है.
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नीतीश कुमार कर रहे समीक्षा
महेश्वर हजारी ने कहा कि नीतीश कुमार के शासन में अपराधी के बचने का सवाल ही नहीं है. बिहार विधानसभा चुनाव के बाद एक के बाद एक कई बड़ी घटनाएं हुई है. नीतीश कुमार ऐसे तो समीक्षा कर एक्शन में दिखने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री के गृह जिले में ही अपराधियों के तांडव से विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा फिलहाल मिल गया है.